सामाजिक मूल्य और संस्कृति को बेहतर जानने के लिए बेहतर है नई शिक्षा नीति- प्रो. सकलानी। डायट टिहरी में कार्यशाला का अयोजन।

टिहरी। एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में स्टेक होल्डर्स की संयुक्त कार्यशाला में उनके विचार जाने गए। अगले 40 सालों के लिए केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति बनाई है। जिसका 2023 से प्ले ग्रुप, नर्सरी और आंबनबाड़ी स्तर से क्रियान्वयन शुरू होना है। एनईपी को भारत मूल्यों, संस्कार और भारतीय भाषाओं को समृद्ध बनाने के लिए बेहतर बनाया गया है। वक्ताओं ने कहा कि इसके लागू होने से भारत पुनः विश्व गुरू के पद पर आसीन होगा। इस मौके पर डायट की ओर से बनाई गई पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।

टिहरी जिले के निवासी हैं एनसीईआरटी निदेशक सकलानी
नई टिहरी। एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी जौनपुर ब्लाॅक के पुजारगांव (सकलाना) के निवासी हैं। वह इतिहास के प्राध्यापक रह चुके हैं। एचएनबी गढ़वाल विवि के प्राॅक्टर रह चुके हैं। वर्तमान में केंद्र सरकार के सबसे बड़े शैक्षिक संस्थान के निदेशक हैं। पुजारगांव में वृक्ष मानव स्व. विश्वेश्वर दत्त सकलानी, टिहरी राजशाही के खिलाफ बिगुल बजाने वाले क्रांतिकारी मोलू भरदारी जैसे लोग पैदा हुए हैं। उनका कहना है कि वह जो बोलते हैं, वह करते भी हैं। कहा कि गांव में अपना आशियाना बनाया है। भारत गाय, गंगा और गांव से बनता है। हम सभी को सोचना है कि प्रकृति को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करें। शहरों की जहरीली आबोहवा को बदलने की जरूरत है। नई शिक्षा नीति पर्यावरण, भाषा, क्षेत्रीयता और राष्ट्रीयता को प्रस्तुत करेगी।

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