चमोली । ज़िले में चीन बॉर्डर के साथ जुड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग पिछले 10 दिनों से बंद पड़ा है। तमकानाला और जुम्मा में लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते जोशीमठ और मलारी के बीच हाईवे पर यातायात बाधित है। रणनीतिक महत्व के इस मार्ग के ठप होने के बाद से ही बॉर्डर रोड संगठन भारी मशीनों से रास्ता खोलने की कवायद कर रहा है लेकिन काफी मुश्किलें पेश आ रही हैं।
चट्टानों के लगातार दरकने और बारिश के हालात के चलते लगातार इस हाईवे पर मलबा और चट्टानों के टुकड़े गिर रहे हैं। इसलिए बीआरओ को राहत कार्य के दौरान खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ज़िला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया कि नीति वैली के स्थानीय लोगों के आवागमन के लिए अस्थायी तौर पर एक सड़क बना दी गई है और एसडीआरएफ व एनडीआएफ के कर्मचारी यहां मदद के लिए मौजूद हैं। एसडीआरएफ की एक टीम ने चमोली ज़िले के रैणी गांव के पास सैकड़ों लोगों के लिए बचाव और राहत कार्य को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि भूस्खलन के चलते सोमवार को तमस इलाके में फंसे 200 से ज़्यादा लोगों को एसडीआरएफ के टीमों ने निकाला। इस अभियान की तस्वीरें भी जारी की गईं। चूंकि यह रास्ता सेना के लिहाज़ से काफी अहम है और इसके ठप होने के कारण बॉर्डर पर तैनात सेना को ज़रूरी सप्लाई के लिए चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। एक अधिकारी के मुताबिक नजदीकी जोशीमठ बेस से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, मौसम विभाग की मानें तो चमोली राज्य का वह ज़िला है, जहां पिथौरागढ़ के बाद सबसे ज़्यादा बारिश पिछले 24 घंटों में हुई है। गौरतलब है कि मलारी हाईवे के अवरुद्ध होने के कारण नीति वैली के कम से कम एक दर्जन गांव प्रभावित हो गए हैं यानी 350 से ज़्यादा की आबादी संपर्क से कट चुकी है। हालांकि जोशी के मुताबिक कहा गया है कि इन गांवों में सप्लाई की कोई कमी नहीं है। वहीं, यह भी खबर दी गई है कि अगले 24 घंटों में यह रास्ता खुलने की उम्मीद है क्योंकि अब मलबा और पत्थरों का गिरना बंद होता दिख रहा है।
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चीन बॉर्डर के साथ जुड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग पिछले 10 दिनों से बंद, बीआरओ को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, कोरोना के चलते आम लोगों को दर्शन की अनुमति नही।
चमोली। वैदिक मंत्रोचारण के साथ ही श्री बद्रीनाथ धाम
के कपाट आज सुबह 4:15 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं ,
इस बार बेहद सादगी के साथ कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन मे मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हकहकूकधारियो सहित केवल 50 लोग ही शामिल हो सके,
इस दौरान मास्क के साथ सोशल डिस्टेसिग का पालन किया गया। इससे पूर्व पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज्ड भी किया गया।
भगवान् के कपाट खुलते ही सबसे पहले अखंड ज्योति के दर्शन हुए।
आज भगवान् बदरीनाथ के दर्शन बिलकुल अलग होते हैं ऐसे दर्शन भगवान् बदरीनाथ के मंदिर में महज दो दिन ही हो पाते हैं जिसके साक्षी मात्र वही श्रद्धालुजन होते हैं जो कपाट खुलने पर और कपाट बंद होने पर बदरीनाथ पहुचते हैं आज भगवान् की पूजा अर्चना श्रींगार कुछ भी नहीं होता, आज के दर्शनों में मुख्यत अखंड ज्योति और भगवान् बदरीनाथ के निर्वाण दर्शन होते हैं जिसे देखने का आज का मुख्य महत्व होता है आज दिन भर मंदिर खुला रहेगा आज भोग के समय भी मंदिर बंद नहीं होगा जबकि 6 माह तक बदरीनाथ जी का मंदिर दोपहर में भोग लगने के बाद 3 घंटों के लिए बंद होता है ।
वही धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि आज बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद सबसे पहले मंदिर में हमने जो विश्व में कोरोना नामक महामारी फैली हुई है उसको रोकने के लिए भगवान बद्री विशाल से हमने प्रार्थना की व पूजा-अर्चना भी की।
लेकिन इस बार वैश्विक बीमारी कोरोना चलते भगवान बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए अनुमति नहीं थी।