भौंकुछ- विक्रम बिष्ट

टिहरी

लेकिन यहां अभी तो कुछ-कुछ ही हो रहा है, बहनों और भाइयों ! ट्रेलर का मजा लीजिए सबक के साथ, ताकि सनद रहे। यह
सेंगोल का त्वरित असर है । इधर दिल्ली में महिला पहलवानों को पुलिस ने बड़ी बहादुरी से गिरफ्तार किया है। उधर उज्जैन में महाकाल मन्दिर के महालोक में हवा ने सप्त ऋषियों की मूर्तियां लुढ़का दीं। बताते हैं कि मध्यप्रदेश में भी चुनावी हवाएं थर्म का रास्ता छोड़ कर्नाटक की राह पर हैं, बेशर्म कहीं की। इसलिए दिल्ली से पूर्व चेतावनी देने हवा के झोंके उधर रवाना किए गए हैं। अब राजदण्ड बाहर आ गया है। खबरदार!
हिन्दुत्व के कुछ आचार्यों का कहना है कि सेंगोल के प्रभाव से दुष्ट ग्रह कांग्रेस इत्यादि खुद ही संसद के नये भवन में नहीं जा सके हैं, यानी धर्मदण्ड से डर गये थे। बात भी सही है ,संसद और.हिन्दुत्व की महिमा तो ब्रजभूषण सिंह जैसे अति (!) महापुरुषों की गरिमामय उपस्थिति से.ही बढ़ती है। देश के लिए तो वह पन्द्रह-2 रुपये के हिसाब से हजारों मैडल ले ही आये़गे।
वैसे भी किसान- मजदूरों की बेटियों को इन पचड़ों में पड़ना ही नहीं चाहिए। हिन्दुत्व के विरोधियों की साजिशों और कलयुग के प्रभाव के चलते यह सब हो रहा है। अब धर्म का डण्डा आ गया है। दुष्ट ग्रह माफी मांगने के बाद सुधरने की शर्त पर नये संसद भवन में आ सकेंगे। बाकी पाकिस्तान भेज दिये जाएंगे।

Epostlive.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *