टिहरी- टिहरी बांध: पहली बार पंप स्टोरेज प्लांट के निर्माण से देश को मिलेगी एक हजार मेगावाट बिजली। टिहरी बांध परियोजना 2400 मेगावाट की है, जिसमें से एक हजार मेगावाट…
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दो-टूक :पत्रकारिता झुंतू की जमींदारी? मुकेश पंवार
टिहरी बांध की झील पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण का केन्द्र बन गई है। उम्मीद है कि इस विशाल कृत्रिम झील के कारण यह क्षेत्र भविष्य में विकास की नयी ऊंचाइयों को छुयेगा। लेकिन टिहरी बांध की एक और देन नई टिहरी के बारे में यह उम्मीद नहीं दिखाई देती है।
वीआईपी मेहमान ही नई टिहरी की उम्मीदों पर पलीता लगा रहे हैं।
आये दिन वीआईपी सैर-सपाटे के लिए झील क्षेत्र में आते हैं। प्रचार भी जरूरी है। पत्रकारों को बुलाया जाता है। पत्रकार नई टिहरी में रहते हैं। लगभग बीस किलोमीटर दूर पत्रकार उनके दर्शन करने जाएं। कोई महत्वपूर्ण बात हो तो पत्रकारों का दायित्व बनता है।
इस महंगाई के समय में केवल वीआईपी की प्रचार भूख शांत करने की जिम्मेदारी पत्रकारिता के दायित्व में कब से शामिल हुई है?
अच्छा तो यह है कि जनता की गाढ़ी कमाई से मौज-मस्ती करने वाले महानुभाव अपने बहुमूल्य समय में कुछ क्षण नई टिहरी को दर्शन देने के लिए भी निकालें। इस शहर में कुछ तो चहलकदमी बढ़ेगी। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर भी अनावश्यक बोझ नहीं पड़ेगा।
टिहरी के चौरास में सीएम धामी ने किया 37 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास।
टिहरी। टिहरी के कीर्तीनगर ब्लाक के चौरास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 37 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यंहा पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिये मुख्यमंत्री ने जाखणी -चौरास पेयजल पम्पिंग योजना और 33 के वी विधुत सब स्टेशन का भी लोकापर्णण मुख्यमंत्री धामी ने किया। इलाकें में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण भी किया, साथ ही क्षेत्र के इस इलाके की लोंगों की जरूरत को समझते हुये 5 एम्बूलैंस देने का वादा किया। विधायक देवप्रयाग के आग्रह पर घंटाकर्ण देव को सातवें धाम का दर्जा दिने जाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के इस दौरे में कीर्तिनगर इलाके के लोगों ने काफी संख्या में हिस्सा लिया। सीएम धामी ने कहा कि युवाओं के रोजगार के लिये तमाम भर्तियां निकाली जा रही हैं, साथ ही यह सरकार जो घोषणा कर रही है, उसके तुरन्त शासनादेश लागू किये जा रहे हैं। दरअसल पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री बनते ही पहले जिलों और अब विधान सभा क्षेत्रों में भी ताबड़तोड़ दौरों और रैलियों को करना शुरू कर दिया है। देखना होगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में इस युवा तुर्क सीएम का प्रभाव उत्तराखण्ड के आने वाले विधान सभा चुनावों पर कितना छाप छोड़ पाता है।