उत्तराखण्ड
गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद,अब मुखबा में होंगे मां गंगा के दर्शन
चारधाम में प्रमुख गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को अन्नकूट पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवासस्थल मुखवा (मुखीमठ) के लिए रवाना हो गयी। डोली गुरुवार को मुखवा पहुंचेगी, जहां पर श्रद्धालु आगामी छह माह तक मां गंगा के दर्शन व पूजन कर सकेंगे।
आज 11.30 बजे गंगोत्री में मां गंगा मंदिर के कपाट शीतकालीन के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने पर धाम मां गंगा के जयकारों से गूंज उठा। मां गंगा के स्वागत के लिए मुखबा भी तैयार है। मंदिर को भव्य रूप से सजा दिया गया है। कपाट बंद होने के बाद अब यहीं मां गंगा के दर्शन होंगे।
वहीं, भैयादूज पर 23 अक्तूबर को यमुनोत्री में मां यमुना मंदिर के कपाट 12.30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति के दर्शन खरसाली गांव में होंगे।
बता दें कि कार्तिक माह की अन्नकूट (गोवर्धन पूजा) के दिन मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना होगी। यात्रा से जुड़े कारोबारी आशीष सेमवाल, विनय उनियाल ने बताया कि सर्दियों में भी यमुना व गंगा के शीतकालीन पड़ाव वाले खरसाली और मुखबा गांव तक यात्रा चालू रखकर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को यहां आकर्षित किया जा सकता है। उस दौरान तीर्थयात्री व पर्यटक यमुना और गंगा की पूजा-अर्चना करने के साथ ही बर्फबारी का नजारा भी देख सकेंगे।
इस यात्राकाल में दोनों धामों में 1402128 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है। जिनमें यमुनोत्री धाम में आने वाले 644366 और गंगोत्री धाम में आने वाले 757762 तीर्थयात्री शामिल
21 अप्रैल तक चारधाम में दर्शन करने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 49.30 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं, अब तीनों धामों के कपाट बंद होने तक यह आंकड़ा 50 लाख पार हो जाएगा।
चारधाम के कपाट बंद की तिथियां-
गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को सुबह 11:36 बजे बंद होंगे.
केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद किए जाएंगे.
यमुनोत्री धाम के कपाट भी इसी दिन यानी 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे
बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे.
