
टिहरी। इस वर्ष के अंत तक टिहरी बांध के द्वितीय चरण के पीएसपी यानी पंप स्टोरेज प्लांट की पहली यूनिट विद्युत उत्पादन शुरु कर देगी, जिससे 250 मेगावाट का विधुत उतपादन होगा। इसके साथ ही दो-दो माह के अंतराल में प्लॉट की तीन और यूनिट विद्युत उत्पादन का काम शुरु कर देंगी।
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में टीएचडीसी के महाप्रबंधक ने टिहरी बांध से उत्पादन होने वाले बिजली के साथ की अन्य उपलब्धियों को बताया। टीएचडीसी के महाप्रबंधक यू के सक्सेना बताया कि टिहरी बांध के पहले चरण में एक हजार मैगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है। द्वितीय फेज के पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। पीएसपी की पहली यूनिट दिसंबर 2022 में 250 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरु कर देगी। इसके साथ ही दो-दो माह के अंतराल के दौरान जून 2023 तक तीन और यूनिट विद्युत उत्पादन का कार्य शुरु कर देगी। प्रत्येक यूनिट 250 मेगावाट यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी। जिसके बाद टिहरी और कोटेश्वर बांध परियोजना से कुल 2400 सौ मैगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य पूरा हो जाऐगा। दरअसल पहले चरण में टीएचडीसी टिहरी बांध से एक हजार, कोटेश्वर बांध से 400 और टिहरी बांध की द्वितीय चरण पंप स्टोरेज प्लांट से एक हजार मैगावाट विद्युत उत्पादन कर विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर अपना मुकाम हासिल कर लेगा। वर्तमान समय में टिहरी बांध सात मिलियन यूनिट और कोटेश्वर बांध से तीन मिलियम यूनिट प्रतिदिन विधुत उत्पादन हो रहा है। टिहरी बांध परियोजना एक बहुउद्देश्यीय परियोजना है। इससे विधुत उत्पादन के अलावा सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की उपलब्धता , मत्स्य पालन और बाढ़ नियंत्रण का कार्य होता है।