उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस – विशेष

उत्तराखंड महोत्सव के रूप में मानेगा स्थापना दिवस।

सीएम पुष्कर धामी ने की “उत्तराखंड गौरव पुरस्कार 2021” की शुरुआत।

सीएम धामी ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में निर्देश दिए कि राज्य स्थापना दिवस को उत्तराखंड महोत्सव के रूप में आयोजित किया जाए. एक सप्ताह तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव के दौरान राजधानी से लेकर न्याय पंचायत स्तर तक कार्यक्रमों को आयोजित किया जाए. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्तराखंड गौरव पुरस्कार प्रदान किए जाने की भी बात कही, जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रतिष्ठित लोगों को पुरस्कृत किए जाने की व्यवस्था की जाए.

प्रतिवर्ष राज्य स्थापना दिवस पर 5 प्रतिष्ठित हस्तियों को मिलेगा उत्तराखंड गौरव सम्मान।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड गौरव सम्मान वर्ष 2021 प्रदान किये जाने हेतु गठित की गयी समिति की संस्तुति के आधार पर सम्मान हेतु चयनित श्री अनिल जोशी, श्री रस्किन बॉण्ड, श्रीमती बछेन्द्री पाल, श्री नरेन्द्र सिंह नेगी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री नारायण दत्त तिवारी को यह सम्मान प्रदेश के विकास में उनके द्वारा दिये गये योगदान का राज्य की ओर से दिया गया सम्मान है।

बछेंद्री पाल, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला है। सन 1984 में इन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया था। वे एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया की पाँचवीं महिला पर्वतारोही हैं। वर्तमान में वे इस्पात कंपनी टाटा स्टील में कार्यरत हैं, जहां वह चुने हुए लोगो को रोमांचक अभियानों का प्रशिक्षण देती हैं। 
नरेन्द्र सिंह नेगी जी उत्तराखण्ड के गढवाल हिस्से के मशहूर लोक गीतकारों में से एक है। कहा जाता है कि अगर आप उत्तराखण्ड और वहाँ के लोग, समाज, जीवनशैली, संस्कृति, राजनीति, आदि के बारे में जानना चाहते हो तो, या तो आप किसी महान-विद्वान की पुस्तक पढ लो या फिर नरेन्द्र सिंह नेगी जी के गाने/गीत सुन लो।
डा. अनिल प्रकाश जोशी पर्यावरण की बेहतरी को किए गए अपने कार्यों और प्रयासों के लिए देश-विदेश में जाने जाते हैं। वह हरित कार्यकर्त्ता होने के साथ ही हिमालयन पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हेस्को) के संस्थापक भी हैैं। डा. जोशी मुख्य रूप से पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और संरक्षण के लिए पारिस्थितिकी समावेशी अर्थव्यवस्था के विचार को लेकर आए।
करीब 71 प्रतिशत वन भूभाग वाले उत्तराखंड में ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से पार पाने के लिए डा. जोशी वर्ष 2010 से विभिन्न मंचों से राज्य में सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) के आकलन की पैरवी करते रहे।
वह उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री (1976-77, 1984-85, 1988-89) और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (2002-07) के रूप में कार्यरत थे। 1986 और 1988 के बीच, उन्होंने प्रधान मंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में पहली बार विदेश मामलों के मंत्री और फिर वित्त मंत्री के रूप में भी कार्यरत थे। उन्होंने 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी रहें।
रस्किन बॉण्ड अंग्रेजी भाषा के एक विश्वप्रसिद्ध भारतीय लेखक हैं। इनका जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली के एक फ़ौजी अस्पताल में हुआ । आज-कल वे अपने परिवार के साथ देहरादून जिला में रहते है। वे अग्रेज़ी मूल के लेखक हैं। 

टिहरी

राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक से नवाजे जाएंगे खजान सिंह।

जिला मुख्यालय नई टिहरी में अग्निशमन विभाग में बतौर लीडिंग फायर मैन कार्यरत खजान सिंह तोमर को राज्य स्थापना दिवस पर आज देहरादून में राज्यपाल के हाथों राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा।
खजान सिंह पुत्र तिलक सिंह तोमर निवासी कोरवा खत बमटाड, तहसील चकराता जौनसार देहरादून वर्ष 1996 में मेरठ में अग्निशमन विभाग में बतौर फायरमैन भर्ती हुए थे। खजान सिंह की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और उत्कृष्ट सेवा को देखते हुए वर्ष 2016 में उन्हें पुलिस महानिदेशक की ओर से सराहनीय सेवा पदक से नवाजा गया था। कोविड-19 के दौरान भी अच्छा कार्य करने पर पुलिस महानिदेशक ने प्रशस्तिपत्र देकर पुरस्कृत किया। 26 साल की सेवा में उत्कृष्ट सेवा को देखते हुए राष्ट्रपति द्वारा 15 अगस्त 2020 को खजान सिंह तोमर को सराहनीय सेवा पदक नवाजे जाने की घोषणा की गई थी। उन्हें यह पुरस्कार आज नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर राज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक से नवाजा जाएगा।

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