उत्तराखंड
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर ED ने कसा शिंकजा, जाने..
उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ने वाली है. जल्द ही हरक सिंह रावत पर प्रवर्तन निदेशालय ईडी का शिकंजा कसने वाला है. ईडी ने इस बार सहसपुर जमीन प्रकरण में हरक सिंह और उनके करीबियों की घेराबंदी की है. आरोप है कि हरक सिंह ने जमीन अपने नाम कराने के लिए आपराधिक साजिश थी, जिसके लिए ईडी ने एक अभियोजन शिकायत दायर की है.
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ गई है. प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी दीप्ति रावत और 3 अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. इस मामले में ईडी की तरफ से शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया गया है कि यह चार्जशीट देहरादून स्थित विशेष मनी लॉन्ड्रिंग निवारण (PMLA)अदालत में दायर की गई है. जिसमें बीरेंद्र सिंह कंडारी, लक्ष्मी राणा और पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट का नाम शामिल है.
प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने सहसपुर, देहरादून, उत्तराखंड में भारतीय दंड संहिता, 1860 के विभिन्न धराओं के तहत जांच शुरू किया है. जांच के दौरान पता चला कि बीरेंद्र सिंह कंडारी, हरक सिंह रावत, स्वर्गीय सुशीला रानी और अन्य व्यक्तियों के द्वारा रची गई साजिश के परिणामस्वरूप दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करने में सफल रहे हैं.
2017 में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में वन मंत्री थे. कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की सहसपुर क्षेत्र में 70 करोड़ रुपए की करीब 101 बीघा जमीन को जनवरी में अटैच कर दिया था. यह भूमि हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी लक्ष्मी राणा के नाम पर खरीदी गई थी. जिस पर पर श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया. इस इंस्टीट्यूट का संचालन हरक सिंह रावत के पुत्र तुषित रावत के पास है.
मौजूदा समय में हरक सिंह कांग्रेस में हैं. हरक सिंह का कहना है कि चुनावों के मौसम में ईडी की सक्रियता बढ़ जाती है. इससे पहले भी लोकसभा चुनाव 2024 के समय भी ईडी ने छापेमारी किया था. उसके बाद समय समय पर पूछताछ करते रही है.
