टिहरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्रनगर स्थित 45 वाँ सिद्धपीठ कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले में बतौर मुख्य अथिति शिरकत करते हुए ध्वजारोहण कर मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में शिरकत करने पहुँचे मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न विद्यालयों एवं विभागों द्वारा निकाली गई झांकियों का अवलोकन किया और कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है , साथ ही युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में कैंप लगाए जा रहे हैं । मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत तमाम युवाओं को ऋण वितरित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की कोरोना की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा , इसके लिए 200 करोड़ का राहत पैकेज दिया गया। उन्होंने कहा सरकार ने निर्णय लिया कि सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी जायेगी। साथ ही मार्च 2022 तक विभिन्न भर्तियों का आवेदन शुल्क माफ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन, स्वयं सहायता समूहों, कलस्टरों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली प्रदेश की बहनों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज दिया जा रहा है। साथ ही ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 रूपये से बढ़ाकर 3500 रूपये किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को सशक्त एवं आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्य कर रहे हैं। उन्हीं के मार्गदर्शन में राज्य में विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने नरेंद्रनगर क्षेत्र के लिए 13 घोषणाएं की ।
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मुख्यमंत्री धामी ने किया कुंजापुरी पर्यटन विकास मेले का शुभारंभ। क्षेत्र के लिए की कई घोषणाएं।
विधायक धन सिंह नेगी ने किया पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मान। कहा- कोरोना काल में सभी ने अहम भूमिका निभाई।
नई टिहरी। टिहरी विधायक डॉक्टर धन सिंह नेगी ने कोरोना काल में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्यों को कोरोना वॉरियर्स के रूप में सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों ने मिलकर काम कर कोरोना की पहली और दूसरी लहर से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मंगलवार को ब्लॉक मुख्यालय टिपरी में आयोजित पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान समारोह टिहरी विधायक डॉ धन सिंह नेगी ने टिहरी विधनसभा से जुड़े जाखणीधार के ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों को प्रशस्ति पत्र और बैग भेंट किए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आंगनबाड़ी, आशा, स्वास्थ्य कार्यकत्ताओं के साथ जनप्रतिनिधियों ने बेहतर काम किया है। विधायक ने कहा कि कोरोना की दोनों लहर में उन्होंने मास्क, सैनिटाइजर, सोडियम हाइपो क्लोराइड से लेकर लॉकडाउन में जरूरमंद लोगों को राशन भी वितरित की गई। कहा सरकार ने ग्राम प्रधानों का मानदेय 35 सौ रुपये कर सराहनीय कार्य किया है। कहा कि साढे चार साल में हर गांव को सडक से जोड दिया गया है। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व के कारण एक साल में वैक्सीन तैयार की है। कहा अब तक करीब सौ करोड लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। कहा कि डबल इंजन की सरकार में राज्य का चहुंमुखी विकास हो रहा है। कहा कि केंद्र सरकार नौ हजार करोड़ की लागत से देहरादून से टिहरी झील तक सुरंग बना रही है। सुरंग बनने के बाद देहरादून से टिहरी की दूरी 35 किमी रह जाएगी। पूर्व राज्यमंत्री बेबी असवाल, ब्लॉक प्रमुख सुनीता देवी, प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष रणजीत भंडारी, ग्राम प्रधान नवाकोट भगवती प्रसाद रतूडी ने प्रधानों का मानदेय बढाने और पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मान करने पर विधायक नेगी का आभार जताया। विधायक ने कुम्हारधार की प्रधान सपना देवी, कोटीखास प्रधान दीपिका देवी, पेटव प्रधान सावित्री देवी, कंडियालगांव प्रधान ममता देवी, परसारी प्रधान सुमति रतूडी, क्षेत्र पंचायत सदस्य रीना देवी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेशचंद्र, शंभू शाह, बृहस्पति कुमार्इं सहित कई लोगों को भाजपा में शामिल करवाया। इस अवसर पर ज्येष्ठ प्रमुख आशाराम थपलियाल, जिला पंचायत सदस्य कृष्णा भट्ट, बीडीओ एसएस नेगी, प्रधान हर्षमणी सेमवाल, विनोद चमोली, त्रिलोक बिष्ट, सत्ये सिंह, जय सिंह, राम प्रकाश सेमवाल, हरीश भट्ट, सीताराम भट्ट, विक्रम उनाल, अमर सिंह, मार्केंडेय कोहली, बबीता कुमार्इं, प्रकाश लाल, धर्म सिंह गुनसोला, रमेश कुमार्इं, क्षेत्र पंचायत सदस्य राहुल भारती, नवीन बहुगुणा, कुलदीप गुनसोला, जितेंद्र कुमार, अर्चना सजवाण, संध्या देवी, बबीता कोहली, सुषमा देवी, रश्मि देवी आदि उपस्थित थे।
प्रदेश में 3 महीने तक रासुका लागू। 31 दिसम्बर तक का आदेश जारी।
देहरादून। प्रदेश में राज्य सरकार ने विभिन्न घटनाओं को देखते हुए रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने का फैसला लिया है। इसके मद्देनजर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों के अनुसार 1 अक्टूबर से 3 महीने यानी 31 दिसंबर 2021 तक यह आदेश लागू रहेगा। उत्तराखंड में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर रासुका लगाई गई है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अलग-अलग घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने एहतियात बरतते हुए ये फैसला लिया है. खास बात ये है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी राज्य में एक समुदाय की जनसंख्या को लेकर अपनी बात रखते हुए सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की बात कह चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि राज्य में जनसंख्या को लेकर असंतुलन का मामला उनके संज्ञान में आया है, साथ ही प्रदेश के बाहर से यहां आए असामाजिक तत्वों द्वारा राज्य में भूमि खरीदने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की भी खबरें भी जोर-शोर से सामने आ रही थीं। इसके बाद सीएम धामी और डीजीपी अशोक कुमार ने सख्त चेतावनी देते हुए ऐसे लोगों पर सख्ती करने के निर्देश दिए थे। सीएम ने डीजीपी, डीएम और जिलों के कप्तानों को स्पेशल जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही निर्देश दिए गए थे कि हर जिल में इस प्रकार के क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर वहां रह रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.। जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और उनका अपराधिक इतिहास है। ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को कहा गया था कि इन क्षेत्रों में विशेष रूप से भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त पर विशेष निगरानी रखी जाए। ये भी देखा जाए कि कोई व्यक्ति किसी के डर या दवाब में अपनी संपत्ति न बेच रहा हो।
भागीरथी में गिरी कार, दो शिक्षक सवार थे, तलाश जारी।
उत्तरकाशी। जनपद की डुंडा तहसील के अंतर्गत देवीधार-रनाड़ी मोटर मार्ग पर हिटाणू के पास एक कार अनियंत्रित होकर भागीरथी में गिरी। बताया जा रहा है कि कार में दो शिक्षक सवार थे। हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर पहुंची और उनकी तलाश में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार बुद्धिलाल (39 वर्ष) पुत्र बरफू निवासी ग्राम डांग जुवा भलड़ियाना (टिहरी गढ़वाल) और बिजेंद्र जोशी (40 वर्ष) पुत्र द्वारिका प्रसाद ग्राम भेलुन्ता थाना लंबगांव (टिहरी गढ़वाल) डुंडा के मांजफ गांव से टिहरी की ओर जा रहे थे। इसी दौरान हिटाणू के पास कार अनियंत्रित हो गई और सीधे भागीरथी नदी में जा गिरी।कार सवार दोनों शिक्षकों का कुछ पता नहीं चल पाया है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम खोज बचाव में जुटी है। बचाव टीम में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व टीम की खोजबीन में जुटी है ।सूचना के बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। टिहरी से जल पुलिस की टीम भी पहुंच रही है।
दो टूक। विक्रम बिष्ट : न्याय को श्रद्धांजलि!
दो टूक। विक्रम बिष्ट
न्याय को श्रद्धांजलि!
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,,,,। सफेद पोश नेताओं के लिए तमाशे से ज्यादा कुछ होंगे!
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों पर अत्याचार के एक भी दोषी को सजा मिली? राज्य बनने के बाद राज भोग के मजे लेने वाले किसी नेता ने पीड़ितों को न्याय दिलाने की कोशिश की?
अपने चुनाव पर करोड़ों रुपए खर्च करने वालों ने क्या न्याय के लिए कुछ संसाधनों का सदुपयोग करने की कोशिश की ?
नहीं! चूंकि इन्होंने खुद कुछ नहीं खोया है। इसलिए दर्द कैसा? आंदोलन के बर्बरतापूर्ण दमन की सीबीआई जांच के आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए थे। उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद भी यहां की सरकारों ने दोषियों को सजा दिलाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। फिर श्रद्धांजलि का नाटक क्यों और किस हक से?
क्या राजनीति में नैतिकता के लिए कोई गुंजाइश शेष नहीं रह गई है?
एम्स की सफलता- बिना बेहोश किये छाती के ट्यूमर का इलाज। उत्तर भारत का पहला मामला।
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने छाती में ट्यूमर की समस्या से जूझ रहे एक मरीज को बिना बेहोश किए उसकी सफल अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी करने में विशेष सफलता प्राप्त की है। चिकित्सा क्षेत्र में उत्तर भारत का यह पहला मामला है, जिसमें मरीज को बिना बेहोश किए यह बेहद जटिल सर्जरी की गई। इस मरीज का उपचार आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया। इलाज के बाद मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद स्थित चिन्यालीसौड़ निवासी 30 एक वर्षीय व्यक्ति पिछले लंबे अरसे से छाती में भारीपन और असहनीय दर्द की समस्या से जूझ रहा था। लगभग 3 महीने पहले परीक्षण कराने पर पता चला कि उसकी छाती में हृदय के ऊपर एक ट्यूमर बन चुका है। इलाज के लिए वह पहले राज्य के विभिन्न अस्पतालों में गया, लेकिन मामला जटिल होने के कारण अधिकांश अस्पतालों ने उसका इलाज करने में असमर्थता जाहिर कर दी। इसके बाद अपने उपचार के लिए मरीज एम्स ऋषिकेश पहुंचा। यहां विभिन्न जांचों के बाद एम्स के कार्डियो थोरेसिक व वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के वरिष्ठ सर्जन डा. अंशुमन दरबारी ने पाया कि मरीज की छाती के भीतर व हार्ट के ऊपर थाइमिक ग्रंथी में संभवत: एक थायमोमा में एक ट्यूमर बन चुका है और उसका आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इस बाबत सीटीवीएस विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ सर्जन डा. अंशुमन दरबारी ने बताया कि यदि मरीज का समय रहते इलाज नहीं किया जाता तो हार्ट के ऊपर बना ट्यूमर बाद में कैंसर का गंभीररूप ले सकता था। उन्होंने बताया कि आसपास के महत्वपूर्ण अंगों के कारण छाती के भीतर ट्यूमर में सामान्यत: बायोप्सी करना संभव नहीं होता है इसलिए मरीज की बीमारी के निराकरण के लिए रोगी की सहमति के बाद उसकी ’अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी’ करने का निर्णय लिया गया। अत्याधुनिक तकनीक की बेहद जोखिम वाली इस सर्जरी में मरीज की छाती की हड्डी को काटकर मरीज को बिना बेहोश किए उसके हार्ट के ऊपर बना 10 × 7 सेंटीमीटर आकार का ट्यूमर पूर्णरूप से निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि इस सर्जरी में लगभग 2 घंटे का समय लगा और 4 दिन तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद अब उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। सर्जरी करने वाली विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम में डॉ. अंशुमन दरबारी के अलावा सीटीवीएस विभाग के डॉ. राहुल शर्मा और एनेस्थेसिया विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय कुमार शामिल थे।
एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले चिकित्सकों के कार्य की सराहना की है। उन्होंने बताया कि मरीजों के बेहतर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम 24 घंटे तत्परता से कार्य कर रही है।
क्या है ‘अवेक कार्डियो सर्जरी’ ?
सीटीवीएस विभाग के वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ. दरबारी ने बताया कि अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी की शुरुआत वर्ष- 2010 में अमेरिका में हुई थी। भारत में यह सुविधा अभी केवल चुनिंदा बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध है। इस तकनीक द्वारा मरीज की रीढ़ की हड्डी में विशेष तकनीक से इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे उसकी गर्दन और छाती का भाग सुन्न हो जाता है। पूरी तरह से दर्द रहित होने के बाद छाती की सर्जरी की जाती है। खासबात यह है कि सर्जरी की संपूर्ण प्रक्रिया तक मरीज पूरी तरह होश में रहता है। यहां तक कि सर्जरी के दौरान मरीज से बातचीत भी की जा सकती है। सामान्यतौर पर सर्जरी प्रक्रिया के दौरान मरीज को बेहोशी दवाओं का दुष्प्रभाव हो सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह बेहोशी दवाओं के दुष्प्रभाव से भी बच जाता है। इस तकनीक से मरीज को वेन्टिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता भी नहीं होती है। साथ ही तकनीक में मरीज की रिकवरी बहुत ही सहज और तेज हो जाती है।