
उत्तराखंड
अब सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने एक बड़ा फैसला लिया है।उत्तराखंड में हर दिन होने वाले सड़क हादसे गंभीर समस्या हैं। कभी खराब सड़कें तो कभी रफ्तार का जुनून लोगों की मौत की वजह बन रहे हैं।संभागीय परिवहन प्राधिकरण यानि आरटीए ने वाहनों की अधिकतम स्पीड लिमिट तय कर दी है। दोपहिया वाहनों के लिए गति सीमा 20 और कार के लिए अधिकतम गति सीमा 45 किमी प्रति घंटे तय की गई है। मंगलवार को आरटीए की बैठक हुई। जिसमें सिटी बस, छोटी ओमनी बस व ई-रिक्शा के संचालन, नए रूटों को मंजूरी, गति सीमा निर्धारण व ट्रैवल एजेंसी संचालकों के पंजीकरण जैसे विषयों के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव/संभागीय परिवहन अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि पर्वतीय रूटों पर गति सीमा के निर्धारण के लिए परिवहन, लोनिवि व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया गया था।
टिहरी व उत्तरकाशी में ऐसे मार्ग पाए गए, जिन पर वाहनों के संचालन के लिए मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इससे संबंधित रूट से जुड़े क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं से लेकर माल की आपूर्ति में कठिनाई हो रही थी। लिहाजा, प्राथमिकता के आधार पर इन रूटों पर वाहन संचालन की अनुमति प्रदान की गई। इसके अलावा नई बस नीति के मुताबिक कार्रवाई किए जाने से लेकर ट्रैवल एजेंसी संचालकों के अनिवार्य पंजीकरण व छोटी ओमनी बसों (टाटा मैजिक) के परमिट जारी करने की अवधि बढ़ाने संबंधी प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई।
संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव/संभागीय परिवहन अधिकारी सुनील शर्मा के अनुसार, पर्वतीय रूटों पर गति सीमा के निर्धारण के लिए परिवहन, लोनिवि व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया गया था। अब गति सीमा को मंजूरी प्रदान कर दिए जाने के बाद सभी साइन बोर्ड बदले जाएंगे। लोगों की जानकारी के लिए नई गति सीमा दर्ज की जाएगी और इसी के मुताबिक चालान व अन्य कार्रवाई की जाएगी।