चमोली
चमोली को फिर जख्म: नंदानगर में बादल फटने से तबाही, लोग लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी…
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। एक ही रात में तीन गांवों में घर, गौशालाएं, और ज़िंदगियां मलबे में समा गईं। अब तक 12 लोगों के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 30 से अधिक भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। रेस्क्यू टीमें मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हैं.घाट तहसील के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। आपदा में अब तक 12 लोगों के लापता होने की सूचना है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित ग्राम कुंतरी लगा फाली है, जहां 8 लोग लापता हैं और 15 से 20 भवन व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। रात तीन बजे के करीब भारी बारिश के बीच लोगों के घरों पर मलबा आ गिरा।
दो महिलाओं और एक बच्चे को पुलिस व डीडीआरएफ की टीमों ने मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला। इन घायलों को नंदानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। करीब 200 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, ग्राम कुंतरी लगा सरपाणी में भी दो लोग लापता हैं और दो भवन ध्वस्त हुए हैं। यहां भी रेस्क्यू टीमों ने 100 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। ग्राम धुर्मा में मोक्ष नदी उफान पर आ गई, जिससे दो लोग लापता हैं और करीब 10 मकानों को नुकसान पहुंचा है।
राहत और बचाव कार्य जारी
जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि आपदा की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर भेजा गया। एसडीआरएफ की टीम नंदप्रयाग पहुंच चुकी है, जबकि एनडीआरएफ गोचर से नंदप्रयाग के लिए रवाना हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि तीन एंबुलेंस और मेडिकल टीम मौके पर भेजी गई हैं। वहीं, प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने की तैयारी भी की जा रही है।
बचाव कार्यों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी (गौचर 8वीं वाहिनी), डीडीआरएफ और राजस्व विभाग की टीमें जुटी हैं। लेकिन सड़कों के जगह-जगह बंद होने और भूस्खलन के कारण टीमों को घटनास्थल पर पहुंचने में देरी हो रही है। अधिकतर टीमें अब पैदल मार्ग से मौके पर पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन से चमोली की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिए कि लापता लोगों की खोज में कोई कोताही न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और सभी राहत शिविरों में रहने, खाने, इलाज और सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।