आज का इतिहास: नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर का निधन

इतिहास

साल 1913 भारत के लिए ये ऐतिहासिक साल था। पहली बार किसी भारतीय शख्स को नोबेल पुरस्कार मिला था, उस शख्स का नाम था रवीन्द्रनाथ टैगोर। जिनका जन्म आज ही के दिन 1861 में हुआ था। रवीन्द्रनाथ टैगोर को मिला ये नोबेल पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में भारत को मिला एकमात्र नोबेल है।

कहा जाता है कि महज 8 साल की उम्र में टैगोर ने अपनी पहली कविता लिखी थी। 16 साल की उम्र में उनकी पहली लघुकथा प्रकाशित हुई। टैगोर संभवत: दुनिया के इकलौते ऐसे शख्स हैं जिनकी रचनाएं 2 देशों का राष्ट्रगान बनीं। भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ और बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ टैगोर की ही रचनाएं हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवनकाल में 2200 से भी ज्यादा गीतों की रचना की।

अपने सभी भाई-बहनों में सबसे छोटे रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ। बचपन से ही उन्हें परिवार में साहित्यिक माहौल मिला, इसी वजह से उनकी रुचि भी साहित्य में ही रही। परिवार ने उन्हें कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेजा, लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा। इसलिए पढ़ाई पूरी किए बिना ही वे वापस लौट आए।

टैगोर को डर था कि उनका कविताएं लिखने का शौक घर वालों को पसंद नहीं आएगा। इसलिए उन्होंने अपनी कविता की पहली किताब मैथिली में लिखी। इस किताब को उन्होंने छद्म नाम ‘भानु सिंह’ के नाम से लिखा। भानु का मतलब भी रवि ही होता है। ये कविताएं उन्होंने अपने परिवार वालों को सुनाई। परिवार वाले बड़े खुश हुए। इसके बाद गुरुदेव ने बांग्ला में रचनाएं लिखनीं शुरू की।

इंग्लैंड से बंगाल लौटने के बाद उनका विवाह मृणालिनी देवी से हुआ। गुरुदेव का मानना था कि अध्ययन के लिए प्रकृति का सानिध्य ही सबसे बेहतर है। उनकी यही सोच 1901 में उन्हें शांति निकेतन ले आई। यहां उन्होंने खुले वातावरण में पेड़ों के नीचे शिक्षा देनी शुरू की।

नोबेल की कहानी

टैगोर को उनकी रचना ‘गीतांजलि’ के लिए नोबेल मिला। गीतांजलि मूलत: बांग्ला में लिखी गई थी। टैगोर ने इन कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद करना शुरू किया। कुछ अनुवादित कविताओं को उन्होंने अपने एक चित्रकार दोस्त विलियम रोथेंसटाइन से साझा किया। विलियम को कविताएं बहुत पसंद आईं। उन्होंने ये कविताएं प्रसिद्ध कवि डब्ल्यू. बी. यीट्स को पढ़ने के लिए दी। उन्हें भी ये कविताएं पसंद आईं और उन्होंने गीतांजलि किताब भी पढ़ने के लिए मंगवाई। धीरे-धीरे पश्चिमी साहित्य जगत में गीतांजलि प्रसिद्ध होने लगी। आखिरकार 1913 में उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 7 अगस्त 1941 को उन्होंने कोलकाता में अंतिम सांस ली।

 

कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा :-

1606 : मशहूर लेखक शेक्सपीयर के नाटक मैक्बेथ का पहली बार मंचन किंग जेम्स प्रथम के लिए किया गया था।
1753 : आज (aaj ka itihas August 7) ही के दिन ब्रिटेन म्यूजियम की स्थापना की गई।
1905 : 7 अगस्त के दिन ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया।
1941 : नोबेल पुरस्कार विजेता महान कवि गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर का निधन हुआ।
1944 : पहले कैलकुलेटर के नाम पर 51 फीट लंबी, 8 फीट ऊंचेी और पांच टन वजन की एक महाकाय मशीन का निर्माण हुआ।

1947 : मुंबई नगर निगम को बिजली और परिवहन व्यवस्था औपचारिक रूप ( formally ) से हस्तांतरित हुई थी।
1957 : अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया था।
1960 : अफ़्रीक़ा महाद्वीप के देश आइवरी कोस्ट को फ़्रांस के अधिकारों से स्वतंत्रता मिली थी।
1985 : गीत सेठी ने विश्व अमेच्योर बिलियर्ड्स चैंपियनशिप जीत इतिहास रचा।
1990 : अमेरिका ने सऊदी अरब में सेना तैनात कर ऑपरेशन डेजर्ट शील्ड शुरू किया था।

1998 : केन्या एवं तंजानिया की राजधानियों में स्थित अमेरिकी दूतावासों पर आतंकवादी हमले में करीब 200 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी।
2018 : देश में द्रमुक राजनीति का मजबूत चेहरा रहे एम. करूणानिधि का निधन हुआ।

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