टिहरी। कोरोना महामारी के इस दौर में कई समाज सेवी और युवा बढ़चढ़ कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। लोगों को जागरूक करने से लेकर जरूरतंमदों तक खाद्य सामग्री और मेडिसिन सहित आवश्यक वस्तुयें तक पंहुचंाने में मददगार सावित हो रहे हैं। इसी क्रम में एस पी ए योगा प्रोडक्शन की तरफ से भी अपनी भूमिका निभाई जा रही है। प्रोडक्शन के संस्थापक और प्रसिद्व लेखक सूरज नौटियाल द्वारा योग और चिकित्सकों द्वारा बताई गई सुरक्षा जानकारियों का प्रचार करने में जुटे हैं। नौटियाल का कहना है कि महामारी से सुरक्षा ही बचाव का बेहतर उपाय है। सूरज एक बेहतरीन लेखक हैं और अपनी लेखनी के के माध्यम से लगातार बुलंदियां छू रहे हैं। वंही प्रोडशन के दूसरे संस्थापक सदस्य अनिल बिजल्वाण द्वारा कोविड 19 से संक्रमित लोगों की स्वयं के खर्चें व संशाधनों से लगातार मदद की जा रही है। अनिल राशन सामग्री और दवाईयों से लोगों को लाभ पंहुचा रहे हैं। यही नही अनिल ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर मास्क, सेनेटाइजर भी बांट रहे हैं, साथ ही लोगों को जागरूक करने में भी मदद कर रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि इस महामारी के दौर में जनसेवा करने में युवाओं को आगे आना चाहिये और इस समय जंहा भी, जिस को भी जरूरत है, जरूरतमंद की मदद करनी चाहिये। प्रोडक्शन की तरफ से विश्व योगा दिवस 21 जून को जीवन जीने की शैली और योगा के माध्यम से उपचार के लिये वीडियो सिरीज लांच की जायेगी, जो लोगों के लिये लाभप्रद होगी।
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जिले में कई पेट्रोल पम्पों पर कांग्रेस का धरना- प्रदर्शन, जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा डबल इंजन फेल।
टिहरी। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ टिहरी में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल पम्पों पर धरना देकर विरोध जताया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कंाग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश राणा के नेतृत्व में धरना दे रहे कांग्रेसियों ने कहा कि पेट्रोलियम पधार्थों के दामों में बेहतासा बृद्वि ने आम आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है। जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार मंहगाई को काबू करने में नाकाम सावित हो रही हैं। उन्होने कहा कि जनता एक तरफ तो कोरोना महामारी से परेशानियां झेल रही है, वंही मंहगाई के कारण सामान्य परिवार के घर का खर्चा चलना मुश्किल हो गया है। राणा ने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के चलते कई लोगों का रोजगार छिन गया है, जिससे लोगों को परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि खाद्य पधार्थों के दाम भी आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकारें कुछ नही कर पा रही हैं। टिहरी के विभिन्न ब्लाकों में अलग अलग पेट्रोल पम्पों पर कांग्रेसियों का धरना प्रदर्शन था।
टिहरी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी, लेकिन नियमों का उल्लंघन पर कार्यवाही होगी-डीएम इवा।
टिहरी। टिहरी जिले में लाॅक डाउन लगने के बाद से अब तक कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है। जिले में अब कुल एक्टिव केस 766 रह गये हैं। ये सभी लोग आइसोलेशन में हैं, हालांकि यंहा प्रतीक्षारत सेम्पलों की संख्या 1930 है। टिहरी में कोविड के कारण हुई मौतों का आंकड़ा 62 पंहुच गया है। टिहरी में लगातार टीकाकरण का काम जारी है। यंहा 50 से अधिक कन्टेन्टमेन्ट जोन बनये गये थे ,जो अब घटकर 22 रह गये हैं। टिहरी की जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण व्यक्तियों की तादाद में लगातार गिरावट आ रही है, बाबजूद प्रशासन किसी प्रकार की कोताही नही बरतेगा। उन्होने कहा कि लगातार सेम्पलिंग, टेस्टिंग, चैंकिंग और ट्रेसिंग का काम जारी है। डीएम ने कहा कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं, कि कोरोना संक्रमण अभी थमा नही है, इसलिये किसी भी स्तर पर लापरवाही नही की जाय। उन्होने कहा कि कोविड नियमों के पालन कराने में कोई चूक नही करने के निर्देश दिये गये हंै, साथ ही नियमों और आदेशों के उल्लंघन पर कार्यवाही की जायेगी।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया, भ्रामक खबर फैलाई जा रही हैं-सतपाल महाराज।
प्रदेश के पर्यटन सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने देवस्थान बोर्ड पर पुनर्विचार न किये जाने को लेकर विभिन्न मीडिया माध्यमों में चल रहे बयान को खारिज करते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
पर्यटन संस्कृति एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिसमें कुछ मीडिया माध्यमों में धमक खबर फैलाई जा रही है के उनके द्वारा यह कहा गया है देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं होगा। महाराज ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि वह तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज को स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि उन्होंने एक न्यूज़ चैनल द्वारा पूछे गए सवाल कि क्या “देवस्थानम बोर्ड में 4 मंदिरों के अलावा अन्य को शामिल करने पर क्या कोई पुनर्विचार चल रहा है” के जवाब में उत्तर देते हुए कहा था कि इन्हीं चार मंदिर समूह में शामिल कुल 51 मंदिर जो इनके परिसर में ही स्थित है उनके अलावा किसी अन्य को देवस्थान बोर्ड में शामिल करने पर कोई भी पुनर्विचार नहीं चल रहा है। इसके अलावा उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को लेकर कभी भी कोई गलत बात नहीं कही।
पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि इसके अतिरिक्त उन्होंने देवस्थानम को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिसको लेकर विवाद खड़ा किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके बयान को जानबूझकर काट छांट कर इस तरह से दिखाया गया जिससे समाज में आक्रोश भड़के।
कोरोना से हुई मौतों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जताया दुख, तीसरी लहर के प्रति सचेत रहने को कहा।
उत्तराखंड में कोरोना का कहर अभी भी जारी है। प्रदेश में कोरोना से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी कोरोना से काफी लोग संक्रमित हैं। इसको लेकर कांग्रेस लगातार राज्य सरकार पर कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रही है। इसी कड़ी में पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट कर कोरोना से मरने वालों के परिवारजनों को लेकर अपना दुख जाहिर किया है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण ने देशभर से कई प्रतिभाएं, कई घरों के चिराग और कई लोगों का सहारा छीन लिया है। हर राज्य में कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर से दूसरी लहर और घातक साबित हुई है और अभी भी तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। बता दें कि, पूर्व सीएम हरीश रावत कोरोना को लेकर लोगों को हमेशा जागरूक करते दिखाई दिए हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन भारत सरकार को 150 रुपये में मिल रही हैै। लेकिन केंद्र सरकार उसे राज्य सरकारों से 500 रुपए के हिसाब से खरीदने को कह रही है। इसके बाद प्राइवेट अस्पताल उसे 1,200 से 2,000 रुपए में बेच रहे हैं। सोमवार को कोरोना के 2335 मरीजों के ठीक हो जाने के बाद प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 14122 रह गई है। राहत की बात ये है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 91.97ः तक पहुंच गई है। हालांकि, डेथ रेट अभी भी 2.01ः है। प्रदेश में अभीतक कुल 6731 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक, काम्पेक्टर लगाने के लिये भूमि चयन के दिये निर्दश।
टिहरी। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम- 2016 के क्रियान्वयन को लेकर जिला कार्यालय के वी०सी० कक्ष में जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम- 2016 के नियम -22 में वर्णित 11 बिंदुओं पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जानी है। जिसके तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जिला पंचायतराज विभाग द्वारा सभी 9 विकासखंडों में कम्पेक्टर की स्थापना हेतु 1-1 स्थल का चयन किया जाना है। जबकि ग्रामीण बाजारों तपोवन, हिंडोलाखाल व कैम्पटी में जिला पंचायत द्वारा भूमि का चयन किया जाना है।
बैठक में जिला पंचायतराज विभाग अधिकारी द्वारा बताया गया की कम्पेक्टर की स्थापना हेतु भूमि का चयन किया गया है। जिसपर जिलाधिकारी ने चयनित भूमि के हस्तांतरण की कार्यवाही के निर्देश दिए है। वहीं अपर मुख्य कार्याधिकारी को हिंडोलाखाल व कैम्पटी में भूमि चयन को लेकर राजस्व व वन विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण करने निर्देश दिए है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला, परियोजना निदेशक डीआरडीए आनंद भाकुनी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, डी०पी०आर०ओ० राम पाल सिंह, अपर मुख्य कार्याधिकारी जिला पंचायत संजय खंडूरी उपास्थिति थे।
आक्सीजन प्लान्ट शुरू करने पर सेना का किया सम्मान, वर्षों से बन्द पड़े आईडीपीएल के प्लान्ट में फिर से हुआ आक्सीजन उत्पादन।
वर्षों से बंद पड़े आईडीपीएल के ऑक्सीजन प्लांट को सेना के इंजीनियरों की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद शुरू कर दिया है। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उन्हें फूल माला पहनाकर सम्मानित किया। उन्हेंने कहा कि आईडीपीएल ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करने का श्रेय केवल सेना के जवानों को ही जाता है। विधानसभा अध्यक्ष ने आईडीपीएल स्थित ऑक्सीजन प्लांट पहुंच कर सेना के इंजीनियरों की हौसला अफजाई की। उन्होंने जवानों का माल्यार्पण कर उन्हें सैल्यूट किया। साथ ही प्रतीक चिन्ह भेंट करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजर, मास्क और आयुर्वेदिक कोरोनिल किट भी वितरित की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देहरादून की गोल्डन की ईगल्स टीम के इंजीनियरों ने असंभव काम को संभव कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट को पुनर्जीवित करने के शुरुआती दौर में सेना के इंजीनियरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन अपने दृढ़ संकल्प से सेना के जवानों ने ऑक्सीजन प्लांट को दुरस्त कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सेना के जवान सरहद पर देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार से कोरोना जैसी महामारी के बीच जब देश को सेना की जरूरत पड़ी तो उन्होंने इस प्रकार के आंतरिक विषयों पर भी अपना पूरा सहयोग दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सेना के 13 इंजीनियरों की टीम लगातार दिन-रात कार्य में जुटी रही। जिसका सफल परिणाम जनता के सामने है। उन्होंने कहा कि देश के वीर जवानों का हर क्षेत्र में जज्बे को देखकर दुश्मन भी उन से डरता है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने आईडीपीएल प्रशासन द्वारा सेना की टीम को किए गए सहयोग के लिए उनका भी आभार व्यक्त किया। मौके पर मौजूद सेना के कमांडिंग ऑफिसर अभिषेक पठानिया ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करने के प्रयासों को ही सेना ने आगे बढ़ाते हुए टास्क को पूरा किया है। इस अवसर पर सेना के कैप्टन अर्जुन सिंह राणा ने धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का इस मुहिम में लगातार सहयोग मिलता रहा और टीम को इस कार्य के लिए प्रेरित करते रहे हैं।
पुनर्वास के लिये नया संशोधन प्रस्ताव लाने को मंत्री धन सिंह रावत ने दिये निर्देश, विधायकों ने नियमों में शिथिलता लाने के प्रस्ताव रखे।
प्रदेश के आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास को लेकर उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाॅल एवं आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्रों के विधायक भी मौजूद रहे। बैठक की खास बात यह रही कि इसमें विपक्ष के विधायकों ने भी शिरकत कर अपने-अपने क्षेत्रों के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर सुझाव रखे। साथ ही विपक्षी विधायकों ने विभागीय मंत्री डा. रावत का आभार जताते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब किसी संवेदनशील मुद्दे पर प्रतिपक्ष के विधायकों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया। विभागीय मंत्री ने बैठक में विधायकों द्वारा दिये गये जनहित के सुझावों को शामिल कर प्राकृतिक आपदा संबंधी वर्ष 2011 की विस्थापन/पुनर्वास नीति का संशोधन प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट में लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
समीक्षा बैठक में उपस्थित विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों के दैवीय आपदाग्रस्त गांवों एवं परिवारों के शीघ्र विस्थापन की मांग रखते हुए नियमों में शिथिलता लाने सम्बंधी सुझाव रखे। जिस पर विभागीय मंत्री डा. रावत ने विधायकों को भरोसा दिलाया कि शीघ्र ही आपदा प्रभावितों के विस्थापन संबंधी नीति में संशोधन कराया जायेगा। जिसमें विधायकों एवं विशेषज्ञों के उपयोगी सुझावों को शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 10 दिन बाद पुनः विस्थापन एवं पुनर्वास प्रकरणों की समीक्षा की जायेगी। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों द्वारा बैठक में पुराने एवं आधे-अधूरे आंकड़े प्रस्तुत करने पर फटकार लगाते हुए भविष्य में पूरी जानकारी के साथ बैठक में आने की नसीहत दी।
विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताय कि राज्य में पुनर्वास नीति 2011 लागू होने पश्चात विभाग द्वारा प्रदेश में अब तक कुल 43 गांवों के 1086 परिवारों का विस्थापन किया चुका है। जिनके पुनर्वास पर विभाग द्वारा कुल 45 करोड़ 63 लाख 63 हजार 916 रूपये की धनराशि खर्च की जा चुकी है। समीक्षा बैठक में वर्तमान तक पुनर्वासित परिवारों की जनकारी देते हुए विभागीय सचिव एस.ए. मुरूगेशन ने बताया कि वर्ष 2012 एवं 2015 में रूद्रप्रयाग जनपद के 4 परिवार एवं चमोली जनपद के 07 परिवारों का पुनर्वास किया। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में 4 जनपदों के 177 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिनमें बागेश्वर के 28, चमोली के 67, टिहरी के 26, एवं रूद्रप्रयाग के 56 परिवार शामिल हैं। जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3 जनपदों के आपदा प्रभावित 151 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिनमें चमोली के 113, बागेश्वर के 18, टिहरी के 20 परिवार शामिल है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 के तहत 04 जनपदों 360 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिसमें पिथौरागढ़ के 21, टिहरी के 265, बागेश्वर के 5, चमोली के 69 परिवार शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6 जनपदों के 258 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिनमें टिहरी के 92, उत्तरकाशी के 91, चमोली के 18, नैनीताल के 1, बागेश्वर के 4, पिथौरागढ़ के 52 परिवार शामिल हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3 जनपदों के 129 परिवारों का विस्थापन कर दिया गया है। जिसमें अल्मोड़ा के 4, उत्तरकाशी के 94 और पिथौरागढ़ के 31 परिवार शामिल हैं।
बैठक में कपकोट विधायक बलवन्त सिंह भौंर्याल, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, पुरोला विधायक राजकुमार, बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, थराली विधायक मुन्नी देवी, घनसाली विधायक शक्ति लाल, धारचूला विधायक हरीश धामी, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव डा. आनन्द श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, अनुभाग अधिकारी एस.डी. बेलवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
टोल प्लाजा का निर्णय वापस लेने पर पटाके जलाकर जताई खुशी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल को दिया धन्यवाद।
नेपाली फार्म के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रहे टोल प्लाजा का निर्णय वापस लेने के बाद लोगों ने जमकर नारेबाजी और पटाखे जलाकर खुशियां मनाई। सभी लोगों ने इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का भी धन्यवाद किया।
नेपाली फार्म के पास देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल प्लाजा बनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद तेजी से टोल प्लाजा का निर्माण कार्य चल रहा था। इसकी खबर जब ग्राम प्रधान संगठन व स्थानीय लोगों लोगों को लगी तब सभी ने इसका खुलकर विरोध किया।
कांग्रेस नेता शूरवीर सिंह सजवाण और जयेंद्र रमोला भी इसके विरोध में उतर आए थे। बाकायदा इसके लिए 2 सप्ताह से अधिक आंदोलन भी चला। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी टोल प्लाजा को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए प्रदेश के मुखिया तीरथ सिंह रावत से बात की, जिसके बाद ये निर्णय वापस ले लिया गया। अब सिर्फ डोईवाला के लच्छीवाला के पास ही टोल प्लाजा रहेगा। वहीं, इस खबर के बाद बड़ी संख्या में ग्राम प्रधान और ग्रामीण विधानसभा अध्यक्ष कैंप कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने मिठाई खिलाकर और गुलदस्ता देकर विधानसभा अध्यक्ष का धन्यवाद किया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा टोल प्लाजा बनने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता। यही कारण है कि इसको लेकर बात की गई, जिसके बाद टोल प्लाजा न बनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश के मुखिया तीरथ सिंह रावत के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व की भी अहम भूमिका रही है।
कोरोना से अनाथ हुये बच्चे मानव तस्करी का शिकार न हों, पुलिस बरत रही है सतर्कता- प्रीति प्रियदर्शनी।
कोरोना ने कई बच्चों के माता-पिता को उनसे छीन लिया है, जिसके कारण वो अनाथ हो गए हैं। अनाथ बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए पुलिस गंभीर है। इसके लिए नैनीताल पुलिस एक कार्य योजना तैयार करने जा रही है। पुलिस अब अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर ये पता लगाएगी कि जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं। उनको कौन पाल रहा है। साथ ही ऐसे बच्चों का डाटा तैयार कर प्रशासन को भेजेंगी। नैनीताल की एसएसपी प्रीति प्रियदर्शनी का कहना है कि पुलिस विभाग को अनाथ बच्चों के सुरक्षित भविष्य को लेकर काफी फिक्र है। ऐसे में अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित कर उनका डाटा तैयार करने का काम किया जा रहा है। साथ ही पुलिस ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन बच्चों का भविष्य किसके हाथों में है। ये बच्चे मानव तस्करी का शिकार ना हो इसको लेकर पुलिस सतर्कता बरत रही है और इस ओर भी काम कर रही है। एसएसपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर अनाथ बच्चों को गोद लेने की चर्चाएं भी जोरों पर चल रही हैं। बिना गोद लेने की प्रक्रिया पूरी किए अगर किसी ने भी इन बच्चों को गोद लिया तो मामला संज्ञान में आने पर उक्त व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।