टिहरी झील से देहरादून को सीधे जोड़ेगी 35 किलोमीटर लंबी सुरंग, महज एक घंटे में तय होगा सफर

उत्तराखंड

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ऐसे मेगा प्लान पर काम कर रहा है, जिससे टिहरी झील को नया आयाम मिल जाएगा। यह होगा दून को टिहरी झील से सीधे जोड़ने वाली टनल (सुरंग) से। जिसका निर्माण रानीपोखरी के पास से किया जाएगा और यह झील के पास कोटी कालोनी क्षेत्र में खुलेगी।एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार, सुरंग की कुल लंबाई 35 किलोमीटर होगी और इसका बजट आठ हजार करोड़ रुपये होने का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है।सुरंग निर्माण की मेगा परियोजना पर आगे बढ़ते हुए प्राधिकरण अधिकारियों ने सुरंग के एलाइनमेंट (संरेखण) पर काम शुरू कर दिया है। सुरंग की मूल लंबाई 27 से 28 किलोमीटर होगी, जबकि शेष भाग दोनों तरफ की सड़क के रूप में होगा।देहरादून के रानीपोखरी क्षेत्र के जिस भाग से सुरंग का निर्माण शुरू किया जाएगा, वहां से टिहरी झील की दूरी करीब 80 किलोमीटर है। यहां से टिहरी झील तक पहुंचने में दो घंटे से अधिक समय लग जाता है। सुरंग निर्माण के बाद यह दूरी महज एक घंटे के भीतर पूरी की जा सकेगी।एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक टिहरी झील तक डबल लेन की दो सुरंग का निर्माण किया जाएगा। 35 किलोमीटर लंबाई में एक सुरंग से दूसरी सुरंग में पहुंचने के लिए निर्धारित यूटर्न भी होंगे।दूसरी सुरंग आपात स्थितियों को ध्यान में रखकर भी बनाई जा रही है। ताकि, आग, भूस्खलन और भूकंप जैसी स्थिति में दूसरी सुरंग का प्रयोग किया जा सके।परियोजना में बड़े स्तर पर वन भूमि का हस्तांतरण किया जाएगा। साथ ही, निजी भूमि का अधिग्रहण भी होगा। हालांकि, कुल हस्तांतरण व अधिग्रहण को लेकर अभी तस्वीर साफ होनी बाकी है।जो पर्यटक गोवा की भांति विशाल सागर में अठखेलियां करने की चाहत रखते हैं, लेकिन गोवा नहीं जाना चाहते, उनके लिए टिहरी झील बेहतर विकल्प बन सकती है। क्योंकि, टिहरी झील का आकार एक छोटे सागर की ही भांति करीब 42 वर्ग किलोमीटर का है।साथ ही, यहां वाटर स्पोर्ट्स को लेकर सरकार निरंतर सक्रियता बढ़ा रही है। पर्यटन के नक्शे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्षमता रखने वाली टिहरी झील तक सुरंग निर्माण के बाद यहां से मिलने वाले राजस्व की भी बढ़ने की संभावना है।

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