
सू.वि.टिहरी
भारत सरकार द्वारा ग्रामीण विकास हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, चुनौतियों एवं प्रभाव को लेकर सोमवार को विकास भवन सभागार नई टिहरी में बैठक आहूत की गई।
भारत सरकार के 7वें कॉमन रिव्यू मिशन (सी. आर.एम.) सदस्य मानस की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सम्बन्धित विभागों द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी तथा योजनाओं के कुछ नियमों में बदलाव हेतु प्रस्ताव रखे गए।
महात्मा गांधी नरेगा में किए जाने वाले कार्य के लिए मैदानी एवं पहाडी क्षेत्रों की भौगोलिक परस्थितियां अलग-अलग होने के कारण कार्य प्रगति एक सम्मान नहीं मिल पाती जिसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों के लिए योजना में कुछ बदलाव करने के सुझाव दिए गए जैसे मजदूरी अंश तो मिल जाता है, परन्तु सामग्री अंश समय से न मिल पाने के कारण छोटे व्यापारियों द्वारा दोबारा सामग्री दे पाना मुश्किल हो जाता है, इसलिए सामग्री अंश को भी मजदूरी अनुपात के अनुसार समय से ही आवंटित किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में सामग्री मूल्य विषम भौगोलिक परिस्थिति होने, ढुलान आदि के कारण मूल्य अधिक आता है अतः इनके नियमों में बदलाव किया जाए। कार्य करने हेतु स्थल का चयन एक किलोमीटर के अन्दर हो तथा आने-जाने का समय भी कार्य समय में सम्मिलित किया जाए।
आवास सम्बन्धी स्वीकृत धनराशि मैदानी एवं पर्वतीय क्षेत्रों के लिए एक समान है चूंकि भौगोलिक स्थिति असमान होने के कारण पर्वतीय भूमि सुधार एवं सामग्री ढुलान आदि में ही अधिक धनराशि व्यय हो जाती है, जिसके मानकों को बदले जाने की आवश्यकता है।
पीएमजीएसवाई की रोड़ बनाने का कार्य स्थानीय ठेकेदारों को दिए जाने के सुझाव दिए गए, जिससे कि सड़कों की देखभाल उचित प्रकार से हो सके।
एनआरएलएम में कार्यरत कार्मिकों हेतु कुछ ऐसे प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सृजित किए जाने हेतु सुझाव दिए गए, जिससे कि वह समूह से जुड़ी गांव की महिलाओं को स्वरोजगार नियोजन हेतु प्रशिक्षित कर सके, क्योंकि ग्रामीण लोग किसी व्यवसाय को करने हेतु विश्वासी नहीं हो पाते है। परन्तु अगर उन्हें सहभागिता के साथ कोई कार्य करवाया जाए तो वह अपने व्यवसाय करने में सक्षम हो सकते हैं। समूह द्वारा अर्जित की जा रही आय की निगरानी रखी जाए तथा आय को बढ़ाने हेतु कार्य किया जाए।