उत्तराखंड में बढ़ते सड़क हादसों का जिम्मेदार आखिर कौन ?

नई टिहरी – देवभूमि उत्तराखंड के अद्भुत नजारों का दीदार करना हर कोई शख्स चाहता है। यहां के वह गगनचुंबी ऊंचे ऊंचे पर्वत कल-कल करती नदियां , चिड़ियों की चहचहाहट, मंद मंद बहती पवन , मखमली घास से भरी पहाड़ी घटिया जिन को छूने मात्र का एहसास ही आदमी को तरोताजा बना देता है| अद्भुत ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए यहां साल दर साल लाखों की संख्या में पर्यटक खींचे चले आते हैं, ऐसी ही हसरत उन 28 लोगों की भी रहेगी होगी जो लोग मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से उत्तराखंड के उत्तरकाशी की तरफ जा रहे थे। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और उन लोगों की हसरत पूरी नहीं हो पाई। उनकी यह ख्वाहिश अधूरी रह जाती है जब उनके साथ आधे सफर में ही बहुत बड़ी दुर्घटना हो जाती है| उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों का जिम्मेदार आखिर किसको माना जाए ?

इस दर्दनाक हादसे के पीछे एक सबसे बड़ी वजह ड्राइवर की नींद पूरी न होना बताई जा रही है। कुछ जगह खबरों में बताया जा रहा है कि ड्राइवर दो दिनों से सोया नहीं था। इस बात में कितनी सत्यता है इसकी पुष्टि तो हम नहीं करते हैं। मगर इतना जरूर कह सकते है कि मई और जून दो महीने ऐसे होते हैं, जब लाखों की तादाद में लोग उत्तराखंड पहुंचते हैं। भारी संख्या में यात्रियों के आने से ड्राइवरों को पैसे कमाने का अच्छा मौका हाथ लग जाता है। बिना सोए ड्राइवर दिन-रात उत्तराखंड के दुर्गम रास्तों पर गाड़ियों चलाते हैं। ऐसे में उन लाखों लोगों की जान जोखिम पर बढ़ जाता है, जो पहाड़ों की हसीन यादों को तस्वीरों में कैद करने के लिए उत्तराखंड पहुंचते हैं।

मई और जून के महीने में बद्रीनाथ, केदारनाथ समेत चारधाम की यात्रा पर लाखों की संख्या में यात्रियों होते हैं। इस बार भी यात्रियों की भारी संख्या को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों से अपील की थी कि वह रुक-रुक कर उत्तराखंड आएं, जिससे व्यवस्था बनी रहे। मगर छुट्टियों का सीजन होने की वजह से लोग ऐसी एडवाइजरी पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और पहाड़ों की यात्रा पर निकल जाते हैं। बसों और ट्रेनों से उत्तराखंड पहुंचनने वाले यात्रियों पर लोकल टैक्सी ही एकमात्र सहारा होती है। कुछ यात्री प्राइवेट बसों के जरिए भी उत्तराखंड का भ्रमण करते हैं। यात्रियों की भारी तादाद को देखते हुए ड्राइवर दिन रात गाड़ी चलाते हैं। ऐसे में कई बार ड्राइवर को नींद की झपकी आने पर गाड़ी खाई में गिर जाती है। हो सकता है कि मध्य प्रदेश के यात्री भी इसी चूक की वजह से मौत की भेंट चढ़ गए हों।

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