
उत्तराखंड
प्रदेश में में कई परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। इसमें एक योजना गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने वाली भी है। इस परियोजना की खासियत ये है कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने वाली सुरंगों में ट्रेन और वाहन एक साथ दौड़ सकेंगे। बताया जा रहा है कि इसके लिए सुरंगों में ट्रैक और वाहनों के लिए सड़क साथ-साथ बनाई जाएगी।
प्रदेश की धामी सरकार ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड परियोजना से संबंधित डाटा साझा करने के लिए तैयार हो गया है। प्रदेश में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने गंगोत्री व यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने की योजना बनाई है।
इसके लिए सर्वेक्षण और तकनीक जांचों के बाद 121.76 किमी लंबी रेलवे के लिए करीब 29 हजार करोड़ की फाइनल डीपीआर रेलवे बोर्ड दिल्ली भेज दी गई है। इसमें से 70 प्रतिशत ट्रैक सुरंगों के अंदर होगा। इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) टिहरी झील को नया आयाम देने के लिए दून को टिहरी झील से सीधे सुरंग मार्ग से जोड़ने की परियोजना पर काम कर रहा है।
यह सुरंग रानीपोखरी के पास से शुरू होकर झील के पास कोटी कालोनी (टिहरी) तक प्रस्तावित है। जिसकी कुल लंबाई करीब 35 किमी होगी।एनएचएआई को अलग से सुरंग नहीं बनानी पड़े, इसलिए इसे रेलवे की परियोजना के साथ जोड़ने की कवायद शुरू की गई है।
इसके तहत शासन स्तर पर रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर इस विचार को साझा करते हुए संबंधित परियोजना का डाटा साझा करने की मांग की गई थी, जो रेलवे बोर्ड ने मान ली है। इस बाबत रेलवे बोर्ड ने आरवीएनएल को एनएचएआई को डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।