जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित के दिशा-निर्देशन में विभिन्न विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर स्वरोजगार के क्षेत्र में सशक्त होते युवा

सू.वि.टिहरी

‘‘जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित के दिशा-निर्देशन में विभिन्न विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर स्वरोजगार के क्षेत्र में सशक्त होते युवा।‘‘

‘‘कोरोना काल में दिल्ली से अपने गांव लौटे ग्राम नकोट, विकासखण्ड चम्बा के दिलवीर सिंह मखलोगा सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आजीविका चला रहे हैं।‘‘

‘‘दिलवीर सिंह मखलोगा पोल्ट्री फार्म के साथ-साथ सब्जी उत्पादन एवं बागवानी में काम कर रहे हैं तथा भविष्य में गांव के अन्य लोगों को साथ लेकर एकीकृत खेती करने के लिए प्रयासरत हैं।‘‘

श्री मखलोगा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में उन्हें पशुपालन विभाग से राज्य सेक्टर में ब्रायलर फार्म-मदर पोल्ट्री युनिट की स्थापना हेतु 15 हजार तथा छः ब्रायलर चिक्स बैच खरीद हेतु 45 हजार अर्थात् कुल 60 हजार रूपये की सब्सिडी दी गई। उन्होंने इस धनराशि से 500 क्षमता का फार्म बनाया और धीरे-धीरे अपने प्रक्षेत्र की क्षमता बढ़ाई तथा फार्म बड़ा होने के कारण वित्तीय वर्ष 2023-24 में पशुपालन विभाग ने उन्हें जिला योजना के अन्तर्गत बैक्यार्ड पोल्ट्री लिकेंज से जोड़ा। इस योजना के तहत पशुपालन विभाग उनसे एक माह के ब्रायलर चिक्स 70 रूपये प्रति ब्रायलर चिक्स खरीदता है व छोटे कुक्कुट पालकों को सब्सिडी में वितरित कर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में पहला बैच 02 हजार चिक्स से 40 हजार रुपए का लाभ, दूसरा बैच 03 हजार चिक्स 60 हजार, तीसरा बैच 03 हजार चिक्स 60 हजार, चौथा बैच 35 सौ चिक्स 70 हजार, पांचवा बैच 03 हजार चिक्स 60 हजार और छटा बैच 18 सौ चिक्स से 36 हजार रुपए अर्थात् कुल 06 बैच चिक्स से पशुपालन विभाग को दे चुके हैं, जिससे उन्हें 03 लाख 26 हजार का मुनाफा हुआ है।

श्री मखलोगा ने बताया कि समय-समय पर उन्हें केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है। पशुपालन विभाग से बकरीपालन के लिए बकरबाड़ा के लिए सहायता मिली तथा मनरेगा से एक वाटर टैंक बनाया गया। वर्तमान में श्री मखलोगा 50 से अधिक डबल एफ जी प्रजाति के मुर्गीपालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पोल्ट्री फर्मिंग मंे रॉ मेटिरियल उपलब्ध न होने के कारण फीड की दिक्कत हो रही है तथा कॉम्पिटीशन बाहर के राज्यों की मार्केट से है। उन्होंने कहा कि शुरूवती दिनों में फीड को लेकर यदि सब्सिडी मिल जाये तो लोकल फर्मिंग को जीवित रखा जा सकता है।

श्री मखलोगा ने पोल्ट्री फार्म में 02 बुखारी टेम्परर्स लगाये हैं, जिनसे मुर्गीयों हेतु तापमान नियंत्रित रखा जाता है। इसके साथ ही फार्म में कृषि विभाग द्वारा मनरेगा कनवर्जन में एक वाटर टैंक लगाया गया है। फार्म के पास ही उनके द्वारा बागवानी का काम किया जा रहा है, जिसमें अनार, नींबू, तेजपत्ता, केला, कीवी आदि अन्य पौधे लगाए गए हैं। इसके साथ भिंडी, कद्दू, बीन्स आदि अन्य सब्जियां लगाई गई हैं।

श्री मखलोगा ने कहा कि स्वरोजगार अपना कर वे खुश हैं तथा भविष्य में गांव के अन्य लोगों को साथ लेकर एकीकृत खेती करने के लिए प्रयासरत हैं।

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