
टिहरी। बढ़ती कोरोना के कहर के कारण पहाड़ों पर पर्यटन चैपट हो गया है। गर्मियों के सीजन में जंहा पर्यटक स्थल पर्यटकों से गुलजार रहते थे, वंही हर जगह सन्नाटा पसरा हुआ है। पर्यटन कारोवार से अपना रोजगार चलाने वालों के सामने भी आजीविका का संकट पैदा हो गया है। टिहरी के धनोल्टी, काणाताल, कैम्पटी, टिहरी झील सहित अनेक पर्यटक स्थल खाली पड़े हुये हैं। यंहा पर्यटन व्यवसायियों में खासी मायूसी का महौल है। एक साल पहले जंहा पर्यटन ठप्प था, वंही इस बार व्यवसायियों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन फिर कोरोना की दूसरी लहर के कारण पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह पटरी से उतर चुका है। इस बार पर्यटन से अपना रोजगार चलाने वाले लोगों ने काफी तैयारियां की हुई थी लेकिन ये तैयारियां धरी की धरी रह गई हैं। यंहा होटल, रेस्टोरैंट सूने पड़े हंै, तो एडवेंचर के शोकीनों का कंही भी नामों निशान नही है। पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि सरकार की गाइडलाइन के कारण अन्य प्रदेशों के लोग उत्तराखण्ड नही पंहुच पा रहे हैं। दरअसल दूसरे प्रदेशों से आवाजाही के लिये कारोना नेगेटिव रिर्पोट होना जरूरी है, इसलिये पर्यटक नही पंहुच पा रहे हैं। पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि रोजगार का संकट तो है ही , बैंकों की किश्तें चुकाना भी उनके लिये मुश्किल हो गया है।