केन्द्रीय मंत्रीमंडल में उत्तराखण्ड का कद घटा। निशंक आउट, अजय भटट बने राज्यमंत्री।

केंद्र की मोदी सरकार में बुधवार को मंत्रीमंडल का विस्तार करने के साथ ही बड़ा फेरबदल किया गया। इस विस्तारित मंत्रीमंडल में कुल 43 नए मंत्री बनाये गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रीमंडल का यह पहला विस्तार है। इस पुनर्गठन की विशेषता यही है कि अब तक बड़े मंत्रालय संभाल रहे कई दिग्गज नेताओं को पैदल कर दिया गया है। रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर व हर्षवर्द्धन के अलावा उत्तराखंड के रमेश पोखरियाल निशंक भी मंत्री पद के लायक नहीं समझे गये और उन से इस्तीफा ले लिया गया। उत्तराखंड का कद नये मंत्रीमंडल में छोटा कर दिया गया है। अब तक केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे रमेश पोखरियाल निशंक को हटा कुमाऊं से सांसद अजय भट्ट को राज्य मंत्री के तौर पर मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है।

बुधवार शाम को राषट्रपति भवन में आयोजित समारोह में हुए मंत्रीमंडल के पुनर्गठन में आज कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली। नारायण राणे, सर्बानंद सोनेवाल, डॉ. वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रामचंदर प्रसाद सिंह, अश्विनी वैष्णव, पशुपति कुमार पारस, किरेन रिजिजु, राज कुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडविया,मनसुख मांडविया, भूपेंद्र यादव, पुरुषोत्तम रुपाला, जी किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुरआदि ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके अलावा पंकज चौधरी, अनुप्रिया सिंह पटेल, सत्यपाल सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा करंदलाजे, भानु प्रताप सिंह वर्मा अजय भट्ट आदि ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली।

उत्तराखंड के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में आज़ के फेर-बदल में ख़ुश होने जैसी कोई बात नहीं है। इस विस्तार को उत्तराखण्ड के राजनीतिक कद को छोटा कर दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में रमेश पोखरियाल निशंक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था। उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय जैसा बड़ा विभाग दिया गया था। अब उन्हें मंत्रीमंडल से बाहर कर अजय भट्ट को शामिल किया गया है, लेकिन कैबिनेट मंत्री की बजाय राज्यमंत्री बनाया गया है। हाल ही में एक के बाद एक मुख्यमंत्री बदले जाने से असहज हुए उत्तराखंड के लोगों के लिए यह जले पर नमक छिड़कने जैसा फैसला है, जिसका असर आगामी चुनावों में दिखाई पड़ सकता है।

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चर्चा है चर्चा- सुवोध के पोस्टर बैनरों के मायने।

मंत्री सुवोध उनियाल के पोस्टर और बैनर टिहरी में जगह जगह दिखाई देने लगे हैं। इन बैनरों के मायने आगे की राजनीति से भी जोड़ा जाने लगा है। पोस्टर राजनैतिक हलचल भी पैदा कर रहे हैं। चर्चा होने की शुरूवात हो गई है। 4 साल तक तो इस प्रकार की शुभकामनाओं वाले पोस्टर बैनर दिखाई नही दिये, फिर क्या इस बार कुछ समीकरण बदल रहे हैं। चर्चा यह भी है कि त्रिवेन्द्र रावत की कुर्सी जाने के बाद, कुछ विधायकों के पत्ते कट सकते हैं और कुछ का विधानसभा क्षेत्र भी बदला जा सकता है। खैर यह भविष्य की गर्त में है, फिर भी राजनैतिक गुणा-भाग की संभावनायें जादा है।

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उजपा के केद्रीय कार्यालय में युवाओं ने ली सदस्यता, छात्र संगठनों से जुड़े युवा पार्टी में शामिल

उजपा के केद्रीय कार्यालय में युवाओं ने ली सदस्याता, छात्र संगठनों से जुड़े युवा पार्टी में शामिल
टिहरी। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुये राजनैतिक दलों ने अपनी अपनी सदस्यता बढ़ाने में तेजी ला दी है। राष्ट्रीय पार्टीयों के अलावा क्षेत्रीय दल भी सदस्यता अभियान में जुट गये है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड जन एकता पार्टी ने भी सदस्यता बढ़ाने को लेकर जौर देना शुरू कर दिया है। पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय नई टिहरी में पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष व पूर्व केविनेट मंत्री दिनेश धनै की मौजूदगी में 30 युवाओं ने उजपा की सदस्यता गृहण की है। इन युवाओं में पूर्व में छात्र संगठनों से जुड़े हुये युवा भी थे। इस मौके पर पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै ने कहा कि युवा राष्ट्रीय पार्टियों से उब चुके हैं, इसलिये उत्तराखण्ड जन एकता पार्टी में अपना विश्वास जता रहे हैं। उन्होने कहा कि धीरे धीरे राष्ट्रीय पार्टियों को लोग मिलने मुशिकल हो जायेंगे। धनै ने कहा कि युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, इसलिये युुवा ही इस इस प्रदेश की दिशा निर्धारित करेगा। उन्होने कहा कि पार्टी बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान चलायेगी और पार्टी को मजबूती मिलेगी।

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उत्तराखंड को न तो राजधानी बनाने के लिए एक कौड़ी मिली ना ग्रीन बोनस के रूप में सरकार को नई सौगात । बजट पूरी तरह निराशाजनक।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा के पटल पर वर्ष 2021 -2022 के लिए जो बजट पेश किया गया, वह देश के किसानों के लिए, बेरोजगार नौजवानों के लिए, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पूरी तरह निराशाजनक बजट है। यह बजट उत्तराखंड के लोगों को हताश करने वाला बजट है। जब चीन भारत की जमीन पर तंबू गाड़ कर बैठ है तब इस बजट में रक्षा मद में कोई बढ़ोतरी न करना, जब देश का किसान 70 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटा हुआ है तब कृषि क्षेत्र के बजट में 6ः कटौती करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
बजट में आम जरूरत के समान महंगे तथा सोने और चांदी को सस्ता करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन गरीब और गृहणियों को कोई राहत नहीं दी गई है। रसोई गैस को महंगी करके, उसकी सब्सिडी में कटौती करके तथा पेट्रोल और डीजल पर सैस के रूप में टैक्स लगाकर के इस बजट के माध्यम से गरीबों को महंगाई की मार से जूझने के लिए छोड़ दिया गया है।बजट में आयकर के स्लैब में कोई राहत नहीं देकर गरीब और मध्यम वर्ग के साथ धोखा किया गया है। इस बजट के माध्यम से देश की आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस की सरकारों द्वारा जो सार्वजनिक संस्थान और प्रतिष्ठान खड़े किए गए थे, देश में जो ढांचागत विकास किया गया है, जैसे हवाई अड्डे, रेलवे लाइन, बंदरगाह या अन्य सार्वजनिक उपक्रम उन सब को बेचने का रास्ता खोला गया है। उनको बेचने के बाद सरकार को जो पैसा मिलेगा उसका उपयोग किस काम में किया जाएगा इसका उल्लेख बजट में नहीं है। यह देश की जनता के साथ धोखा है। इससे पहले की भारत सरकारों द्वारा रिजर्व बैंक में आपातकाल के लिए जमा की गई पूंजी और सोने को भी मोदी सरकार न बेचकर देश का खजाना खाली किया है। कोरोना काल में जब देश में सब कुछ ठप हो गया था, तब मनरेगा से ही ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों के चूल्हे जलते रहे, गरीब के बच्चे भूखे न रहें इस बात का सहारा मनरेगा योजना ने दिया। उसी गरीब परस्त मनरेगा योजना के बजट में इस बार 38500 करोड़ की कटौती की गई। यह कटौती गरीब के पेट पर चोट है। देवभूमि उत्तराखंड के लोगों को निर्मला सीतारमण बजट के पिटारे से फिर से निराशा हाथ लगी है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि 2022 के चुनाव से पहले केंद्रीय बजट उत्तराखंड को कुछ नई सौगात देगा। उत्तराखंड की जनता इंतजार कर रही थी कि इस बार आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र से उत्तराखंड को राजधानी निर्माण के लिए पैकेज, ग्रीन बोनस, च्डळैल् के 250 के मानक में 150 की आबादी के मानक में छूट, स्वरोजगार योजना मद में 4 गुना बढ़ोतरी, च्ड आवास योजना के मानक को बढ़ाकर 2 लाख प्रति यूनिट आदि महत्वपूर्ण फैसलों का, लेकिन ऐसा कोई एक काम भी नहीं हुआ। उत्तराखंड को न तो राजधानी बनाने के लिए एक कौड़ी मिली ना ग्रीन बोनस के रूप में सरकार को नई सौगात मिली। पहले से चल रही बड़ी सड़क परियोजनाओं के अलावा इन 4 सालों में राज्य को कुछ भी नहीं मिला। राजधानी निर्माण के लिए पैसा नहीं, कोई नई रेलवे लाईन नहीं, ग्रीन बोनस नहीं, ना कोई नया मेडिकल कॉलेज, ना कोई नया इंजीनियरिंग कॉलेज, ना कोई ऐसा बड़ा उद्योग जिससे बेरोजगार नौजवानों को रोजगार का रास्ता खुल सके। बजट में कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की गई है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली की आस लगाए कर्मचारियों को बजट से निराश होने पड़ा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह बजट गरीब और मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने वाला तथा अमीरों को और अधिक अमीर करने वाला बजट है। देश की गरीब और मध्यमवर्गीय जनता के साथ-साथ उत्तराखंड को इस बजट से निराशा और हताशा हुई है। बंगाल चुनाव को देखते हुए भारत सरकार ने अपना पूरा बजट भारत की जनता को समर्पित करने के बजाय पश्चिम बंगाल के चुनाव को समर्पित किया है। देवभूमि उत्तराखंड की जनता को भारत सरकार द्वारा केंद्रीय बजट में की गई उत्तराखंड की उपेक्षा को भूलना नहीं चाहिए और समय पर इसका सही जवाब देने के लिए अभी से मन से तैयार होना चाहिए।

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कांग्रेस ने किया केन्द्र सरकार का पुतला दहन, बजट पर जताई निराशा, जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा पूंजीपतियों का बजट

टिहरी।जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी ने केंद्रीय बजट के विरोध और आंदोलनकारी किसानों के पक्ष में नई टिहरी चैराहे पर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा केंद्र सरकार ने कोविड-19 बीमारी के बाद अपना पहला बजट सदन के पटल में रखा जिसमें इस बजट से जनमानस को हताशा और निराशा हाथ लगी। उन्होने कहा कि यह बजट पूंजीपतियों का बजट है और इससे निजीकरण को और बढ़ावा मिलेगा । कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा केंद्र सरकार ने गैर भाजपाई राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। जहां एक ओर भाजपा डिजिटीलाइजेशन की बात करती है वहीं मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक, सामान महंगा किया है। प्रत्येक साल दो करोड़ रोजगार देने की बात करने वाली भाजपा ने विभिन्न असंगठित क्षेत्रों से करोड़ों नौजवानों को बेरोजगार किया है। जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि जहां भाजपा कोरोनावायरस टीके का डंका बजा रही है वहीं वैक्सीन को मुफ्त में न लगाना सरकार की नाकामी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव विजय गुनसोला ने कहा रोजगार गारंटी में 2014 में 85 हजार करोड का बजट था उस में कटौती कर आज उसे 73 हजार करोड़ किया गया है यह भी गरीब मजदूरों के साथ अन्याय है ।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र नौटियाल ने कहा की किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली भाजपा ने किसी भी क्षेत्र में किसानों को राहत नहीं दी कुल मिला के हम यह कह सकते हैं कि यह बजट पूंजी पतियों को बढ़ावा देने वाला बजट है।
उपरोक्त कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा शहर कांग्रेस कमेटी केअध्यक्ष देवेंद्र नोडियाल प्रदेश कांग्रेस के सचिव विजय गुनसोला, चंबा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद डोभाल, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष दर्शन रावत, अनिता रावत, प्रदेश सचिव कौशल्या पांडे, मुर्तजा बेग, पूर्व प्रधान प्रदीप भट्ट ,मस्तराम डोभाल, अनीस खान, दीपक चमोली, धनीराम नौटियाल, किशोर ,पुरुषोत्तम थलवाल, आमित चमोली, विनोद लाल ,महेश कुमार ,आदि काँग्रेसजन उपस्थित थे।

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ब्रेकिंग न्यूज़: केंद्र सरकार ने PUBG सहित 118 और चीनी ऐप्स पर लगा दिया प्रतिबंध

नयी दिल्ल्ली, 02 सितंंबर। सरहद पर घुुुसपैैैठ को लेकर पड़ोसी देश चीन के साथ संंबंंधोंं मेंं आ रहे तनाव के बीच बुधवार को सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केेंद्र ने बड़े पैमाने पर PUBG सहित 118 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।केंद्र सरकार के अनुसार, वे ऐसी गतिविधियों में लगे हुए थे जो राज्य की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण हैं।

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उत्तराखंड की सत्ता में वापसी की जिम्मेदारी प्रीतम ,हरीश और इंदिरा की-:किशोर उपाध्याय

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की जिम्मेदारी होगी कि 2022 में कांग्रेस सत्ता में लौटे।

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