श्रीनगर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से किया बैकुंंठ चतुर्दशी मेले का उट्घाटन
श्रीनगर में चार से 10 नवंबर तक आयोजित होने वाले बैकुंंठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी 2025 का भव्य आगाज हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से मेले का उट्घाटन किया। जबकि मेले की संरक्षक जिला अधिकारी पौड़ी स्वाति एस भदौरिया, नगर निगम की मेयर आरती भंडारी और नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद जीजीआईसी श्रीनगर की छात्राओं की शिव वंदना व छोलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोहा।
इस मौके पर मुख्य मंत्री ने महापौर के अनुरोध पर श्रीनगर को सोलर सीटी बनाने के लिए कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। उन्होंने जिलाधिकारी को सभी प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करवाने को कहा। कहा कि प्रस्तावों के परीक्षण के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। अब रात्रि को कमलेश्वर महादेव मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए नि: संतान दंपत्तियों द्वारा खड़ा दीया अनुष्ठान किया जाएगा।
बैकुंठ चतुर्दशी का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व
पुराणों में वर्णन मिलता है कि बैकुंठ चतुर्दशी वह पावन तिथि है जब भगवान विष्णु ने काशी में भगवान शिव को शालिग्राम प्रदान किया और बदले में भगवान शिव ने विष्णु को दिव्य ज्ञान का वरदान दिया। यह दिन वैष्णव और शैव परंपरा के अद्भुत संगम का प्रतीक है। हिंदू संस्कृति में इसे आध्यात्मिक जागरण, पवित्रता और मोक्ष की साधना का पर्व माना जाता है। श्रीनगर जैसे प्राचीन नगरों में, जो स्वयं आदिकालीन तीर्थ परंपराओं से जुड़ा है, यह पर्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक विरासत का उत्सव भी बन गया है।
