पेपर लीक मामले में हाकम सिंह को राहत, केवल 13 महीने जेल में रोक पाई दून पुलिस

उत्तराखंड
नौकरियों के सौदागर कहे जाने वाले हाकम सिंह को पुलिस केवल 13 महीने ही सलाखों के पीछे रोक पाई, फिलहाल, स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में उसे जमानत मिल चुकी है. अब गैंगस्टर एक्ट के तहत किए गए मुकदमे में भी उसे जमानत मिल गई है. करीब एक साल से हाकम सिंह सुद्धोवाला जेल में बंद है. हाकम को ही पेपर लीक का मास्टरमाइंड माना जाता है.

दरअसल, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुई विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक मामले को लेकर हाकम सिंह को मास्टरमाइंड बताया गया था. उसके साथ ही करीब 60 लोग इन तमाम मामलों को लेकर गिरफ्तार किए गए. वैसे पेपर लीक मामले में इसके अलावा गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा हुआ था. इसीलिए हाकम सिंह जमानत के बावजूद भी जेल से बाहर नहीं आ पाया था.
परीक्षा धांधलियों के मामले में पुलिस ने शुरूआत से ही शिकंजा कसने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस को भी एक दिक्कत का सामना करना पड़ा जो कि आरोपियों की जमानत का आधार बना। दरअसल, सभी मामले पुराने थे। ऐसे में जब इनकी जांच शुरू हुई तो सभी साक्ष्य लगभग नष्ट हो चुके थे। कई बड़े आरोपियों से तो केस से संबंधित रिकवरी भी नहीं हो पाई। शातिर हाकम सिंह भी ऐसे ही आरोपियों से एक था। उसके पास से भी परीक्षा में लेनदेन में कोई बड़ी रिकवरी नहीं हो पाई थी। उसने बड़े ही शातिराना ढंग से इन सब धांधलियों को अंजाम दिया था।
केवल आरोपियों से पूछताछ और कुछ कड़ियां जोड़ने वाले साक्ष्य ही इन आरोपियों को अब तक जेल में रखने का मजबूत आधार बने थे। इन्हीं साक्ष्यों के बल पर पुलिस हाकम को 13 महीने जेल में रखवाने में कामयाब हुई। अब चार्जशीट दाखिल होने के एक दिन बाद ही उसे गैंगस्टर एक्ट में भी जमानत मिल गई। लेकिन, पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के तहत उसकी संपत्तियों को जरूर चोट की।

इन पैसों से उसने जो आलीशान गेस्ट हाउस बनाया था वह भी पुलिस ध्वस्त करा चुकी है। यही गेस्ट हाउस उसकी इन काली करतूतों का अड्डा बनता था। बहुत से सफेदपोश लोगों का भी यह गेस्ट हाउस पसंदीदा स्थान था। इसे लेकर वह काफी चर्चाओं में भी रहता था।

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