
-विक्रम बिष्ट-
७-८ अगस्त की रात पौड़ी में इन्द्रमणि बडोनी सहित अनशनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस मेरठ ले गई थी। बाद में बडोनी जी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया।
टिहरी से हम लोग- विक्रम नेगी, लोकेन्द्र जोशी, सुरेन्द्र रावत, अनिल अग्रवाल और टीकम चौहान- आंदोलनकारियों को मिलने गए थे। मेरठ मेडिकल कॉलेज में बिशनपाल सिंह परमार और उनके साथियों ने बताया कि पुलिस ने किस तरह बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की थी। मेरठ लाकर उन्हें फर्श पर फेंक कर छोड़ दिया था। उस दौरान मेरठ में तैनात टिहरी के धारमंडल निवासी एक पुलिस इंस्पेक्टर ने आकर उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया।
दूसरी सुबह हम एम्स में बडोनी जी से मिले। वहां ज्यादा देर और संख्या में मिलने की अनुमति नहीं होती, इसलिए बडोनी जी के साथ हम नीचे प्रांगण में आ गये।
थोड़ी देर बाद और लोग भी मिलने आए। किशोर उपाध्याय और खिलासिंह रावत को जानता था। पूर्व डीआईजी मातबर सिंह राणा का नाम सुना था। बातों-२ में बडोनी जी ने कहा लोग कहते हैं कि उत्तराखण्ड कैसे बनेगा। हम सभी का नाम लेते हुए बोले ये हैं पांच-छह हैं, लेकिन एटम बम हैं, ये बनाएंगे उत्तराखण्ड।
फिर कहा कि लोग पूछते हैं कि उत्तराखण्ड बन भी गया तो चलाएगा कौन? ये कैसे हैं डीआईजी साब, किशोर उपाध्याय,, ये चलाएंगे।
शायद उनको उत्तराखण्ड के भविष्य का आभास हो गया था!