नई टिहरी के विद्या मंदिर में एकता दिवस पर ली शपथ। पटेल की जीवनी का संदेश दिया अध्यापकों ने।

नई टिहरी। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई टिहरी में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया । दिवस का शुभारंभ श्रीमान बालकृष्ण कोठारी जी द्वारा मां सरस्वती के दीप प्रज्वलन से प्रारंभ हुआ विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों द्वारा तथा शिक्षक गणों द्वारा राष्ट्रीय एकता की शपथ ली गई तथा इस दिवस के उपलक्ष में 55 विद्यार्थियों ने निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसका परिणाम उत्तराखंड स्थापना दिवस के दिन घोषित किया जाएगा राष्ट्रीय एकता दिवस पर अंग्रेजी प्रवक्ता श्री राजेश नेगी जी द्वारा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया उन्होंने लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जीवनी तथा उनके द्वारा किए गए कार्यों पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य जी श्रीमान देवी प्रसाद नौटियाल जी द्वारा इस दिवस का समापन किया गया प्रधानाचार्य जी द्वारा भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया उन्होंने विद्यार्थियों को शुभ आशीष देते हुए कहा कि हमें भी स्वयं से प्रारंभ करके समाज में एकता का भाव उत्पन्न करना चाहिए जिससे सारा समाज संगठित होकर हमारा देश एक विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर हो सके ।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र सिंह मिश्रवाण के द्वारा किया गया

Epostlive.com

टिहरी के चौरास में सीएम धामी ने किया 37 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास।

टिहरी। टिहरी के कीर्तीनगर ब्लाक के चौरास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 37 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यंहा पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिये मुख्यमंत्री ने जाखणी -चौरास पेयजल पम्पिंग योजना और 33 के वी विधुत सब स्टेशन का भी लोकापर्णण मुख्यमंत्री धामी ने किया। इलाकें में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण भी किया, साथ ही क्षेत्र के इस इलाके की लोंगों की जरूरत को समझते हुये 5 एम्बूलैंस देने का वादा किया। विधायक देवप्रयाग के आग्रह पर घंटाकर्ण देव को सातवें धाम का दर्जा दिने जाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के इस दौरे में कीर्तिनगर इलाके के लोगों ने काफी संख्या में हिस्सा लिया। सीएम धामी ने कहा कि युवाओं के रोजगार के लिये तमाम भर्तियां निकाली जा रही हैं, साथ ही यह सरकार जो घोषणा कर रही है, उसके तुरन्त शासनादेश लागू किये जा रहे हैं। दरअसल पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री बनते ही पहले जिलों और अब विधान सभा क्षेत्रों में भी ताबड़तोड़ दौरों और रैलियों को करना शुरू कर दिया है। देखना होगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में इस युवा तुर्क सीएम का प्रभाव उत्तराखण्ड के आने वाले विधान सभा चुनावों पर कितना छाप छोड़ पाता है।

Epostlive.com

शहीद विपिन को दी सी एम ने श्रधांजलि। सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार ।

सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार ।

Epostlive.com

टेस्ट ट्यूव बेबी (आईवीएफ) सुविधा अब एम्स ऋषिकेश में शुरू, संतान से बंचित लोगों को मिलेगा लाभ।

ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में अब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन सेंटर (आईवीएफ) सुविधा शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में इस नई उपलब्धि के शुरू होने से उन परिवारों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा, जिन दंपतियों के शारीरिक कमी की वजह से बच्चे नहीं हो पाते हैं। इस सुविधा के शुरू होने से अब बांझपन का दंश झेल रहे लोगों की समस्या का समाधान हो सकेगा। इसके साथ ही उत्तराखंड में एम्स, ऋषिकेश पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान बन गया है जहां यह सुविधा शुरू की गई है।
गौरतलब है कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) एक सहायक प्रजनन तकनीक है, जहां भ्रूण के उत्पादन के लिए एक प्रयोगशाला में एक अंडे को शुक्राणु के साथ जोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया में एक महिला रोगी के अंडाशय को हार्माेनल दवाओं के साथ उत्तेजित करना, अंडाशय (डिंब पिकअप) से अंडों को निकालना और शुक्राणु को एक प्रयोगशाला में एक विशेष तकनीक के माध्यम से उन्हें निषेचित करना शामिल है। निषेचित अंडे (जाइगोट) के 2 से 5 दिनों के लिए भ्रूण संवर्धन से गुजरने के बाद, इसे एक सफल गर्भावस्था की स्थापना के लिए उसी या किसी अन्य महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। इस तकनीक का उपयोग महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों (ट्यूबल क्षति, एंडोमेट्रियोसिस, खराब डिम्बग्रंथि रिजर्व, पीसीओएस आदि) या पुरुष कारक (असामान्य वीर्य पैरामीटर आदि) या दोनों वाले जोड़ों में किया जाता है।
एम्स ऋषिकेश के निदेशक और सीईओ प्रोफेसर अरविंद रघुवंशी ने संस्थान के गायनी विभाग में आईवीएफ सेंटर का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश में कई दंपति बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं। जो महिलाएं बांझपन की समस्या से ग्रसित हैं, उन्हें सामाजिक कलंक, वर्जना और मानसिक प्रभावों का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश में आईवीएफ केंद्र खुलने से उत्तराखंड और आसपास के शहरों में रहने वाले ऐसे सभी लोगों को लाभ मिल सकेगा जो संतान सुख से वंचित हैं और इस सुविधा से माता-पिता का सुख प्राप्त करना चाहते हैं।
डीन एकेडेमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि इस सुविधा को शुरू करने वाला एम्स अस्पताल स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्य का पहला सरकारी संस्थान है। उन्होंने कहा कि क्योंकि अभी तक यह बेहद जटिल और महंगा इलाज हुआ करता था, इसलिए अब एम्स ऋषिकेश में शुरू की गई इस सुविधा से मध्यम वर्ग के दंपति भी अपना उपचार करा सकेंगे।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर अश्वनी कुमार दलाल ने कहा कि आज के दौर में ऐसे मेरीड कपल्स की संख्या ज्यादा बढ़ रही है जिनकी अपनी कोई संतान नहीं है। इस सुविधा से पुरुष बांझपन और महिला बांझपन दोनों की समस्याओं का निदान संभव है।
प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की प्रमुख तथा एम्स के आईवीएफ केंद्र की प्रभारी प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने इस बाबत बताया कि गायनी विभाग पिछले 4 वर्षों से बांझपन वाले जोड़ों का प्रबंधन कर रहा है। इसमें बांझ दंपति का काम, ओव्यूलेशन इंडक्शन, फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग, बांझपन के लिए लेप्रोस्कोपिक और हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह विभाग इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइन के अनुसार 45 वर्ष तक की महिलाओं और 50 वर्ष तक के पुरुषों के लिए यह सुविधा प्रदान करेगा।
आईवीएफ केन्द्र की नोडल अधिकारी डॉ.लतिका चावला ने केन्द्र में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में कहा कि आईवीएफ केंद्र में पुरूष शुक्राणुओं की जांच हेतु एंड्रोलॉजी लैब ने कार्य करना शुरू कर दिया है और केन्द्र में अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा इस केन्द्र में आईवीएफ प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में एम्स ऋषिकेश संतान से वंचित ऐसे माता-पिता का भी इलाज करेगा, जिनके शरीर में अण्डाणु या शुक्राणु नहीं बनते और जिन्हें स्पर्मदाता की आवश्यकता होती है।
कार्यक्रम के दौरान अस्पताल प्रशासन के प्रोफेसर यूबी मिश्रा, प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, वित्तीय सलाहकार कमांडेंट पीके मिश्रा, गायनी विभाग की प्रोफेसर शालिनी राजाराम, डॉ. अनुपमा बहादुर, डॉ. कविता खोईवाल,डॉ. अमृता गौरव सहित कई अन्य मौजूद थे।

Epostlive.com

लकड़ी से बने मकान में लगी आग, सारा सामान जला, पांच परिवार रहते थे किराये पर।

उत्तरकाशी। पुरोला तहसील मुख्यालय के कोर्ट रोड पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक लकड़ी के भवन में अचानक आग लग गई। आग लगने के कारण घर में रखा रसोई गैस सिलेंडर भी फट गया, जिससे आग और विकराल हो गई। भवन में किराए पर रहे 5 परिवार के सदस्यों ने किसी प्रकार भागकर जान बचाई।
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह रामवीर सिंह के कोर्ट रोड स्थित लकड़ी के भवन में आग लग गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों और फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक घर में रखा सारा सामान राख हो गया। स्थानीय लोगों के अनुसार इस लकड़ी के भवन में पांच परिवार किराए पर रहते थे, जिनका सारा सामान जलकर राख हो गया है। वहीं, आग लगने के कारणों की पुलिस जांच कर रही है। साथ ही प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को फौरी तौर पर सहायता देने की कार्रवाई की जा रही है।

Epostlive.com

चुनाव चर्चा- विक्रम बिष्ट-घनसाली: पार्टी टिकटों के लिए जोर आजमाइश।

पिछले विधानसभा चुनाव में घनसाली सीट पर भाजपा और कांग्रेस में बगावत हुई थी। इस बार कहीं ज्यादा संभावनाएं हैं। दोनों दलों या किसी एक में बगावत नहीं होती तो भी चुनाव परिणाम पर फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ जीत के अंतर में घट-बढ़ हो सकती थी।
भाजपा प्रत्याशी शक्ति लाल शाह को 22103 मत मिले थे। पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े प्रेमलाल त्रिकोटिया को 3062, कांग्रेस के भीम लाल आर्य के हिस्से मात्र 4963 मत आए थे। जबकि कांग्रेस के बागी धनी लाल शाह 10450 मत हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे थे। शेष चार उम्मीदवारों को 3221 मत मिले थे। यानी भाजपा को अन्य सभी उम्मीदवारों को मिले मतों से ज्यादा लोगों ने पसंद किया था।
चुनाव में भाजपा को प्रचण्ड बहुमत को मोदी लहर का परिणाम माना गया था। लेकिन उस दौरान के विधायकों के काम का मतदाताओं ने बिल्कुल मूल्यांकन नहीं किया, ऐसा नहीं माना जा सकता है। घनसाली सहित अधिकांश क्षेत्रों में
तत्कालीन विधायकों के प्रति मतदाताओं के विश्वास या अविश्वास को जीत-हार के अंतर से समझा जा सकता है।
इस बार विधायक शक्ति लाल के अलावा दर्शन लाल, सोहनलाल खण्डेलवाल भाजपा टिकट के दावेदार हैं।
धनीलाल शाह, भीम लाल आर्य और दिनेश लाल कांग्रेस के टिकटार्थी हैं। उक्रांद प्रत्याशी को सबसे कम मत मिले थे। इस बार घनसाली में उक्रांद खासा सक्रिय है। उसके टिकट के लिए भी तीन-चार दावेदार हैं। आप भी चुनाव लड़ेंगी।
घनसाली विधानसभा क्षेत्र भिलंगना ब्लाक तक सिमटा है, यानी एक विधायक एक ब्लाक प्रमुख। दो एसडीएम एक बीडिओ।
दस न्याय पंचायतें। सभी पंचायतों से कम से कम एक -एक संभावित उम्मीदवार।

Epostlive.com

स्थानीय लोगों को मिले ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट में रोजगार-सुबोध उनियाल।

टिहरी। तहसील नरेंद्र नगर में रेलवे विकास निगम और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट में कार्यरत कंपनियों के आला अधिकारियों के संग कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बैठक की। इसमें उन्होंने राज्य के स्थानीय लोगों को नौकरी व व्यवसाय में वरीयता देने हेतु निर्देशित किया।

Epostlive.com

चुनाव चर्चा- विक्रम बिष्ट- घनसाली: मिथक टूटा पिछली बार।

2007 के विधानसभा चुनाव तक प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल की पहली सीट थी। 2012 से यह सीट घनसाली का आबंटित है। इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों की शुरुआती चर्चा भी यहीं से प्रारंभ करते हैं।

Epostlive.com

हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालन पर किशोर ने उठाये सवाल। रखा उपवास और आईआईटी दिल्ली की तर्ज पर स्थापित करने की मांग की।

टिहरी। टिहरी के बीपुरम स्थित हाइड्रो इंजिनियरिंग कालेज की दुर्दशा को लेकर और पूर्व में किए गए वादे के अनुसार संस्थान को आई आई टी दिल्ली की तर्ज पर स्थापित किए जाने की मांग को लेकर वनाधिकार आंदोलन एवं शहर कांग्रेस कमेटी टिहरी के कार्यकर्ताओं ने पूर्व पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में सांकेतिक उपवास किया।

Epostlive.com

चुनाव चर्चा- विक्रम बिष्ट- टिहरी गढ़वाल: सीधा, त्रिकोण और घनसाली का घमासान।

टिहरी गढ़वाल के छह विधानसभा क्षेत्रों में आगामी चुनाव में तीन सीटों पर सीधे मुकाबले के आसार बनते दिख रहे हैं। दो सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है।
घनसाली सीट पर घमासान होना निश्चित है। कारण बेशक अलग है। घनसाली सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वर्तमान परिसीमन के तहत यह विधानसभा का आखिरी चुनाव है। नये परिसीमन में सीटों के मानचित्र में फेरबदल तय है। इसलिए राजनीति की चौसर का हर मोहरा इस बार अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी में है। कम से कम सोशल मीडिया पर घनसाली की धमक दिखा रही कि यह सीट दिलचस्प मुक़ाबले में फंसने वाली है। राजनीति का कोई भी जादूगर बहुत कुछ उलट-पुलट सकता है।
नरेन्द्र नगर भाजपा के लिए ही टेढ़ी खीर है। यहां चुनाव पार्टियों के बीच नहीं दो लोगों के बीच होना है। दोनों भाजपा में हैं। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत पिछले चुनाव में आमने-सामने थे। निर्दलीय प्रत्याशी ओमगोपाल रावत ने भाजपा के कद्दावर नेता सुबोध उनियाल को कड़ी टक्कर दी थी। मतों के अंकगणित के मामले में ओमगोपाल भी सुबोध उनियाल की तरह जनपद के अव्वल उम्मीदवारों में से है। यहां पहली परीक्षा भाजपा की ही है।, जारी,,,,,,,।

Epostlive.com