
टिहरी। यूकॉस्ट और पीजी कॉलेज नई टिहरी के जंतु व वनस्पति विज्ञान विभाग की पहल पर कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट ऑफ हिमालयन वॉटर एंड इकोसिस्टम इन उत्तराखंड विषय दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हो गया। इस मौके पर वक्ताओं ने हिमालयन रेंज में ताल, बुग्याल और ग्लेशियरों से हो रही छेड़छाड़ पर चिंता जाहिर की। वक्ताओं ने कहा कि इनके संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। पीजी कॉलेज परिसर में आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार का टिहरी के विधायक डा. धन सिंह नेगी ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करना जरूरी है। सतत विकास के साथ-साथ प्रकृति का ध्यान रखकर आगे बढऩा होगा। हिमालय से अनेक नदियां निकलती हैं जो पृथ्वी पर जीवन का आधार हैं। विधायक नेगी ने कहा किताल, बुग्याल को संरक्षित करने के मिलकर कार्य करना होगा। सेमिनार में पूर्व प्रमुख वन संरक्षक डा. आरबीएस रावत ने वेटलैंड इकोसिस्टम कंजर्वेशन के बारे में महत्वपूर्ण बिंदुओं और जलवायु परिवर्तन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा विकास सुनियोजित होना जरूरी है, ताकि पर्यावरण पर न्यूनतम हानिकारक प्रभाव पड़े। सेमिनार में कोविड-19 के चलते सेमिनार में 35 लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया गया। अधिकांश लोगों को ऑनलाइन जोड़ा गया।