राज्य की सभी अदालतों को सोमवार से विधिवत खोलने के आदेश। कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा।

नैनीताल। किसी भी तरह से अदालतों से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है। सोमवार से राज्य की अदालतों में न्यायिक काम-काज शुरू हो जाएगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने कोविड की नई गाइडलाइंस के अनुसार सोमवार से उत्तराखंड की सभी छोटी-बड़ी अदालतों को विधिवत रूप से खोलने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट से जारी सूचना के बाद सोमवार से प्रदेश में अदालतें खुलने का रास्ता साफ हो गया है।

हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने अपने आदेशों में कहा है कि कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए। किसी भी सूरत में नियमों की अवहेलना न हो, इस बात का भी सभी ख्याल रखा जाए। अब सोमवार से कचहरी में सभी कामकाज पूर्व की भांति सामान्य ढंग से गति से संचालित हो सकेंगे। इस फैसले से उन वादकारियों वह वकीलों को बड़ी राहत मिलेगी जो अपने मुकदमे लंबित होने से परेशान थे।

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बीजेपी ने बदला   प्रत्याशी।

रूठने मनाने का और प्रयोग का खेल जारी। कांग्रेस   के   बाद    अब     भाजपा      ने   भी  प्रत्याशी  बदलने  का  फैसला  लिया  है।    डोईवाला    विधानसभा सीट पर भाजपा  ने पहले  दीप्ति रावत…

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11 अक्टूबर से हड़ताल पर जाएंगे लैब टेक्नीशियन। कोरोना सहित अन्य जांचें हो सकती हैं प्रभावित।

हल्द्वानी। उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश के लैब टेक्नीशियन 11 अक्टूबर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं। ऐसे में लैब टेक्नीशियन के हड़ताल पर चले जाने से कोरोना जांच के अलावा अन्य मेडिकल जांच प्रभावित हो सकती हैं।
लैब टेक्नीशियन कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 20 सालों से लैब टेक्नीशियन के पद पर काम करते आ रहे हैं। वह लोग इसी पद पर काम करते हुए रिटायर हो रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा लैब टेक्नीशियन को पदोन्नति तक नहीं दी जाती है। इस कैडर के ढांचे में कोई बदलाव भी नहीं किया जाता है। इस कारण लैब टेक्नीशियन अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं। राज्य गठन के बाद से लैब टेक्नीशियन संवर्ग प्रमोशन एवं सेवा नियमावली से वंचित हैं। उत्तराखंड के लैब टेक्नीशियन जिस पद पर भर्ती होते हैं, उसी पद पर वह रहकर सेवानिवृत्त हो जाते हैं। उत्तराखंड में इस कैडर के प्रमोशन का कोई पद नहीं है, जबकि भारत सरकार में लैब टेक्नीशियन कैडर के प्रमोशन के 4 पद हैं। लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता कर कहा कि महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा 2016 में चिकित्सा विभाग के अंतर्गत कार्यरत लैब टेक्नीशियन के कैडर पुनर्गठन के लिए भारत सरकार की तर्ज पर कैडर गठन करने पर विचार कर शासन को भेजा गया था। लेकिन अभी तक उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में अब लैब टेक्नीशियनों ने मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का मन बनाया है। कर्मचारियों ने कहा है कि 11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक काला फीता बांधकर विरोध जताएंगे, जबकि 16 अक्टूबर को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और प्रभारी को ज्ञापन देंगे। 19 अक्टूबर को स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल व गढ़वाल मंडल को ज्ञापन देंगे. 20 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री और विधायकों से मुलाकात कर अपनी मांगों को रखेंगे। जबकि मांग पूरी न होने पर 23 अक्टूबर को उत्तराखंड राज्य के सभी लैब टेक्नीशियन द्वारा एक दिवसीय सामूहिक कार्य बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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सीएम धामी के जन्मदिन पर युवओं को तोहफा, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन फ्री।

देहरादून, 16 सितंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज (16 सितंबर) अपने जन्मदिन के मौके पर युवाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है। अब उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए आवेदन करने पर किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं के लिए गुरुवार को ये बड़ी घोषणा की है।
प्रदेश में कोविड-19 के चलते बेरोजगारों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से परेशानी झेल रहे युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में मुख्यमंत्री ने इसी के मद्देनजर आज बड़ी घोषणा की है। उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए आवेदन करने पर किसी तरह का शुल्क अब नहीं देना होगा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं के लिए गुरुवार को ये बड़ी घोषणा की है। बता दें कि आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जन्मदिन है. अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने बेरोजगार युवाओं को यह तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री की तरफ से की गई घोषणा के अनुसार अब बेरोजगारों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई शुल्क अदा नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह व्यवस्था 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इसके तहत उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लोक सेवा आयोग और स्वास्थ्य चयन सेवा बोर्ड की तरफ से रोजगार के लिए आवेदन करने पर एक निश्चित शुल्क देना पड़ता था। अब यह शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। इससे पहले राज्य सरकार कोविड-19 के कारण युवाओं को 1 साल की छूट दे चुकी है। अब एक बड़ा फैसला करते हुए युवाओं को किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में आवेदन करने पर किसी तरह के शुल्क के नहीं लगने की भी सहूलियत दी जा रही है।

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चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटी। हाईकोर्ट ने कोरोना नियमों के पालन करते हुए यात्रा शुरू करने को कहा।

नैनीताल, 16 सितंबर। चारधाम यात्रा पर आज नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर दायर शपथपत्र पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपने 28 जून 2021 के निर्णय को वापस लेते हुए कोविड के नियमों का पालन करते हुए चारधाम यात्रा शुरू करने को कहा है। हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटाया है। केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त, बदरीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में कुल 400 भक्तों को जाने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और डबल डोज वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेकर जाना अनिवार्य होगा।

सरकार ने की थी रोक हटाने की मांग

कोरोना के कारण इस साल बीती 28 जून को नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जुलाई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हालांकि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका भी दायर की थी, लेकिन बाद में सरकार ने उस एसएलपी को वापस ले लिया और दोबारा से नैनीताल हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा शुरू करने की पैरवी की। सरकार ने 10 सितंबर को प्रार्थना पत्र देकर चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाने की मांग की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई थी। गौरतलब हो कि कांग्रेस भी सरकार पर चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर दबाव बना रही थी। वहीं चारोंधामों के तीर्थ-पुरोहित भी चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में सरकार बीच भंवर में फंसी हुई थी। लेकिन अब जब कोर्ट ने सरकार को चारधाम यात्रा शुरू करने की अनुमति दे दी है तो सरकार को बड़ी राहत मिली है। गौर हो, 14 मई को यमुनोत्री धाम, 15 मई को गंगोत्री धाम, 17 मई को केदारनाथ धाम और 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे, कोरोना की वजह से चारधाम की यात्रा संचालित नहीं हो पाई है। अब देखने वाली बात होगी की सरकार पहले की तरह चरणबद्ध तरीके से ही यात्रा को शुरू हो करती है या फिर समय कम होने की वजह से पिछली बार की तरह गाइडलाइनों में कुछ बदलाव करती है, क्योंकि चारधाम यात्रा अब मुश्किल से डेढ़ महीने ही चल पाएगी। दीपावली से पहले चारधामों के कपाट बंद हो जाएंगे।

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नैनीताल में मुख्यमंत्री ने एक अरब से अधिक योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया, जन आशीर्वाद यात्रा के लिये पंहुचे नैनीताल।

नैनीताल । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जन आशीर्वाद यात्रा के अंतर्गत नैनीताल पहुंच गए हैं। हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं व स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। भाजयुमो कार्यकर्ताओं की ओर से तल्लीताल से वाहन रैली के माध्यम से उन्हें कार्यक्रम स्थल पंत पार्क मल्लीताल लाया गया। सीएम ने कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, जिला प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य, विधायक संजीव आर्य के साथ भारत रत्न जीबी पंत की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने एवरेस्ट विजेता शीतल राज के नेतृत्व में आदि कैलास की चोटी के लिए बेटियों के दल को फ्लैग ऑफ किया। इसके साथ मुख्यमंत्री ने यहां एक अरब से अधिक योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इन प्रोजेक्‍ट में नैनीताल की बाजारों का कुमाउंनी शैली में सुदृढ़ीकरण, बलियानाला ट्रीटमेंट समेत अन्य कार्य प्रमुख हैं।
इस अवसर पर विधायक संजीव आर्य, राम सिंह कैड़ा, नवीन दुमका व दिवान बिष्ट, प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट, प्रदेश मंत्री पुष्कर काला, प्रदेश मंत्री राजेंद्र बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, दीपक मेहरा, मजहर नवाब, पीसी गोरखा, मनोज साह, मेयर जोगेंद्र रौतेला, प्रकाश रावत, आनंद दरमवाल, आनंद बिष्ट, मनोज जोशी, योगेश रजवार, डॉ हरीश बिष्ट, रूपा देवी, रेखा रावत, संजय वर्मा, प्रतिभा जोशी, शांति मेहरा समेत कमिश्नर सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनंद, डीएम धीराज गर्ब्याल, केएमवीएन के एमडी नरेंद्र भंडारी समेत अन्य उपस्थित थे। समाचार लिखे जाने तक स्वागत समारोह जारी है।

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शुद्ध जैविक सब्जियों से आजीविका बढ़ा रहे हैं ग्रामीण।

नैनीताल- पहाड़ी मिट्टी की सौंधी सुगंध- मिठास और जैविक खादों से तैयार सब्जियां इन दिनों देश की थाली का स्वाद बड़ा रही है।
नैनीताल जिले के धानाचूली,धारी,सरना और चांफी आदि के ग्रामीण सड़कों पर स्ट्रॉल लगाकर आजीविका तो चला ही रहे हैं साथ ही ग्रामीणों के प्रयास देश की थाली तक पहाड़ की माटी की महक और स्वाद भी परोस रहे हैं।

दरअसल प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मुक्तेश्वर,रामगढ़,धानाचूली व पहाड़पानी सहित आदि जगहों में जाने वाले पर्यटक जब इस राह गुजरते हैं तो पहाड़ की सब्जियां,ककड़ी,शिमलामिर्च,आलू आदि अपने साथ ले जाना नहीं भूलते इसके अलावा जनपद व आसपास से भ्रमण पर जाने वाले लोगों को तरोताजा सब्जियां मिल जाती है और सब्जियों की बिक्री के साथ जुड़ी होती है ग्रामीणों की आजीविका।

खरीददारों को ताजी सब्जियां तो उपलब्ध हो ही रही है साथ ही इस बात का संतोष भी कि वो जो सब्जियां खरीद रहे हैं उससे ना जाने कितने लोगों की आजीविका भी चल रही है।

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कोरोना से अनाथ हुये बच्चे मानव तस्करी का शिकार न हों, पुलिस बरत रही है सतर्कता- प्रीति प्रियदर्शनी।

कोरोना ने कई बच्चों के माता-पिता को उनसे छीन लिया है, जिसके कारण वो अनाथ हो गए हैं। अनाथ बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए पुलिस गंभीर है। इसके लिए नैनीताल पुलिस एक कार्य योजना तैयार करने जा रही है। पुलिस अब अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर ये पता लगाएगी कि जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं। उनको कौन पाल रहा है। साथ ही ऐसे बच्चों का डाटा तैयार कर प्रशासन को भेजेंगी। नैनीताल की एसएसपी प्रीति प्रियदर्शनी का कहना है कि पुलिस विभाग को अनाथ बच्चों के सुरक्षित भविष्य को लेकर काफी फिक्र है। ऐसे में अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर उनका डाटा तैयार करने का काम किया जा रहा है। साथ ही पुलिस ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन बच्चों का भविष्य किसके हाथों में है। ये बच्चे मानव तस्करी का शिकार ना हो इसको लेकर पुलिस सतर्कता बरत रही है और इस ओर भी काम कर रही है। एसएसपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर अनाथ बच्चों को गोद लेने की चर्चाएं भी जोरों पर चल रही हैं। बिना गोद लेने की प्रक्रिया पूरी किए अगर किसी ने भी इन बच्चों को गोद लिया तो मामला संज्ञान में आने पर उक्त व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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शासन का पुतला फूंक कर जताया रोष

नैनीताल नगर पालिका के अध्यक्ष सचिन नेगी द्वारा शुरू आमरण को लेकर यहां राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। नेेगी के समर्थन में अब कांग्रेस भी सामने आ गई है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी की नगर इकाई ने शासन का पुतला फूंक कर विरोध जताया है। गौरतलब है कि शासन द्वारा बजट आवंटित न किए जाने का आरोप लगाते हुए नगर पालिका के अध्यक्ष सचिन नेगी सहित सभी सभासद नगर पालिका प्रांगण में बीते एक सप्ताह से धरने पर बैठे हुए थे।

मांग नहीं माने जाने पर सोमवार आठवें दिन से पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी आमरण अनशन पर बैठ गए थे। बुधवार को उनके आमरण अनशन को 48 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन अभी तक शासन प्रशासन से कोई भी उनकी सुध लेने नही पहुँचा है। इसके विरोध में बुधवार को नगर कांग्रेस द्वारा मल्लीताल पंत पार्क में राज्य सरकार का पुतला दहन किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक व महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने कहा कि संजीव आर्य भाजपा और सरकार का बचाव कर रहे हैं। वो गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विधायक जमीनी हकीकत जाने बिना आंकड़ों की बाजीगरी ना पेश न करें, जबकि ऐसे वक्त में उनको नैनीताल का विधायक होने के नाते नैनीताल की जनता के हित व पालिका हित को ध्यान में रखते हुए पालिकाध्यक्ष के अनशन को समर्थन करना चाहिए था। क्योंकि नैनीताल की जनता ने ही उनको विधायक बनाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते पालिका वित्तीय संकट से जूझ रही है और उनकी आय के दरवाजे भी पूरी तरह से बंद पड़े हैं। ऐसे में सरकार को पक्षपात नहीं करते हुए नैनीताल नगर पालिका को बजट देना चाहिए, जिससे कि पालिका अपने कर्मचारियों की तनख्वाह व पालिका के खर्चे वहन कर सके।

इस दौरान कांग्रेस नगर अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, युवा अध्यक्ष संजय कुमार, युवा विधानसभा इकाई अध्यक्ष योगेश आर्य, सभासद पुष्कर बोरा, सभासद राजू टाँक, सभासद गजाला कमाल, सभासद रेखा आर्य, सभासद निर्मला चन्द्रा, जेके शर्मा, जुनैद, जमीर अहमद, शेखर साह, तरुण ताकुली, रवि कुमार, सूरज कुमार, दिनेश कुमार, दीप आर्य व मनोज कुमार आदि कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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