उत्तराखंड: उधारी और गरीबी में खत्म हुआ परिवार

उत्तराखंड

बागेश्वर के जोशी गांव में महिला और 3 बच्चों की आत्महत्या के मामले में कोतवाल को लाइन हाजिर किया गया है। इसके अलावा मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है।जिसमें कक्षा आठ में पढ़ने वाली मृतका अंकिता ने लिखा था कि आर्थिक तंगी और देनदारी की वजह से ही परिवार परेशान था। हालांकि पुलिस को कमरे से सल्फास नुमा कोई चीज भी मिली है जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सभी ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस का कहना है कि इससे पहले भूपाल राम के घर कुछ लोग पैसे मांगने आ रहे थे। सुसाइड नोट में घर आकर पैसा मांगने वाले कुछ लोगों के नाम भी लिखे हुए हैं। सुसाइड नोट की राइटिंग मिलाने के लिए आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली अंकिता की कॉपी भी ली गई है। पुलिस ने शुक्रवार को घटनास्थल पर किचन का बारीकी से मुआयना किया। रसोई में राशन के बर्तन खाली पड़े थे। आटा, चावल, तेल आदि कुछ भी सामग्री रसोई में नहीं थी। गैस का चूल्हा तो था, लेकिन सिलिंडर नहीं था। यानि कि परिवार के पास न तो खाने के लिए राशन था, न भोजन बनाने का साधन।

राइटिंग का मिलान एक्सपर्ट से कराया जाएगा। पिता भूपाल राम देनदारी को लेकर भागता रहा और उसने बच्चों का प्यार भी खो दिया। बताया जा रहा है कि घर पर लगातार लोग उधारी मांगने आ रहे थे। ऐसे में भूपाल राम की पत्नी नंदी देवी मानसिक दबाव में थी। भोपाल राम का परिवार बेहद गरीब है। लोगों से पैसा मांग कर अपना काम चला रहा था। भूपाल राम ढोल बजाने का काम भी करता था और टैक्सी भी चला लेता था। पहले भोपाल राम ने लोगों से उधार मांगा और फिर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने लगा। कमाई का कोई साधन नहीं होने के कारण वह इस खेल में नाकाम रहा। उसने परिवार को खुश रखने की काफी कोशिश की लेकिन देनदारी ही ज्यादा होने की वजह से उसे लोगों की धमकी मिलती रही है। ऐसे में भोपाल राम भाग गया और घर चलाने का सारा जिम्मा पत्नी के कंधे पर चला गया। ऐसे में पत्नी ने तीन मासूम बच्चों के साथ खुदकुशी करने की ठान ली और हमेशा के लिए दुनिया से चली गई।

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