शिक्षा विभाग-उत्तराखंड सहायक अध्यापकों के नियुक्ति पत्र किये गये जारी।

उत्तराखंड में मंगलवार से प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए। इस नियुक्ति पत्र का पिछले कई दिनों से अभ्यर्थी इंतजार कर रहे थे। जिसकी शुरुआत बागेश्वर जनपद से की गई। चयनित किए गए सभी अध्यापकों को किस विद्यालय में, कहां पर नियुक्ति होनी है इसके लिए शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। चयनित सभी अध्यापकों को प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शुभकामनाएं दी हैं। कैबिनेट मंत्री पांडे ने बताया कि जल्द ही दूसरे जिलों में भी चयनित किए गए शिक्षकों की नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।

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सुशील बहुगुणा-पितृपक्ष विशेष- सच्ची श्रद्धा से किये श्राद्ध से कष्ट दूर होते हैं।

*पितृपक्ष_विशेष*
हमारे सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना जाता है। इसकी शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होती है और समाप्ति आश्विन अमावस्या के दिन। साल 2021 में पितृ पक्ष 20 सितंबर से लेकर 6 अक्टूबर तक रहेगा। इन 16 दिनों की अवधि में पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। मान्यता है श्राद्ध पक्ष के दौरान पूर्वज अपने परिजनों के हाथों से तर्पण स्वीकार करते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने का भी विधान बताया गया है। कहा जाता है जो लोग इस दौरान सच्ची श्रद्धा से अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। पितृ पक्ष में दान- पुण्य करने से कुण्डली में पितृ दोष दूर हो जाता है। ऐसा भी कहा जाता है जो लोग श्राद्ध नहीं करते उनके पितरों की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती और पितृ दोष लगता है। इसलिए पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितरों का श्राद्ध जरूरी माना जाता है।
अपने पूर्वज पितरों के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए अश्विन कृष्ण पक्ष में पितृ तर्पण एवं श्राद्ध कर्म करना नितांत आवश्यक है। इससे स्वास्थ्य, समृद्धि,आयु,सुख, शान्ति तथा वंशवृद्धि के साथ साथ उत्तम सन्तान की प्राप्ति होती है श्रद्धा पूर्वक किए जाने के कारण ही इसका नाम श्राद्ध है।
अतः आप अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म इत्यादि करें और अपने पितरों को प्रसन्न रखने का प्रयास करें।
*अश्विन कृष्ण पक्ष में श्राद्ध की तिथियां*
पूर्णिमा श्राद्ध-20 सितम्बर सोमवार।
प्रतिपदा का श्राद्ध-21 सितम्बर मंगलवार।
द्वितीया का श्राद्ध-22 सितम्बर बुधवार।
तृतीया का श्राद्ध-23 सितम्बर गुरूवार।
चतुर्थी का श्राद्ध-24 सितम्बर शुक्रवार।
पंचमी का श्राद्ध-25 सितम्बर शनिवार।
षष्ठी का श्राद्ध- 27 सितम्बर सोमवार।
सप्तमी का श्राद्ध-28 सितम्बर मंगलवार।
अष्टमी का श्राद्ध-29 सितम्बर बुधवार।
नवमी/सौभाग्यवतीनां श्राद्ध-30 सितम्बर गुरूवार।
दशमी का श्राद्ध-1 अक्टूवर शुक्रवार।
एकादशी का श्राद्ध-2 अक्टूवर शनिवार।
द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध-3 अक्टूवर रविवार।
त्रयोदशी का श्राद्ध-4 अक्टूवर सोमवार।
चतुर्दशी का श्राद्ध-5 अक्टूवर मंगलवार।
अमावस्या/सर्वपितृ श्राद्ध अज्ञात मृतक श्राद्ध -6 अक्टूवर बुधवार।

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चुनाव चर्चा -विक्रम बिष्ट -विधायक होंगे मुख्य मुद्दा

डेढ़ – पौने दो सौ दिनों
के भीतर उत्तराखण्ड की नई सरकार बन जाएगी। अब तक राज्य में कुल कितनी सरकारें बनी हैं, गणना कर लीजिए।
भाजपा ने साफ कर दिया है कि चुनाव बाद उसकी सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ही होंगे। कांग्रेस में सूत-कपास की आशाओं के साथ मुख्यमंत्री पद के लिए लठ्ठम-लठ जारी है।
मुंगेरी-मुण्डा सपने देखने की मनाही नहीं है, यह हमारे लोकतंत्र का अच्छा मजाक रहा है।
2017 के चुनाव में जनता ने भाजपा को जितने वोट दिए पार्टी के बड़े-बड़े ज्ञानियों ने भी कल्पना नहीं की थी। करते तो भीतरघात की कोशिशें नहीं होतीं।
उससे पूर्व कांग्रेस में हुई बगावत और न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सत्ता में वापसी के दौरान हरीश रावत ने कहा था कि अभी इन (विरोधियों) को और चार-पांच साल मुझको झेलना पड़ेगा। फिलहाल रावत जी को अपने उगाए कांटों को झेलना पड़ रहा है।
कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी राहत यह थी कि उत्तराखण्ड क्रांति दल ने अपने मुद्दों के लिए सड़कों पर संघर्ष की राह न अपना कर वास्तविक विपक्ष की भूमिका से परहेज़ रखा।
लेकिन आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और कुछ हद तक देहरादून जिलों में बसपा और सपा के जो मतदाता कांग्रेस की ओर रुख कर सकते थे वे आप की तरफ जा सकते हैं। फिलहाल आप भाजपा के लिए एक बड़ी राहत है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू तो है ही, योगी आदित्यनाथ भाजपा के लिए तुरुप का पत्ता हैं। पार्टी की तीरथ गलती से उसका आधार तेजी से खिसकने लगा था, धामी ने उसे थाम लिया है। हाल में मुख्यमंत्री के फैसलों का सकारात्मक संदेश गया है।
चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा वर्तमान विधायक होंगे, यह तय है।

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चुनौतियां भी मगर चारधाम यात्रा का ऐलान

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटा दी है। इसके बाद कल यानी 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होगी। चारधाम यात्रा के ऐलान के बाद सबसे बड़ी चुनौती चारधाम यात्रा में पड़ने वाली सड़कें हैं, जो मॉनसून सीजन में भूस्खलन के कारण लगातार बंद हो रही हैं। इस बात से अनुमान लगाया सकता है कि ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच 15 ऐसी जगहें हैं, जहां बरसात के दिनों में लगातार पहाड़ियां दरक रही हैं, जिससे कई दिनों तक मार्ग तो बंद हो ही रहा है, पहाड़ियों से पत्थर गिरने से कई लोगों की जान तक चली गयी है। इस मॉनसून सीजन में ऋषिकेश-श्रीनगर मार्ग ने राहगीरों को खासा परेशान किया है। बारिश होते ही तोता घाटी, कौड़ियाला, देवप्रयाग, शिव मूर्ति, चमधार, फरासू जैसे 15 ऐसे डेंजर जोन हैं, जो बारिश होते ही दरकने लगते हैं, जिसके कारण मार्ग कई-कई दिन तक बंद हो जा रहा है। मार्ग की देखभाल करने वाली एजेंसी लोक निर्माण विभाग की मानें तो अभी सड़कें चारधाम यात्रा के लिए ठीक नहीं हैं। अभी बहुत तैयारी की आवश्यकता है। विभाग ने चारधाम यात्रा को लेकर अभी अपनी पूरी तैयारी नहीं की है। चारधाम यात्रा आधी-अधूरी तैयारियों के साथ खोली जा रही है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि बरसाती सीजन में विभाग को 15 लाख का फंड दिया गया था, जिससे वे मशीनों के जरिये मार्ग खोल रहे थे। अभी मार्ग को मात्र ट्रैफिक लायक बनाया गया है। यात्रा के उद्देश्य से अभी मार्ग तैयार नहीं है। चारधाम यात्रा को लेकर भी तैयारी पूरी नहीं है। तैयारी की आवश्यकता है।

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प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने किया पौधरोपण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में वृक्षारोपण किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं नेतृत्व में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना भी साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली की वजह से भारत को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान मिली है।

मुख्यममंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड के प्रति प्रधानमंत्र मोदी का विशेष लगाव है। उनके मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ का पुनर्निर्माण कर उसे विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल बनाने का उनका सपना साकार हो रहा है। बद्रीनाथ पुनर्निर्माण योजनाओं पर भी कार्य गतिमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड में विकास के नये आयाम स्थापित हुए हैं।

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कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएं इस तारीख से खोलने के आदेश जारी।

कक्षा एक से पांचवी तक के स्कूल खोलने का आदेश जारी हो गए हैं। जी हां । इस वक्त की बड़ी खबर है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर प्राइमरी स्कूलों को खोलने पर चर्चा की जिसके बाद शिक्षा सचिव राधिका झा को 21 सितंबर से प्राइमरी स्कूल खोलने के निर्देश दे दिए गए हैं। आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे में जब आज सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और प्राथमिक स्कूलों को खोलने पर चर्चा की औऱ जिसके बाद मुख्यमंत्री ने भी सैद्धांतिक सहमति स्कूलों को खोलने को लेकर दी जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव को 21 सितंबर से प्रदेश के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूल और प्राइवेट स्कूल पांचवी तक खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। जिसको लेकर जल्द ही शिक्षा विभाग के द्वारा अब गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी।

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कांग्रेस को झटका- पुरोला विधायक राजकुमार हुये भाजपा में शामिल।

दिल्ली। तमाम चर्चाओं को सच साबित करते हुए कांग्रेस के राजकुमार अब भाजपा के सिपाही हो गये हैं। पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार ने रविवार को बीजेपी का दामन थाम कर उत्तराखंड कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। बीजेपी के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय में राजकुमार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। राज्य सभा सदस्य अनिल बलूची भी इस मौके पर उपस्थित थे। विधायक राजकुमार के चुनावों से ठीक पहले दल-बदल कर बीजेपी में चले जाने से कांग्रेस में बड़ी मायूसी है। गौरतलब है कि वर्ष 2007 से लेकर 2012 के दौरान राजकुमार भाजपा से ही सहसपुर से विधायक रहे। 2012 से 17 के बीच वह पुरोला सीट से बीजेपी के विधायक रहे। लेकिन उसी दौरान चुनाव की तैयारी कर रहे राजकुमार को 2017 में बीजेपी ने टिकट नहीं दिया। इस पर वह भाजपा को छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर पुरोला से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंच गए। पांच साल पूरे होने से पहले ही एक बार फिर राजकुमार ने दल-बदल कर भाजपा की शरण ले ली है। 2021 के चुनाव आते आते उत्तराखंड में कुछ और भी नेता दल-बदल का निर्लज्ज खेल खेलने की तैयारी में बताए जा रहे हैं।

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