
टिहरी। प्रख्यात पर्यावरणविद और चिपको आन्दोलन के प्रणेता रहे सुन्दर लाल बहुगुणा के निधन के बाद उनका अस्थि कलश टिहरी लाया गया। नई टिहरी स्थित ठक्कर बप्पा छात्रावास में उनके अस्थि कलश को लोगों के लिये दर्शन के लिये रखा गया। यंहा पंहुचे कई सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों, राजनीति से जुड़े और आम लोगों ने स्वर्गीय बहुगुणा का श्रद्वांजलि दी। यंहा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये। इस मौके पर स्वर्गीय बहुगुणा की स्मृति में फलदार पेड़ों का रोपण भी किया गया। बहुगुणा की अस्थियों को सोमवार को उनके सिल्यारा स्थित पर्वतीय नव जीवन मंडल आश्रम में लोगों के दर्शनार्थ ले जाया जायेगा। मंगलवार को उनके अस्थि कलश को भगीरथी और भिलंगना नदी के संगम देवप्रयाग में विसर्जित किया जायेगा, जबकि एक अस्थि कलश उनके परिजनों द्वारा 13 दिन बाद गंगोत्री में विसर्जित किया जायेगा। नई टिहरी में लोगों ने बहुगुणा को याद करते हुये कहा कि स्वीर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा के पर्यारण प्रेम और पर्यावरण संरक्षण के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यो को हमेशा याद किया जायेगा। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि बहुगुणा जैसी शख्सियत पूरे उत्तराखंड में न तो वर्तमान में और न आने वाले समय में कोई नही है। उनके तप और सामर्थ्य का अवलोकन पूरा विश्व करता है। विदेशो में भी उनके कार्यो को लेकर चर्चाये होती रहती है।
अस्थियो के साथ चल रहे हिमालय बचाओ आंदोलन के समीर रतूडी ने कहा कि स्व बहुगुणा शारीरिक रूप से हमारे बीच मे नही है लेकिन जो नींव वे संघर्ष की, पर्यावरण प्रेम की, जन मानस के मुद्दों की समझ की हमारे बीच रख के गये है, वे हमेशा स्व बहुगुणा जी जीवित रखेंगे। उन्होंने बताया कि ठक्कर बापा छात्रावास स्व बहुगुणा जी के संघर्षों का एक प्रतिफल है व इसी छात्रावास से उन्होंने कई जनसंघर्ष के बिगुल बजाए है। ऐसे में उनके अस्थियो को दर्शानर्थ हेतु रखना बेहद महत्वपूर्ण था। उन्होंने बताया कि टिहरी बांध विरोध के आंदोलन के दौरान स्व बहुगुणा ने प्रण किया था कि वे अपने आश्रम तब जाएंगे जब बांध रुक जाएगा। बांध के न रुकने के कारण स्व बहुगुणा अपने आश्रम नही गये। उनकी अस्थियों को सिलयारा स्थित आश्रम में ले जाया जाएगा। सोमवार को पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम में उनकी अस्थियां दर्शानार्थ हेतु रखी जायेगी। इस मौके ब्लॉक प्रमुख प्रताप नगर प्रदीप रमोला, शांति भट्ट, देवेंद्र नौडियाल, मुशर्रफ, अमित पंत, आदि मौजूद थे। मंगलवार को देवप्रयाग संगम में उनकी अस्थियो को प्रवाहित किया जाएगा।