उत्तराखंड 12 जिलों में पंचायत चुनाव के लिए सरकार तैयार, हाईकोर्ट में दाखिल किया शपथपत्र

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उत्तराखंड 12 जिलों में पंचायत चुनाव के लिए सरकार तैयार, हाईकोर्ट में दाखिल किया शपथपत्र

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की बेला बेहद नजदीक आ गई है. हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल नवंबर 2024 में समाप्त हो गया था. इसके बाद उत्तराखंड शासन ने पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर दिया था. ऐसे में पंचायत में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल मई अंत में समाप्त हो रहा है. जिसको देखते हुए राज्य सरकार के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. ऐसे में 15 जुलाई तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने की दिशा में सरकार तैयारियां कर रही है.
दरअसल, हाई कोर्ट में जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों के बाद ग्राम पंचायतों में भी निवर्तमान प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने को चुनौती देती याचिकाएं विचाराधीन हैं। कोर्ट ने इस मामले में पिछली सुनवाई में राज्य सरकार से पूछा था कि पंचायत चुनाव कब तक कराए जा सकते हैं।

जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि चुनाव कराने से संबंधित प्रक्रिया तैयार है। सरकार के स्तर से आरक्षण के निर्धारण पर निर्णय होना है। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने शपथपत्र दाखिल करने की पुष्टि करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भी साफ कर चुके हैं कि सरकार चुनाव को तैयार है, पंचायती राज सचिव स्तर से भी तैयारियां की जा रही हैं।

पूर्व ग्राम प्रधान विजय तिवारी सहित अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पहले राज्य सरकार ने जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त किया। फिर ग्राम पंचायतों का चुनाव कराने के बजाय निवर्तमान ग्राम प्रधानों को भी प्रशासक नियुक्त करके उन्हें वित्तीय अधिकार भी दे दिए गए है।
ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने से वे आगामी चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए ग्राम पंचायतों का शीघ्र चुनाव कराया जाय। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णयों में भी स्पष्ट है कि प्रशासक तभी नियुक्त किया जा सकता है जब ग्राम सभा को किन्ही कारणों से भंग कर दिया गया हो। तब भी छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। प्रशासकों का कार्यकाल छह माह से अधिक नहीं हो सकता। निर्वाचित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में प्रशासक नियुक्त करने से साफ है कि राज्य सरकार अभी चुनाव कराने की स्थिति में नही है। जबकि अभी मतदाता सूची व आरक्षण तय करने से संबंधित कार्य निर्वाचन आयोग को करने होंगे।

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