
उत्तराखण्ड
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत को भारत के लिए फायदेमंद बताया विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत को भारत के लिए फायदेमंद बताया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत व्हाइट हाउस में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी को एक मौके के रूप में देखता है. उनके राष्ट्रपति बनने से भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती मिलेगी. साथ ही दोनों देशों को व्यापारिक क्षेत्र में फायदा होगा.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए विदेश मंत्री ने गुरुवार को सिडनी में तमाम बिजनेस लीडर और CEO से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने अपने समकक्ष पेनी वोंग के साथ ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं. जयशंकर ने समझाया कि आखिर ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने पर ग्लोबलाइजेशन पर क्या असर होगा.
विदेश मंत्री ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के आने से बिजनेस और डेप्लोमेटिक रिलेशन के लिहाज से 5 अहम फायदे हो सकते हैं. ट्रंप की जीत का ग्लोबलाइजेशन पर बड़ा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, “ग्लोबल लेवल पर सप्लाई चेन का ऑर्डर पहले से ही बदल रहा है. यह बहुत संभव है कि अमेरिका में चुनाव के नतीजे आने के बाद इसमें और तेजी आएगी.”
एस जयशंकर ने कहा, “मैं आपके साथ एकदम स्पष्ट रहूंगा. इनमें से कुछ चीजें कुछ हद तक बाधक होंगी. लेकिन, ट्रंप की वापसी को हम भारत में एक मौके के रूप में देखते हैं, क्योंकि 1990 के दशक और 2000 के दशक की शुरुआत में हम मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की दौड़ में पिछड़ गए थे. इसलिए हमें लगता है कि सप्लाई चेन की री-ऑर्डरिंग हमें एक तरह से दूसरा मौका दे रहा है. संभव है कि इस बार ‘एप्पल’ से शुरुआत करके हम पहले से बेहतर कर रहे हैं.”
एस जयशंकर ने उस डिजिटल युग के महत्व का जिक्र किया, जिसमें हम सभी रह रहे हैं. उन्होंने कहा, “ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म की अहमियत बढ़ जाएगी. डिजिटल पक्ष अब करीब-करीब हर चीज को कवर करता है.” उन्होंने कहा, “जो हो रहा है वह विश्वास के बारे में है. किसी प्रोडक्ट या सर्विस या टेक्नोलॉजी के डिजिटल पहलू के साथ जो कुछ भी होता है, वह पहले से और ज्यादा जांच के दायरे में आएगा.”
एस जयशंकर ने कहा, “चौथा पहलू गतिशीलता को लेकर है. मेरे ख्याल से दुनिया की डेमोग्राफिक असमानता हमें परेशान करने लगी है. ऐसी इकोनॉमी होंगी, जहां डिमांड ज्यादा होगी. ऐसे देशों में जरूरी नहीं है कि टैलेंट भी उतनी ही मात्रा में हो.”
विदेश मंत्री ने कहा, “हम शायद अगले कुछ सालों में पहले से बहुत ज्यादा इंटिग्रेटेड ग्लोबल वर्कप्लेस की ओर बढ़ेंगे. ये चीजें अमेरिका समेत कई देशों में अभी से है. ट्रंप इसके लिए इमिग्रेशन और मोबिलिटी यानी गतिशीलता में फर्क करेंगे.” जयशंकर कहते हैं, “ट्रंप की वापसी से अमेरिका और भारत के बीच बिजनेस भी बढ़ सकता है. इस क्षेत्र में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं.”