देहरादून। यूक्रेन पर रूस के हमला करने के ऐलान के बाद वहां फंसे उत्तराखंड के कई स्टूडेंट्स के परिजनों के माथे पर चिंता की लकीरें फूटने लगी है। यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में उत्तराखंड के कई स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों के छात्र यूक्रेन में फंसे है। परिजनों के सीएम धानी से उनके बच्चे को सकुशल भारत वापस लाने की गुहार लगाई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य सरकार, विदेश मंत्रालय के संपर्क में लगाातर है ताकि यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स को भारत में जल्द से जल्द लाया जा सके।
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के चलते इंटरनेशनल फ्लाइट्स के ऑपरेशन पर भी असर पड़ा है। खबरें हैं कि कीव के हवाई अड्डे पर रूस ने धावा बोलकर कब्ज़ा कर लिया है। इस तनाव की वजह से यूक्रेन की लगभग सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स बाधित हो चुकी हैं। एयर इंडिया और भारत से जुड़ी अन्य उड़ानें भी फिलहाल बाधित बताई जा रही हैं। इस बीच, उत्तराखंड के छात्रों के कई पैरेंट्स ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मदद की गुहार लगाई है। धामी सरकार विदेश मंत्रालय से संपर्क कर रही है। असल में यूक्रेन में जो हालात बन गए हैं, उनके चलते इंटरनेशनल उड़ानों के साथ ही ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन भी प्रभावित हुआ है। इंटरनेट सेवाएं भी वहां प्रभावित हैं, जिसके चलते यूक्रेन में फंसे हुए युवाओं के परिवार का बुरा हाल हो गया है। कई परिजनों ने मुख्यमंत्री धामी के सामने रो रोकर अपना दुख बयान किया और चिंता ज़ाहिर की. धामी ने उन्हें पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा है कि चिंता न करें, भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
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यूक्रेन पर हमले से उत्तराखंड के कई छात्रों के परिजन भी चिंतित।
राजस्थान में पुरानी पेंशन को बजटीय व्यवस्था के तहत लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय , पूरे देशभर में स्वागत – शान्ति प्रसादभट्ट ।
टिहरी। आज कांग्रेस शासित राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने वर्ष 2022-23का बजट प्रस्तुत करते हुए जहां किसानों सहित अनेकोंलोगों को राहत दी वही कर्मचारियों के लिए खुश खबरी भी दी कि पुरानी पेंशन को राजस्थान लागू करेगा, इसके लिए बजटिय प्राविधान इसी बजट मे किए गए हैं, इस ऐतिहासिक निर्णय से राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया हैं, जो पुरानी पेंशन को लागु करेगा।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और महांमत्री शान्ति प्रसाद भट्ट ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड मे भी कांग्रेस की सरकार बनते ही निर्णय लिया जाएगा, चुकी कांग्रेस ही ऐसा राष्ट्रीय दल हैं, जो अधिकारी कर्मचारियों का सच्चा हितेषी हैं, उत्तराखंड मे कांग्रेस ने अपने चुनाव के प्रतिज्ञा पत्र (घोषणा पत्र) में पहले ही यह वादा किया हैं, कि यदि कांग्रेस की सरकार बनती हैं, तो हम पुरानी पेंशन लागू करेंगे, राजस्थान सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करतेहुए,मा विधायक और कांग्रेस के टिहरी से प्रत्याशी डा धन सिंह नेगी ने कहा कि “मै राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री जी को इस पुनीत कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूं, इस ऐतिहासिक निर्णय से सभी प्रदेशों की राह भी आसान होगी , निर्णय का स्वागत जिलाध्यक्ष राकेश राणा, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती दर्शनी रावत, नरेंद्र चंद रमोला, साब सिंह सजवान, श्रीमती आशा रावत, मुसर्फ अलि, मुर्तजा बेग, कुंवर सिंह राणा, सहित कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठनो ने किया
राज्य की सभी अदालतों को सोमवार से विधिवत खोलने के आदेश। कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा।
नैनीताल। किसी भी तरह से अदालतों से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है। सोमवार से राज्य की अदालतों में न्यायिक काम-काज शुरू हो जाएगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने कोविड की नई गाइडलाइंस के अनुसार सोमवार से उत्तराखंड की सभी छोटी-बड़ी अदालतों को विधिवत रूप से खोलने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट से जारी सूचना के बाद सोमवार से प्रदेश में अदालतें खुलने का रास्ता साफ हो गया है।
हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने अपने आदेशों में कहा है कि कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए। किसी भी सूरत में नियमों की अवहेलना न हो, इस बात का भी सभी ख्याल रखा जाए। अब सोमवार से कचहरी में सभी कामकाज पूर्व की भांति सामान्य ढंग से गति से संचालित हो सकेंगे। इस फैसले से उन वादकारियों वह वकीलों को बड़ी राहत मिलेगी जो अपने मुकदमे लंबित होने से परेशान थे।
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में 38 दोषियों को फांसी की और 11 को उम्रकैद की सजा।
अहमदाबाद। 13 सालों की लंबी लड़ाई के बाद शुक्रवार को अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। मुकदमे को लेकर पूरे देश की निगाहें अदालत के फैसले लगी हुई थीं।
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। अदालत ने इस मामले के 38 दोषियों को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई। 8 फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। लेकिन, इनमें से एक अभियुक्त अयाज सैयद को जांच में मदद करने के आरोप में बरी किया जा चुका है। अन्य 29 भी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं।
मुकदमे का निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख, गंभीर घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थी। धमाकों की जांच कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया। इस मामले में पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थीं, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जहां विभिन्न स्थानों से भी जिंदा बम बरामद किए गए थे। अदालत के इस फैसले को देश और इंसानियत के खिलाफ काम करने वाले तत्वों के लिए सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।