उत्तराखंड में नई आबकारी नीति लागू, ओवररेट बेचने पर लाइसेंस हो जाएगा रद्द

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उत्तराखंड में नई आबकारी नीति लागू, ओवररेट बेचने पर लाइसेंस हो जाएगा रद्द

उत्तराखंड में कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई है. नई आबकारी नीति में कई बड़े बदलाव किए गए है. नई नीति में राज्य के धार्मिक क्षेत्रों के निकटवर्ती शराब की दुकानें को बंद करने का निर्णय लिया गया है और इसके साथ वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा गया है. शराब की दुकानों में ओवररेटिंग की शिकायत सही पाए जाने पर दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. वहीं नई आबकारी नीति में उप-दुकानों और मेट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त किया गया है. नई आबकारी नीति में किसी दुकान पर MRP से अधिक कीमत ली जाती है तो लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है. डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी MRP लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी.

अधिकारियों ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई है। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में आबकारी राजस्व में हुई वृद्धि को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5,060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4,439 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 4,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है। नीति में धार्मिक स्थानों के पास शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है तथा उप-दुकानों (दुकानों के लाइसेंस धारकों द्वारा दूसरे व्यक्ति को अपनी दुकान चलाने के लिए देने) तथा मैट्रो मदिरा बिक्री की व्यवस्था को समाप्त किया गया है। नई आबकारी नीति में अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक कीमत वसूलने पर शराब की दुकान का लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान किया गया है। शराब बेचने वाले डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी अधिकतम खुदरा मूल्य ही लागू होगा।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य
पिछले दो वर्षों में आबकारी राजस्व में राज्य में काफी वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में दी जाएगी छूट

नई आबकारी नीति के तहत स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी।

आबकारी नीति के तहत नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से दुकानें आवंटित की जाएंगी। आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है। स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी (आसवनी इकाइयों) द्वारा प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें नए बाजार उपलब्ध होंगे। आबकारी नीति-2025 में जनसाधारण को मदिरा के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक बनाने के विशेष अभियान चलाने का प्राविधान किया गया है। नई आबकारी नीति प्रदेश में आर्थिक सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

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