आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राज्य में आपदा की संवेदनशीलता के प्रति सरकार खासी गंभीर है। जिसको देखते हुए सरकार ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मानकों के अंतर्गत विभिन्न विभागों के मांग के क्रम में विभिन्न मदों में 58 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।
गढ़वाल मंडल में मानसून काल में संभावित अतिवृष्टि से प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए सिंगल इंजन हैलीकॉप्टर की तैनाती हेतु रूपये 44 लाख 25 हजार की धनराशि आवंटित की गई है।
वन विभाग को रूपये 13 करोड़ 27 लाख 37 हजार की धनराशि स्वीकृत की है।
आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों एवं सेतुओं की मरम्मत हेतु लोक निर्माण विभाग को रूपये 25 करोड़।
उत्तराखंड जल संस्थान को प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण हेतु रूपये 5 करोड़।
राज्य में स्थापित सैटेलाइट फोनों की वैधता अवधि बढ़ाने व रख-रखाव के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को रूपये 73 लाख 39 हजार।
पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के लिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी को रूपये 40 लाख 63 हजार।
प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग देहरादून को आपदा मोचन निधि के क्षमता विकास मद से 68 लाख 88 हजार।
एसडीआरएफ द्वारा राज्य के संचार विहीन आबादी क्षेत्र वाली ग्राम सभा एवं पंचायतों में वितरित 92 जीएसपीएस सैटेलाइट फोनों को रिचार्ज करने हेतु पुलिस विभाग को रूपये 19 लाख 54 हजार।
लैंसडाउन में डाप्लर मौसम रडार की स्थापना हेतु रूपये 46 लाख 44 हजार, वन विभाग की प्रत्येक रेंज में 02 ड्रोन तथा चयनित संवेदनशील क्रू-स्टेशन के लिए 01 लीफ ब्लोअर हेतु रूपये 2 करोड़।
डॉ. रावत ने कहा कि आपदा मोचन निधि से रेखीय विभागों के विभिन्न मदों में सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि स्वीकृत कर दी है जिससे संभावित आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यो में आसानी होगी। उन्होंने सभी रेखीय विभागों के अधिकारियों से आपदा मोचन निधि के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि को ससमय उपयोग करने की अपेक्षा की है।