6 मार्च को पीएम मोदी का मुखबा दौरा प्रस्तावित, तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन

उत्तरकाशी

6 मार्च को पीएम मोदी का मुखबा दौरा प्रस्तावित, तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के दौरे पर आ रहे हैं. 6 मार्च को पीएम मोदी का हर्षिल में दौरा प्रस्तावित है. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबित वे सुबह 8 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे. हेलीकॉप्टर से हर्षिल जाकर जनसभा को संबोधित करेंगे. वहीं मुखवा में मां गंगा की पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद वे दिल्ली वापस लौटेंगे.पीएम मुखबा और हर्षिल दौरे के दौरान जादूंग घाटी में विश्व के दूसरे ऊंचे ट्रेक जनकताल और नीलापानी घाटी में मुलिंगना पास का शिलान्यास करेंगे. दोनों ट्रेक के शुरू होने से 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद बंद इस घाटी में पर्यटन के नए आयाम खुलेंगे.

पूर्व प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम में मौसम खराब होने के कारण बदलाव होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का भ्रमण कार्यक्रम अब आगामी 6 मार्च को प्रस्तावित किया गया है. जिला प्रशासन के द्वारा प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों में जुटते हुए हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

पीएम नरेंद्र मोदी जब कभी देश-दुनिया के दौरे पर जाते हैं तो उनकी वेषभूषा पर सबका ध्यान होता है। वह अपने दौरे के दौरान उस क्षेत्र की वेषभूषा पहनकर स्थानीय लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं। इसी क्रम में आगामी 6 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी भारत-चीन सीमा पर बसे हर्षिल और मुखबा के दौरे पर आ रहे हैं। उनके इस दौरे के लिए उत्तरकाशी की स्थानीय वेषभूषा ऊन की भेंडी के साथ पजामा और पहाड़ी टोपी तैयार की गई है।

इस पहाड़ी परिधान को वीरपुर डुंडा नालंदा एसएचजी महिला स्वयं सहायता समूह की भागीरथी नेगी ने तैयार किया है। जबकि सुरेंद्र नैथानी ने इस पूरी ड्रेस की सिलाई की है। भागीरथी नेगी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बादामी और स्लेटी रंग में दो भेंडी कोट तैयार किए गए हैं। वहीं सफेद रंग के दो पजामे भी बनाए हैं। टोपी को भी भेंडी के रंग के अनुरूप बनाया गया है। इन टोपियों में तिरंगे के केसरी, हरी और सफेद रंग की पट्टी के साथ बल के प्रतीकात्मक लाल रंग की पट्टी और ब्रह्मकमल बनाया गया है।
परिधान दस दिन के भीतर तैयार किए गए
उन्होंने बताया कि भेड़ की ऊन की हाथ से कताई कर यह परिधान तैयार किए गए हैं। इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं की गया है। इसे इस तरीके से तैयार किया गया है कि इसकी ऊन में किसी भी प्रकार की चुभन न हो। खास बात यह है कि यह परिधान दस दिन के भीतर तैयार किए गए हैं।

वीरपुर डुंडा निवासी भागीरथी नेगी किन्नौरी समुदाय से आती हैं। भेड़ की ऊन से कपड़े तैयार करने का उनका पुश्तैनी काम है। वे लंबे समय से महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि हर्षिल और मुखबा प्रवास के दौरान पीएम मोदी के जनपद की स्थानीय वेषभूषा पहनने से भेंडी और ऊन के कपड़ों को अच्छी ब्राडिंग मिल सकती है।

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