उत्तराखण्ड के भू कानून में सुधार की मांग,मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने सीएम को लिखा पत्र

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड के भू कानून में सुधार की मांग,मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने सीएम को लिखा पत्र

उत्तराखण्ड के भू कानून में सुधार की मांग, समिति ने सीएम को लिखा पत्र । मूल निवास भू कानून सँघर्ष समिति ने की नगर निकायों नगर पंचायत को भू कानून में सम्मिलित करने की मांग ।

मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने आज जिलाधिकारी, देहरादून के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। समिति ने राज्य के भू-कानून में प्रमुख कमियों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया और आवश्यक संशोधनों की मांग की तथा मांगे पूरी न होने पर पुनः मूल निवास भू कानून पर आंदोलन की चेतावनी दी ।

समिति ने बताया कि वर्तमान भू-कानून स्थानीय परिस्थितियों, भौगोलिक संरचना और जनसंख्या दबाव के अनुरूप नहीं है। इसके कारण स्थानीय लोगों की भूमि की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित नहीं हो पा रही है और बाहरी हस्तक्षेप रोकने में कानून प्रभावी नहीं है।
समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा कि उत्तराखण्ड में बने इस नए भू कानून के बावजूद लगातर राज्य की जमीनों को बड़े पैमाने में माफियाओं द्वारा लूटा जा रहा है । नगर पालिका और नगर पंचायते जब तक भू कानून में सम्मिलित नही होंगे तब तक यह भू कानून प्रभावी नही बन पाएगा । टोडरिया ने कहा राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन स्थल या तो नगर पालिका या नगर पंचायत के अंतर्गत आते हैं इनमें बाहरी लोगो के लिए खरीद फरोख्त पर कोई कानून नहीं है, पर्यटन स्थल से स्थान रोजगार करते हैं बाहरी व्यक्तियों द्वारा अत्यधिक मात्रा में ज़मीन ख़रीद फ़रोक़्त के कारण स्थानीय लोगो के हाथ से रोज़गार छिन गया है । हरिद्वार सहित संपूर्ण राज्य को कानून के दायरे में लाया जाए। अगर जल्द ही इस पर सरकार की तरफ से निर्णय नही हुआ तो प्रदेश भर में दोबारा भू कानून का आंदोलन होगा ।

समिति के सचिव राकेश नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड में जब तक सरकार की तरफ से मूल निवासी की परिभाषा स्पष्ट नही होगी तब तक मजबूत भू कानून की बात करना बेमानी है ।

समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष नौटियाल ने कहा कि कृषि भूमि के गैर-कृषि उपयोग पर सख्त शर्तें लागू की जाए एवं पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि हस्तांतरण के लिए पर्यावरणीय अनुमति अनिवार्य की जाए।और एक व्यक्ति और एक कंपनी द्वारा बार बार खरदीने और बेचने पर रोक लगायी जाए

समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि इन सुधारों को शीघ्र लागू किया जाए, ताकि राज्य की भूमि, पर्यावरण और स्थानीय निवासियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
ज्ञापन देते समय गगन बौड़ाई,पंकज उनियाल,सुमित थपलियाल,प्रांजल राणा एवं समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहे ।
लूशुन टोडरिया
संयोजक
मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति

9997894001

Epostlive.com