
उत्तराखंड
उत्तराखंड के जनपद उत्तरक़ाशी में द्रौपदी का डांडा पीक पर हुए हिमस्थलन में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है. शनिवार को 5वें दिन भी सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा, अब तक 26 शव को बरामद कर लिया गया, जिसमें चार शव को ही जिला मुख्यालय लाया जा सका है. मौसम ने साथ दिया तो शनिवार को 22शवों को भी रेस्क्यू किया जाएगा. हादसे वाली जगह पर 3 ट्रेनी ट्रैकर की तलाश भी की जाएगी.
24 वर्षीय एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की खबर से हर कोई स्तब्ध है. परिवार में चार बहनों में सबसे छोटी सविता बूढ़े मां-बाप का सबसे बड़ा सहारा थीं. सविता ने जब 15 दिन के भीतर इसी साल मई में एवरेस्ट फतह किया था. शुक्रवार को जब जिला अस्पताल में सविता का शव पहुंचा तो एक तरफ ग्रामीण और जानने वालों की भीड़ नम आंखों से उन्हें श्रद्धाजंलि दे रही थी. दूसरी तरफ दूर लोंथरू गांव में बूढ़े मां-बाप सविता की यादों को सीने से लगाकर विलाप कर रहे थे. उस बेटी के लिए रो रहे थे, जिसने पहाड़ों के बूते नाम कमाया और फिर सदा के लिए उसी हिमालय की गोद में सो गईं. जिसने रोमांच और साहस की दुनिया में न सिर्फ नाम कमाया, बल्कि मां-बाप को बेटी होने का गौरव भी महसूस कराया. बहनें भी अपनी लाडली बहन को खो कर मातम में चूर थीं. हर कोई जानता है कि सविता ने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था.जिला अस्पताल में शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद सविता को डिडसारी पैतृक घाट पर जल समाधि दी गई.