Monsoon Health Tips: बारिश के मौसम में बच्चे नहीं होंगे बीमार, यदि रखेंगे इन बातों का विशेष ध्यान

बारिश के मौसम में सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है. इस समय में बाहर के खाने और एक्स्ट्रा स्पाइसी फूड अवाइड करना होता है. इसके अलावा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. पेट के इनफेक्शन, सर्दी-जुकाम समेत वायरल बुखार इन दिनों सबसे ज्यादा परेशान करता है. वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस के केसेज भी लगातार बढ़ रहे हैं. जानें इस मौसम में अपना और बच्चों को ध्यान कैसे रखें.

कोरोना वायरस और मौसमी बीमारियों से बचने के लिए विटामिन-सी फूड

देश भर में कोरोना के केसेज बढ़ रहे हैं जिसे बच्चों के लिए खतरनाक बताया जा रहा है. ऐसी स्थिति में आम मौसमी बीमारियों से भी इन्हें बचाना जरूरी है. इसके लिए उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड देना चाहिए. जिससे संक्रामक रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी. डॉक्टरों की माने तो मौसमी संतरा, नींबू, आंवला समेत खट्टे फलों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है.

आसपास की जगहों को साफ-स्वच्छ रखें

घर में कई ऐसी जगहें होती हैं जहां आपकी पहुंच नहीं हो पाती है या आप हमेशा साफ नहीं करते हैं. साथ ही साथ मानसून के मौसम में जलजमाव भी रोगों को बढ़ावा देने का काम करती है. इन स्थानों पर पनपने वाले किटाणु, बैक्टीरिया, कॉकरोच या मलेरिया व डेंगू वाले मच्छर आपके बच्चों को गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं. ऐसे में इन स्थानों को हमेशा स्वच्छ करें, जलजमाव होने न दें.

जंक व पैक्ड फूड का सेवन न करें

डॉक्टरों की मानें तो मानसून में खुले में रखे जंक फूड में कीड़े लगने की संभावनाएं अधिक होती है. ठीक उसी तरह पैक्ड फूड में भी बैक्टिरीया या फंगस लग सकता है. ऐसे में कोशिश करें की इस दौरान बच्चों को पूरी तरह से पका हुआ घर का भोजन दें. हरी, साग-सब्जियों के अलावा फल, दलिया, खीचड़ी, ताजा डेयरी प्रोडक्ट आदि दे सकते हैं.

बच्चों को सूती कपड़े पहनाएं

दरअसल, मानसून के मौसम में बारिश तो होती है साथ ही साथ मौसम गर्म होने के कारण पसीना भी आता है. ऐसे में इस दौरान सूती या खादी के वस्त्र ही बच्चों को पहनाने चाहिए. जो आसानी से पसीने को सोख सकता है.

बिना डॉक्टरी सलाह के न दें दवा

घर में कुछ लोग बच्चों के इलाज संबंधी कुछ जरूरी दवाएं रखते हैं. लेकिन मॉनसून के दौरान कई तरह की गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में यदि उपचार के लिए आप अपनी दवा चला देंगे तो इससे बच्चे को नुकसान भी हो सकता है. अत: हमेशा डॉक्टर के परामर्श से ही दवाई दें.

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