मुख्यमंत्री ने जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों को किया नामित, जल्द शुरू होंगे जिला योजना के तहत होने वाले कार्य

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के सभी मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंप दी है। दरअसल, नई सरकार के गठन के बाद से…

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उपचुनाव– रिकॉर्ड वोट से मुख्यमंत्री धामी ने की जीत दर्ज।

अपनी जमानत भी न बचा सके दूसरे प्रत्याशी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा उपचुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल कर ली है। उन्होंने रिकॉर्ड 54,121 वोट से…

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राज्य सभा के लिए टिहरी का सबसे सशक्त विकल्प हैं सूर्य प्रकाश सेमवाल।

जनता की हाई कमान से मांग सूर्य प्रकाश सेमवाल या पीयूष गोयल को करें राज्यसभा के लिए नामांकित। नीति आयोग ने देश के पिछड़े जिलों को नापने का जो मानक…

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मुख्यमंत्री धामी कल करेंगे नामांकन दाखिल।

देहरादून।सीएम धामी सोमवार नौ मई को चंपावत उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इससे पहले ही चंपावत में भाजपा के दिग्गज नेता डेरा जमा लेंगे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक रविवार को ही चंपावत के लिए रवाना हो गए। पार्टी के पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री भी मुख्यमंत्री के नामांकन के दौरान उपस्थित रहेंगे। कई मंत्री चंपावत जाने की तैयारी है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कौशिक के अनुसार पार्टी ने प्रत्याशी के नाम और सिंबल आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के नामांकन के दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार व सरकार के कई मंत्री मौजूद रहेंगे। इस दौरान एक भव्य जनसभा भी होगी, जिसमें मुख्यमंत्री चंपावत की जनता से समर्थन की अपील करेंगे।नामांकन के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चंपावत में ही चुनाव प्रचार की रणनीति को धार देने के लिए वहां डेरा जमाएंगे। पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री, धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी और कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास पहले से ही चुनावी मोर्चे पर डटे हैं। नामांकन प्रक्रिया के बाद पार्टी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं की टीम भी मोर्चा संभालेगी।

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चंपावत विधानसभा उपचुनाव की तिथि घोषित।

आचार संहिता लागू। चंपावत विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने इसकी घोषणा कर दी है। 4 मई को उपचुनाव संबंधी नोटिफिकेशन जारी…

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प्रीतम सिंह ने भाजपा में जाने की खबरों का किया खंडन। कहा- मेरे खिलाफ भ्रामक प्रचार किया गया।

देहरादून। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी कांग्रेस की अंर्तकलह थमने का नाम नही ले रही है। हाल ही में प्रीतम सिंह के भाजपा में जाने को लेकर चर्चाएं तेज हुई हैं। जिसके बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने खुद के भाजपा में जाने की खबरों का खंडन किया है। प्रीतम सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ भ्रामक प्रचार किया जा रहा है।
सोमवार को यहां कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय मंे आयोजित प्रेस वार्ता में प्रीतम सिंह समेत पार्टी के बड़े नेताओं ने सफाई दी। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और दिनेश अग्रवाल भी मौजूद रहे।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह ने आज खुद के भाजपा में जाने की खबरों का खंडन करते हुए उनके खिलाफ भ्रामक प्रचार किए जाने की बात कही है। प्रीतम सिंह ने कहा कि उनके पिता गुलाब सिंह 8 बार विधायक रहे हैं और कांग्रेस की सेवा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद भी छठी बार विधायक बन कर आए हैं। लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ लगातार भाजपा में शामिल होने का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। प्रीतम सिंह ने कहा कि वह इन भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा कि वह ऐसे भ्रामक प्रचार से आहत हुए हैं। प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि वह किसी पार्टी में जाएंगे तो छिपकर नहीं जाएंगे।

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धामी की सीट पर फैसला । इस विधानसभा सीट से चुनाव लडना तय।

आलाकमान जल्दी ही करेगी आधिकारिक घोषणा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चुनाव लड़ने को लेकर जो सवाल सबके मन में है, उसका जवाब जल्द मिलने वाला है। खबर है कि…

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करन माहरा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य।

देहरादून। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा बदलाव हो रहा हैं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बाजपुर से विधायक यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष, वही युवा और जोशीले नेता करण महरा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होंगे है।

दिल्ली और देहरादून के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने इस बार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या दोनों को कुमाऊँ से ही बनाया जा रहा है, अनुभवी और युवा जोश से कांग्रेस अब भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।

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सीएम धामी ने किया मंत्रियों को विभागों का बंटवारा। 21 विभागों को रखा अपने पास। मंत्रियों को कौन से विभाग मिले जानिए-

देहरादून। उत्तराखंड में जारी किए गए पोर्टफोलियो के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पास 21 विभागों को रखा है जिसमें मंत्री परिषद, कार्मिक एवं सतर्कता, सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, नियोजन, राज्य संपत्ति, सूचना, गृह, राजस्व, औद्योगिक विकास एवं खनन, औद्योगिक विकास, श्रम, सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी, पेयजल, उर्जा, आयुष एवं आयुष शिक्षा, आबकारी, न्याय, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास और नागरिक उड्डयन विभाग को अपने पास रखा है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को 8 विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसमें लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, जलागम प्रबंधन, सिंचाई एवं लघु सिंचाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल धामी की पहली कैबिनेट में भी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को यही जिम्मेदारियां सौंपी गई थी।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्त विभाग समेत 5 विभागों की जिम्मेदारी सौंपी हैं, जिसमें वित्त विभाग, शहरी विकास आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनर्गठन और जनगणना शामिल है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को तीन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसमें कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण और ग्राम विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को दिया गया था लेकिन इस बार कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग को कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को दिया गया है। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को छह विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसमें मुख्य रुप से विद्यालय शिक्षा बेसिक, विद्यालय शिक्षा माध्यमिक, संस्कृत शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पिछली धामी कैबिनेट में धन सिंह रावत को विद्यालय शिक्षा बेसिक व माध्यमिक की जिम्मेदारी नहीं मिली थी, लेकिन इस बार अरविंद पांडे को कैबिनेट मंत्री नही बनाए जाने पर उनके मुख्य विभाग माध्यमिक एवं बेसिक विद्यालय शिक्षा को भी धन सिंह रावत को सौंपा गया है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को चार विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसमें मुख्य रुप से वन विभाग भी शामिल है। चारों विभागों में वन विभाग, भाषा, निर्वाचन और तकनीकी शिक्षा शामिल है। हालांकि पिछले सरकार में सुबोध उनियाल को ना सिर्फ शासकीय प्रवक्ता बनाया गया था बल्कि कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग भी इन्हीं के पास था। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को तीन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसमें मुख्य रुप से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, और खेल एवं युवा कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास को चार विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसमें समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, परिवहन और लघु एवं सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को पशुपालन -दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल, कौशल विकास एवं सेवायोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस नेताओं की नजरें हाईकमान पर टिकीं।

देहरादून। 15 मार्च को निवर्तमान अध्यक्ष गणेश गोदियाल के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में राजनीतिक गतिविधियां करीब करीब शून्य हो चुकी हैं। प्रदेश महामंत्री-संगठन मथुरादत्त जोशी कहते हैं पार्टी नेता लगातार हाईकमान के संपर्क में हैं। शीर्ष नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को एक साथ करने के संकेत दिए हैं। जल्द ही आदेश हो सकते हैं। विधानसभा चुनाव 2022 के लिए लाया गया कार्यकारी अध्यक्षों का फार्मूला कांग्रेस अब शायह ही अपनाए। विधानसभा चुनाव में पंजाब और उत्तराखंड में यह फार्मूला बेअसर साबित हुआ है। राज्य के नेताओं ने भी हाईकमान को सुझाव दिया है कि जिसे भी प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा, उससे फ्रीहैंड होकर काम करने का अधिकार भी दिया जाए।उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पर तस्वीर साफ हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कुछ राज्यों के प्रभारियों के साथ बैठक की। इसमें उत्तराखंड के विषय पर भी चर्चा की गई है। विधानसभा चुनाव में हर क्षेत्र में प्रभावी भूमिका में दिखने के लिए कांग्रेस ने उत्तराखंड़ बड़ृा संगठनात्मक बदलाव किया था। 22 जुलाई को पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को नया अध्यक्ष बनाते हुए उनके साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए थे। टिकट न मिलने की वजह से निर्दलीय होकर चुनाव लड़ने को तैयार पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण को भी पांचवा कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था। इनमें केवल कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी ही कुछ चमत्कार कर पाए। कापड़ी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराया है।कापड़ी के साथ यूएसनगर से ही दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष तिलकराज बेहड़ चुनाव जीत गए। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल व दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत और प्रो. जीतराम चुनाव हार गए। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि छोटे राज्य में कार्यकारी अध्यक्षों का प्रयोग कारगर नहीं है।

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