उत्तराखंड के चमोली में एक बाइक का चालान बना चर्चा का विषय, जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड उत्तराखंड के चमोली में एक नाबालिग को मोटरसाइकिल चलाना महंगा पड़ गया। गोपेश्वर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक नाबालिग अपने मामा की मोटरसाइकिल लेकर सड़क पर उतरा तो पुलिस…

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हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद,2 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

चमोली चमोली: सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस भक्ति मय पल के साक्षी बनने के लिए…

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वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान की रिपोर्ट में कहा गया कि जोशीमठ में जमीन के भीतर पानी रिसने से चट्टानों का खिसकना बना भूधंसाव का कारण

उत्तराखंड जोशीमठ भूधंसाव के रहस्यों से पर्दा उठने लगा है। सरकार की ओर से वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के साथ ही जोशीमठ की जमीन के भीतर पानी…

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फूलो की घाटी – उत्तराखंड का प्रसिद्ध एवम् आकर्षक पर्यटन स्थल

उत्तराखंड देव स्‍थल उत्तराखंड अपने प्राकृतिक विविधाओं के कारण जाना जाता है। यहीं पर मौजूद है विश्व विख्यात फूलों की घाटी, जो अपने फूलों, हरियाली और स्वच्छ वातावरण से सबका…

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6 मई को 6 बजकर 25 मिनट पर खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट।

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के कपाट छह मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोले जाएंगे। मंगलवार को महाशिवरात्रि पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में 12वें ज्योर्तिलिंग में शामिल भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय की गई।शीतकाल के छह महीने कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि निश्चित कर दी गई है। केदारनाथ के कपाट 6 मई को प्रातः 6.25 पर अमृत बेला में खुलेंगे। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदार की डोली 2 मई को केदार धाम के लिए प्रस्थान करेगी। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पौराणिक परंपराओं के अनुसार शिवरात्रि के पर्व पर केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि वैदिक पूजा अर्चना के साथ ही पारंपरिक रीति रिवाज के तहत घोषित की गई। हक हकूकधारी, वेदपाठी, मंदिर समिति के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित की मौजूदगी में पंचांग गणना के अनुसार तिथि की घोषणा की गई।दो मई को बाबा केदारनाथ की डोली केदार धाम के लिए रवाना होगी। 2 मई को डोली गुप्तकाशी, 3 मई को फाटा, 4 मई को गौरीकुंड वह रात्रि विश्राम के बाद 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 पर कपाट आम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ के धर्माधिकारी ओमकारेश्वर शुक्ला, पुजारी व वेदपाठीगणों द्वारा पंचांग गणना के बाद कपाट खुलने की तिथि व मुहूर्त निश्चित किया गया।इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य आशुतोष डिमरी, श्रीनिवास पोस्ती, भास्कर डिमरी, मंदिर समिति के अधिकारी गण गिरीश चंद्र देवली राजकुमार नौटियाल, आरसी तिवारी, राकेश सेमवाल, डा हरीश गौड़, केदारनाथ के विधायक मनोज रावत आदि मौजूद थे।

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ज्योतिर्मठ नाम से जाना जाएगा जोशीमठ,सीएम ने 56 करोड़, 54 लाख, 93 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।

सीएम ने 56 करोड़, 54 लाख, 93 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।

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3 बच्चों सहित पति- पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, घटना से फैली सनसनी।

चमोली। जनपद स्थित घाट ब्लॉक के दूरस्थ गांव घुनी में एक ही परिवार के 5 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो हो गयी। परिवार के मुखिया का शव रस्सी से झूलता पाया गया। जबकि दुसरे कमरे में मृतक की पत्नी और तीन बच्चे मृत पाए गए। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी। सूचना मिलने के बाद मौके पर उपजिलाधिकारी चमोली सहित राजस्व, रेगुलर पुलिस की टीम पहुंचकर मामले की छानबीन में जुटी है। मौत के कारणों का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है।
मिली जानकारी के अनुसार घुनी गांव निवासी दिनेश लाल पुत्र ध्यानी राम पीआरडी में कार्यरत थे। घुनी गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य हरीश रावत ने बताया कि ग्रामीणों को घटना में दिनेश लाल का शव रस्सी से लटका मिला और बाकी 4 सदस्य संदिग्ध अवस्था में घर के अंदर ही मृत पाए गए। दिनेश का शव घर के एक कमरे में रस्सी के सहारे छत पर लगे हुक पर फांसी से लटका हुआ था। नायब तहसीलदार घाट धीरेंद्र राणा ने बताया कि मृतकों में दिनेश लाल (38 वर्ष), उनकी पत्नी बीरा देवी (35 वर्ष), बेटी नेहा (13 वर्ष), बेटा अरुण (8 वर्ष) व बेटा अक्षय (7 वर्ष) शामिल हैं। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई डाक्टरों की टीम को बुलाकर ही गांव में ही करवाई गयी। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गयी। पूरे घुनी गांव में मातम पसरा हुआ है।

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खबर दिनभर। 20 नवंबर 2021

खबर दिनभर 20 नवंबर।

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चीन बॉर्डर के साथ जुड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग पिछले 10 दिनों से बंद, बीआरओ को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना।

चमोली । ज़िले में चीन बॉर्डर के साथ जुड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग पिछले 10 दिनों से बंद पड़ा है। तमकानाला और जुम्मा में लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते जोशीमठ और मलारी के बीच हाईवे पर यातायात बाधित है। रणनीतिक महत्व के इस मार्ग के ठप होने के बाद से ही बॉर्डर रोड संगठन भारी मशीनों से रास्ता खोलने की कवायद कर रहा है लेकिन काफी मुश्किलें पेश आ रही हैं।
चट्टानों के लगातार दरकने और बारिश के हालात के चलते लगातार इस हाईवे पर मलबा और चट्टानों के टुकड़े गिर रहे हैं। इसलिए बीआरओ को राहत कार्य के दौरान खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ज़िला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया कि नीति वैली के स्थानीय लोगों के आवागमन के लिए अस्थायी तौर पर एक सड़क बना दी गई है और एसडीआरएफ व एनडीआएफ के कर्मचारी यहां मदद के लिए मौजूद हैं। एसडीआरएफ की एक टीम ने चमोली ज़िले के रैणी गांव के पास सैकड़ों लोगों के लिए बचाव और राहत कार्य को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि भूस्खलन के चलते सोमवार को तमस इलाके में फंसे 200 से ज़्यादा लोगों को एसडीआरएफ के टीमों ने निकाला। इस अभियान की तस्वीरें भी जारी की गईं। चूंकि यह रास्ता सेना के लिहाज़ से काफी अहम है और इसके ठप होने के कारण बॉर्डर पर तैनात सेना को ज़रूरी सप्लाई के लिए चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। एक अधिकारी के मुताबिक नजदीकी जोशीमठ बेस से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, मौसम विभाग की मानें तो चमोली राज्य का वह ज़िला है, जहां पिथौरागढ़ के बाद सबसे ज़्यादा बारिश पिछले 24 घंटों में हुई है। गौरतलब है कि मलारी हाईवे के अवरुद्ध होने के कारण नीति वैली के कम से कम एक दर्जन गांव प्रभावित हो गए हैं यानी 350 से ज़्यादा की आबादी संपर्क से कट चुकी है। हालांकि जोशी के मुताबिक कहा गया है कि इन गांवों में सप्लाई की कोई कमी नहीं है। वहीं, यह भी खबर दी गई है कि अगले 24 घंटों में यह रास्ता खुलने की उम्मीद है क्योंकि अब मलबा और पत्थरों का गिरना बंद होता दिख रहा है।

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वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, कोरोना के चलते आम लोगों को दर्शन की अनुमति नही।

चमोली। वैदिक मंत्रोचारण के साथ ही श्री बद्रीनाथ धाम
के कपाट आज सुबह 4:15 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं ,
इस बार बेहद सादगी के साथ कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन मे मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हकहकूकधारियो सहित केवल 50 लोग ही शामिल हो सके,
इस दौरान मास्क के साथ सोशल डिस्टेसिग का पालन किया गया। इससे पूर्व पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज्ड भी किया गया।
भगवान् के कपाट खुलते ही सबसे पहले अखंड ज्योति के दर्शन हुए।

आज भगवान् बदरीनाथ के दर्शन बिलकुल अलग होते हैं ऐसे दर्शन भगवान् बदरीनाथ के मंदिर में महज दो दिन ही हो पाते हैं जिसके साक्षी मात्र वही श्रद्धालुजन होते हैं जो कपाट खुलने पर और कपाट बंद होने पर बदरीनाथ पहुचते हैं आज भगवान् की पूजा अर्चना श्रींगार कुछ भी नहीं होता, आज के दर्शनों में मुख्यत अखंड ज्योति और भगवान् बदरीनाथ के निर्वाण दर्शन होते हैं जिसे देखने का आज का मुख्य महत्व होता है आज दिन भर मंदिर खुला रहेगा आज भोग के समय भी मंदिर बंद नहीं होगा जबकि 6 माह तक बदरीनाथ जी का मंदिर दोपहर में भोग लगने के बाद 3 घंटों के लिए बंद होता है ।
वही धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि आज बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद सबसे पहले मंदिर में हमने जो विश्व में कोरोना नामक महामारी फैली हुई है उसको रोकने के लिए भगवान बद्री विशाल से हमने प्रार्थना की व पूजा-अर्चना भी की।

लेकिन इस बार वैश्विक बीमारी कोरोना चलते भगवान बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए अनुमति नहीं थी।

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