खतरे में जोशीमठ शहर !मकानों और होटलों में आ रही दरारों ने बढ़ाई चिंता

उत्तराखंड

कई दिनों से जोशीमठ शहर में मकानों और होटलों में आ रही दरारों ने चिंता को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है. यहां हो रहे लगातार भू धसाव ने चिंता बढ़ाई हुई है. अब इसके ट्रीटमेंट को लेकर शासन द्वारा बड़े स्तर पर प्रयास भी किए जा रहे हैं. हाल ही में आपदा प्रबंधन की एक टीम ने इसपर अध्ययन कर रिपोर्ट शासन को सौंपी है. अब जानकारी के मुताबिक, फिर से धसाव के कारणों की जांच की जाएगी. जोशीमठ शहर में अनियंत्रित तरीके से हुए निर्माण की बात भी सामने आई है. शहर की कैपेसिटी को देखते हुए यहां निर्माण नहीं हुए. बल्कि सात-सात मंजिला होटल यहां बनाए गए, जिससे चिंता और बढ़ गई है. यही वजह है कि शासन स्तर पर इसको लेकर अलग से एक बैठक की जाएगी, जिसमें निर्माण को लेकर क्या प्लान होना चाहिए उसपर निर्णय लिया जाएगा. आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि अभी जोशीमठ में ऐसे मकानों के पहले फेज में शिफ्ट किया जाएगा, जहां पर दरारें ज्यादा है. शासन स्तर पर ऐसे लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें अलग स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा. ऐसे घरों को तत्काल दूसरी जगहों पर विस्थापित किया जाएगा, ताकि किसी बड़े संकट के बचा जा सके.

दरअसल जोशीमठ में 500 से अधिक घरों और भवनों में दरारें आ गई हैं. स्थानीय लोग जोशीमठ की पहाड़ी के नीचे सुरंग से होकर गुजरने वाली एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को भी जिम्मेदार मान रहे हैं, लेकिन शासन स्तर पर इसको दरारों का कारण नहीं माना गया है. नगर में कुछ लोग ऐसे भी हैं दो दहशत के चलते खुद ही दूसरी जगहों पर शिफ्ट हो गए हैं. उधर शासन का कहना है कि वो जोशीमठ को लेकर गंभीर है, अभी अधिक दरार आने वाली जगहों पर रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जाएगा वहीं जल्द ही इसके लिए पूरा प्लान बनाकर आगे की कार्यवाही की जाएगी.दरारों को लेकर प्रशासन गंभीरता से इसके बारे में सोचा रहा है और पूरा प्लान तैयार कर रहा है. अभी तत्काल कुछ निर्णय भी लिए गये हैं, जिसमें, होटल में यात्रियों के रुकने पर रोक लगाना, जल निकासी का प्लान तैयार करना, सीवर सिस्टम का काम जल्द पूरा करना, शिफ्ट करने के लिए टेंपरेरी व्यवस्था जल्द से जल्द शुरू करना, अधिक दरारों वाले घरों से लोगों को जल्द विस्थापन करना, निर्माण प्लान तरीके से करने की जरूरत पर विचार करने जैसे फैसले लिए गए हैं. इसके साथ ही अनियंत्रित निर्माण को लेकर जल्द बैठक करने पर भी फैसला लिया गया है.   

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