
पिछले विधानसभा चुनाव में घनसाली सीट पर भाजपा और कांग्रेस में बगावत हुई थी। इस बार कहीं ज्यादा संभावनाएं हैं। दोनों दलों या किसी एक में बगावत नहीं होती तो भी चुनाव परिणाम पर फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ जीत के अंतर में घट-बढ़ हो सकती थी।
भाजपा प्रत्याशी शक्ति लाल शाह को 22103 मत मिले थे। पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े प्रेमलाल त्रिकोटिया को 3062, कांग्रेस के भीम लाल आर्य के हिस्से मात्र 4963 मत आए थे। जबकि कांग्रेस के बागी धनी लाल शाह 10450 मत हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे थे। शेष चार उम्मीदवारों को 3221 मत मिले थे। यानी भाजपा को अन्य सभी उम्मीदवारों को मिले मतों से ज्यादा लोगों ने पसंद किया था।
चुनाव में भाजपा को प्रचण्ड बहुमत को मोदी लहर का परिणाम माना गया था। लेकिन उस दौरान के विधायकों के काम का मतदाताओं ने बिल्कुल मूल्यांकन नहीं किया, ऐसा नहीं माना जा सकता है। घनसाली सहित अधिकांश क्षेत्रों में
तत्कालीन विधायकों के प्रति मतदाताओं के विश्वास या अविश्वास को जीत-हार के अंतर से समझा जा सकता है।
इस बार विधायक शक्ति लाल के अलावा दर्शन लाल, सोहनलाल खण्डेलवाल भाजपा टिकट के दावेदार हैं।
धनीलाल शाह, भीम लाल आर्य और दिनेश लाल कांग्रेस के टिकटार्थी हैं। उक्रांद प्रत्याशी को सबसे कम मत मिले थे। इस बार घनसाली में उक्रांद खासा सक्रिय है। उसके टिकट के लिए भी तीन-चार दावेदार हैं। आप भी चुनाव लड़ेंगी।
घनसाली विधानसभा क्षेत्र भिलंगना ब्लाक तक सिमटा है, यानी एक विधायक एक ब्लाक प्रमुख। दो एसडीएम एक बीडिओ।
दस न्याय पंचायतें। सभी पंचायतों से कम से कम एक -एक संभावित उम्मीदवार।
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