
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में महिलाओं को चालीस फीसदी टिकट देने की घोषणा की है तो कुछ हलचल तो स्वाभाविक है। उत्तराखण्ड में भाजपा ने महिला नेताओं को विधानसभा क्षेत्रों में सहायक चुनाव प्रभारी के दायित्व देने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस उत्तर प्रदेश के लिए घोषित चुनावी रणनीति को उत्तराखंड में भी आजमाएगी या नहीं?
भाजपा ने यह तो जाहिर कर दिया है कि वह महिलाओं को सिर्फ सहयोगी भूमिका में रखेगी। बराबरी की बातें अभी भाषणों में ही रहेंगी। कांग्रेस के लिए यह अपने बचाव का बहाना है। भाजपा में टिकट वितरण के लिए बहुत से दरवाजे पार करने पड़ते हैं। टिकट मिल गया तो मंजिल मिलने की भी संभावनाएं हैं।
कांग्रेस अब उस स्थिति में नहीं है। बहुत पहले कांग्रेस के स्थापित नेताओं के बारे में एक शब्द था जड़काटू। आशय यह था कि नए लोगों उभरने नहीं देना। उभरते दिखे तो जड़ों पर घात करो चाहे जैसे भी हो।
वैकल्पिक राजनीति की बात करने वाले महिलाओं की बराबरी के इस सबसे महत्वपूर्ण और उत्तराखंड के लिए युगांतरकारी सवाल पर कुछ सोच रहे हैं या?