हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के पीपीपी मोड पर छिड़ा विवाद, छात्रों सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

उत्तराखंड

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के पीपीपी मोड पर छिड़ा विवाद, छात्रों सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

हरिद्वार में 100 एमबीबीएस की सीट के साथ प्रारंभ राजकीय मेडिकल कालेज को निजी क्षेत्र को सौंपा गया है। प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में संचालित किया जाएगा।

छात्रों ने किया विरोध

उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर संचालित करने के एक पत्र ने छात्रों और राजनीतिक दलों के बीच विवाद खड़ा कर दिया है. छात्रों के विरोध प्रदर्शन और विपक्ष की प्रतिक्रिया के कारण यह मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है. मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों का कहना है कि उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई का वादा किया गया था. अब कॉलेज को पीपीपी मोड पर संचालित करने की योजना से उन्हें निजी कॉलेज का टैग मिल जाएगा. छात्रों ने कॉलेज में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से यह फैसला वापस लेने की मांग की. उनका कहना है कि अगर कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिया गया, तो उनकी डिग्री की विश्वसनीयता और उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लिया जा रहा है.

हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने को लेकर विरोध थम नहीं रहा। छात्रा-छात्राओं के बाद अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर हंगामा किया। कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज के बाहर एकत्रित हुए और जमकर हंगामा किया। पुलिस ने कांग्रेस के विधायक रवि बहादुर , युवा नेता सुमित्रा भुल्लर को गेट पर ही रोक दिया.
बता दें कि लक्सर जगजीतपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने का एमबीबीएस के छात्र-छात्राएं जगातार विरोध कर रहे हैं। वे पढ़ाई छोड़ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि विभाग की ओर से कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज के संचालन को पीपीपी मोड पर दिए जाने से अध्ययनरत छात्रों की फीस नहीं बढ़ेगी। साथ ही छात्रों को अन्य सभी सुविधाएं सरकारी भी मेडिकल कॉलेज के समान ही मिलती रहेंगी। लेकिन फिर भी छात्र विरोध कर रहे हैं।

Epostlive.com