उत्पाती बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान, काश्तकारों को उठाना पड़ रहा है नुकसान।

टिहरी। प्रतापनगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत माजफ के साथ ही आस पास के गांवों में उत्पाती बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना घरों के आसपास बैठे बंदरों को भगाने की कोशिश करने पर वह हमला करने दौड़ आते हैं। ग्रामीण धनपाल सिंह, कमल सिंह,यशपाल सिंह महर, नरेन्द्र दुमोगा ने बताया कि सुबह होते ही बंदर घरों की छतों पर अपना डेरा जमा देते हैं, बंदरों को भगाने की कोशिश करने पर बंदर हमला करने के लिये दौड़े आते हैं। कहा बंदर ग्रामीणों की खेती को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीण द्वारा अपने खतों में उगाये गये प्याज, आलू, मटर सहित अन्य सब्जियों के साथ फलदार पौधों पर लगे फूलों को भी चटकर रहे हैं, जिससे कश्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि कई बार तो बाजार से खाने पीने का समान लेकर घरों को आ रहे लोगों से रास्ते ही झपटा मारकर उनका समान छिन लेकर भाग जाते हैं। बंदरों द्वारा पहुंचाये जा रहे नुकसान के डर के मारे कई लोगों ने खेती करनी भी छोड़ दी है। उन्होंने वन विभाग क्षेत्र बंदरों को पकड़ने के लिये पिंजरा लगाने की मांग की है। कहा वन विभाग ने ग्रामीणों को उत्पाती बंदरों के आंतक से छुटकारा नहीं दिलाया तो ग्रामीण वन विभाग के खिलाफ आंदोलन के लिये बाध्य होंगे।

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समाजसेवक दर्शन लाल आर्य ने किया कोरोना योद्धाओं को सम्मानित।

जन सेवा सम्मान समारोह समिति पट्टी भिलंग द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम। घनसाली-घुत्तू । प्रसिद्ध समाजसेवक व भाजपा में प्रदेश कार्यकारिणी अनुसूचित मोर्चा के सदस्य दर्शन लाल आर्य की जन…

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टिहरी-चमियाला में भव्य पांडव नृत्य का आयोजन।

युवा, मातृ शक्ति, पूर्व व वर्तमान जन प्रतिनिधियों ने पेश की एकता की मिसाल। टिहरी केमर पट्टी के चमियाला इन्दवाण गांव मैं हुआ भब्य पांडप नृत्य का आयोजन…टिहरी गढवाल के…

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रक्षा मंत्री राजनाथ पंहुचेंगे पीठसैण, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति का अनावरण करेंगे।

देहरादून।
पेशावर कांड के नायक और स्वतंत्रता सेनानी वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की पुण्य तिथि पर एक अक्टूबर को केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पीठसैंण आयेंगे। केन्द्रीय रक्षा मंत्री वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के पैतृक गांव में उनकी स्मृति में मूर्ति का अनावरण एवं स्मारक का लोकार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके अलावा राजनाथ सिंह सहकारिता विभाग के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा संचालित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत रूपये पांच लाख तक के ब्याज मुक्त ऋण के चैक महिला स्वयं समूहों को वितरित करेंगे, साथ ही राठ विकास अभिकरण के तत्वाधान घसियारी कल्याण योजना शुभारम्भ कर स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को घसियारी किट भी देंगे।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आगामी एक अक्टूबर को पेशावर कांड के नायक, स्वतंत्रता सेनानी और उत्तराखंड की महान विभूति वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की पुण्य तिथि पर पौड़ी जनपद स्थिति उनके पैतृक गांव पीठसैंण आयेंगे। डॉ. रावत ने बताया कि स्वाधीनता आंदोलन में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के योगदान को चिर स्मरणीय बनाये रखने के लिए उनके पैतृक गांव में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उनकी मूर्ति का अनावरण करेंगे, इसके साथ ही उनके स्मारक का भी लोकार्पण केन्द्रीय मंत्री द्वारा किया जायेगा। डॉ. रावत ने बताया कि इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षामंत्री राठ विकास अभिकरण के अंतर्गत संचालित घसियारी कल्याण योजना का शुभारम्भ भी करेंगे। इस योजना के तहत क्षेत्र की 25 हजार ग्रामीण महिलओं को घस्यारी किट वितरित की जाने की योजना है। जिसमें दो कुदाल, दो दारांती, रस्सी, एक टिफिन बॉक्ट, पानी की बोतल और एक किट बैग शामिल है। ग्रामीण महिलाएं अपनी रोजमर्रा के दौरान आवश्यकतानुसार इनका इस्तेमाल कर सकेंगी। इस योजना को लेकर स्थानीय महिलाओं में खासा उत्साह है। इसके अलावा सहकारिता विभाग के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत रक्षामंत्री द्वारा महिला समूहों को रूपये पांच लाख तक के ब्याज मुक्त ऋण के चैक वितरित किये जायेंगे। ताकि महिलाएं स्थानीय स्तर पर अपने स्वरोजगार को गति दे सके। पेशावर कांड के नायक को याद करते हुए डॉ. रावत ने बताया कि स्वाधीनता आंदोलन के दौरान पेशावर में जब अंग्रेज अफसर ने निहत्थे पठानों पर गोली चलाने का हुक्म दिया तो वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली ने अंग्रेज अफसर के इस फरमान को मानने से इनकार कर दिया था। जिस कारण उन्हें जेल की सजा भुगतनी पड़ी। प्रदेश सरकार सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों, शहीदों के आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, गढ़वाल संसाद एंव पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।

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ये मई … ऐपड़ि बई। घर मा रई ,कखी न जई । खई पैई अर सैंयू रई,पर तू भैर कतै न जई ।

ये मई … ऐपड़ि बई।
घर मा रई ,कखी न जई,
खई पैई अर सैंयू रई।
पर तू भैर कतै न जई ।

किताब पढ़ी, गीत सुणी
या त ऊन की स्वेटर बुणी
चैकू चूल्हू तू करदू रई
झाडू पोछा म वक्त बितई !!
पर तू भैर कतै न जई ।

रिश्तेदारों तैं फोन मिलई
दोस्त यारों तैं याद दिलई
सेवा सौंली सबू तै भेजदू रै
राजी खुशी त्यूं की पुछणू रई
पर तू भैर कतै न जई ।

गरीब छैं त गरीब ही रई
झोली झंगौरू छंछैणू खई
लोग त्वै मा दैण क आला
तू कैम मागण न जई
पर तू भैर कतै न जई ।

अंधियारा का बाद उजालू आळू
नयू सुरज तब जगमगाळू
बंच्या रौला त मेहनत करला
ई बात अपणा बच्चों बिंगई
पर तू भैर कतै न जई….!!! साभार- सतीश राणा अगस्त्यमुनि चाका

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कुट्ठा के ग्रामीणों ने किया खांडखाला में प्रस्तावित कूड़ाघर बनाने का विरोध, जिला मुख्यालय तक निकाली रैली, डीएम को दिया ज्ञापन।

टिहरी। टिहरी के कुटठा गांव के खांडखाला में ग्रामीणों ने कूड़ाघर बनाये जाने का विरोध किया है। विरोध के तहत ग्रामीणों ने नई टिहरी के डायजर से जिला मुख्यालय तक रैली निकाली, जिसके बाद ग्रामाीणों ने जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने कहा कि खांडाखाला में कूड़ाघर बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसे निरस्त किया जाना जरूरी है। ज्ञापन में कहा गया है कि जंहा कूड़ाघर प्रस्तावित है, वंह स्थान घृतगंगा का मुहाना है, यंहा कूड़ाघर बनाया जाना आस्था के विपरीत होगा। ग्रामीणों ने कहा कि यह स्थान गांव वालों की गोचर भूमि है, साथ ही आस पास प्राकृतिक जल स्रोत भी है, जिससे नुकसान पंहुचने का आशंका है। ग्रामीणों ने कहा कि प्रस्तावित कूड़ाघर के पास मंदिर भी हैं और टिहरी झील भी पास में ही है। यंहा कूड़ाघर बनाये जाने से धार्मिक लोगों और झील में आने वाले पर्यटक भी आहत होंगे। ग्रामीणों ने कहा कि अभी नई टिहरी और चम्बा के कूड़े को मोकरी नाम की जगह पर डाला जाता है, जो उपयुक्त है और आवादी क्षेत्र से बाहर है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि सम्बन्धित विभिागीय अधिकारियों से वार्ता कर कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

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टिहरी के 43 ग्राम पंचायतों में 50 प्रतिशत से अधिक पलायन हुआ है

नई टिहरी :-मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना तहत जिला स्तरीय समिति की बैठक जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई। जनपद में पलायन के मुख्य कारणों शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार रहा है। बैठक में पलायन प्रभावित गांवों एवं पलायन रोकने के लिए संबंधित विभागों द्वारा कार्य योजना प्रस्तुत की गई। जिसपर जिलाधिकारी ने कहा कि विभागीय स्तर पर बनाई गई कार्ययोजना प्रयाप्त नही है। कहा कि पलायन प्रभावित गांवों में आजीविका/रोजगार उत्सर्जन की क्षमता के संबंध में ग्राम विकास अधिकारियों के माध्यम से फीडबैक लेते हुए प्रारूप पर प्रस्तुत करें। ताकि पलायन प्रभावित इन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, आजीविका/स्वरोजगार, सिंचाई, मोटरमार्ग जैसी सुविधाओ के संबंध में और अधिक वस्तु स्थिति स्पष्ट हो सके। कहा कि स्पष्ट फीडबैक प्राप्त होने के उपरांत विभागीय योजनाओ के क्रियान्वयन में भी आसानी होगी। बैठक में बताया गया कि जनपद में 50 राजस्व गांव एवं 43 ग्राम पंचायतें ऐसी है जिनमे 50 प्रतिशत से अधिक पलायन हुआ है। बैठक में अधिशासी अभियंता लोनिवि के०एस०नेगी, जल संस्थान सतीश नौटियाल, विद्युत राकेश कुमार, लघु सिंचाई अतुल कुमार पाठक, जिला सेवायोजन अधिकारी विक्रम, सहायक निदेशक दुग्ध प्रेम लाल के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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टिहरी जिले के 150 जल स्रोतों का होगा संरक्षण,जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण की नई पहल, सूखे स्रोतों को पुनर्जीवित करने की योजना

जल संरक्षण को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण जी ने नई मुहिम की शुरुआत की है। इसके तहत जिले के 150 प्राकृतिक जल स्रोतों को बिना छेड़छाड़ उनका संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसकी शुरुआत करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष जी ने भिलंगना के फलेंडा, अखोड़ी, नारायण मंदिर अंथवाल गांव में इसकी शुरुआत करते हुए धारे का उद्घाटन किया।

फलेंडा गांव में प्राकृतिक धारे का संरक्षण का इसका बुधवार को विधिवत उद्घाटन करने के साथ ही ग्रामीणों को अपने प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण को जागरूक किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण जी ने कहा कि वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग के चलते प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत या तो सूख गए हैं या फिर इनमें पानी की मात्रा लगातार कम होती जा रही है, जिसके चलते भविष्य में पानी का संकट बढ़ जाएगा। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में पीढ़ी दर पीढ़ी बहते आ रहे जल स्रोतों, धारों को बिना छेड़छाड़ किए उनका संरक्षण जरूरी है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण कई बार पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाती है और पानी की आपूर्ति बाधित हो जाती है ऐसे में गांव के धारे ही महत्वपूर्ण साबित होते हैं। उन्होंने बताया कि इस धारे से गांव के 200 परिवारों को लाभ मिलेगा। साथ ही इसके निर्माण, सौंदर्यीकरण, संरक्षण के कार्य में 60 प्रतिशत ग्रामीणों को रोजगार मुहैया हुआ है। क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह ने कहा कि ग्रामीणों को अपने प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने के लिए जागरूक होना होगा। धारे को देखने के लिए जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव भी यहां पहुंची और इस कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संवर्धन व संरक्षण होना जरूरी है। इस मौके पर स्त्रोत के आस-पास देवदार आदि पौधारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में ब्लाक प्रमुख बसुमती घणाता जी, जिपं सदस्य रघुवीर सजवाण जी , केदार बत्र्वाल, प्रीतम नेगी, प्रधान भारती सजवाण, पूजा बिष्ट, एसडीएम संदीप तिवारी आदि मौजूद थे।

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