टिहरी। उत्तराखंड जनएकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्षव पूर्व मंत्री दिनेश धनै से संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। धनै ने मुख्यमंत्री को इन सभी मांगों को लेकर पत्र भेजाा और इनकी मांगों को जायज मानते हुऐ सरकार से मांग की जो लोग विगत कई वर्षों से दुर्गम क्षेत्रों में लड़खड़ाती स्वस्थ्य सेवाओं को मजबूती से संभालें हुए है और इस भीषण महामारी में दिन रात एक कर अपनी सेवाए निरंतर जारी रखे हुए हैं। इन सब बातों को देखेते हुए नर्सिंग भर्ती में होने वाली तत्काल प्रभाव से परीक्षा को निरस्थ कर वर्षवार जेष्ठता क्रम में समायोजित करने की सरकार से मांग की है। मांग पत्र देने वालों में श्रीमती अमिता देवी जिला अध्यक्ष ,प्रवीण रावत,अर्चना,रोशनी सुचेता,रंजीता,आशीष ,विकाश पुंडीर आदि मौजूद थे।
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सोहन खंडेवाल ने क्षेत्र में जाकर बांटी राशन, जनता ने जताया आभार। मास्क और सेनेटाइजर भी कराये उपलब्ध। गांव- गांव जाकर जाना जनता का हाल।
घनसाली। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सोहन खंडेवाल पिछले कोरोना काल से ही जन सेवा में जुटे हैं। खंडेवाल ने घनसाली विधानसभा की विभिन्न पट्टियों और गांवों में जाकर जरूरतमंद लोगों को राशन, मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध कराये। अपने भ्रमण के दौरान उन्होने क्षेत्र में लोगों के हालचाल जाने। उन्होने लस्यालगांव, कंडारस्यंू, किरवेल, गडारा, आरगढ़, घेरका और रगड़ी सहित अन्य गावों में जाकर सामग्री वितरित की। इस मौके पर उन्होने लोगों का साहस बंधाते हुये कहा कि कोरोना महामारी का यह दौर अब तक का सबसे बुरा दौर है, लेकिन जल्दी ही हम सब इससे उबर जायेंगे। ख्ंाडेवाल ने कहा कि सुरक्षा ही इस महामारी में बेहतर बचाव का उपाय है, लिहाजा सभी को अपनी और अपनों की सुरक्षा करनी चाहिये। उन्होने कहा कि घर हो या बाहर सभी को मास्क व सेनेटाइजर का प्रयोग करना चाहिये और बार बार हाथ धोने की आदत डालनी चाहिये। एक दूसरे से दो गज की दूरि भी जरूरी है।
खंडेवाल ने कहा कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार निरन्तर इस महामारी से निपटने में जुटी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देशानुसार अस्पतालों में सुविधायें बढ़ाई जा रही हैं। कोविड केयर सेन्टरों में आक्सीजन व अन्य आवश्यक सुविधाओं में इजाफा किया गया है। खुद मुख्यमंत्री रावत जिलों में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। खंडेवाल ने क्षेत्रीय जनता से कहा कि जब भी उनकी जरूरत हो तो किसी भी समय उनसे सम्पर्क किया जा सकता है। घनसाली क्षेत्र की जनता ने सोहन खंडेवाल का आभार जताया है।
सीएम तीरथ सिंह रावत ने किया जिला अस्पताल और कोविड केयर सेन्टर का निरीक्षण। 95 करोड़ की योजनाओं का भी किया लोकार्पण और शिलान्यास। स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के दिये निर्देश।
टिहरी। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आज टिहरी दौरे पर थे। उन्होने यंहा जिला अस्पताल बौराड़ी और भागीरथी पुरम स्थित कोविड केयर सेन्टर का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने खुद पीपीई किट पहन कर कोबिड मरीजों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री रावत ने यंहा जिले की 42 विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यह योजनायें करीब 95 करोड़ 73 लाख 78 हजार रूपये की हैं। सीएम ने यंहा जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने टिहरी पंहुचकर सबसे पहले जिला चिकित्सालय बौराड़ी का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय के आपातकालीन सेवा, आईसीयू, नवजात शिशु वार्ड, जनरल ओपीडी, अस्थि रोग वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने आईसीयू में भर्ती मरीजों का हाल-चाल जाना। वहीं भर्ती मरीजों से भोजन, दवाएं, स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर भी फीडबैक लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन 500 एलपीएम के ऑक्सिजन जनरेशन प्लांट को एक सप्ताह में पूरा करने के निर्देश है। ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य पूरा होने पर यहां से 80 बैड के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिला चिकित्सालय केवल रैफर सेंटर न बना रहे इस हेतु उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में आने वाले हर प्रकार के रोगी का उपचार बेहतर ढंग से किया जाए।
जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने भागीरथीपुरम पहुंचकर 450 बेड युक्त कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पीपीई किट पहन कर कोविड सेंटर में भर्ती मरीजों से बातचीत भी की। मुख्यमंत्री ने कोविड सेंटर से निकलने के बाद कहा कि वे स्वास्थ्य विभाग के उन सभी कर्मियों को सैल्यूट करते हैं जो रोजाना पीपीई किट पहनकर कोविड-19 मरीजों का उपचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड केयर सेंटर को लेकर पहले से ही निर्देश दिए गए हैं कि कोविड मरीजों का बेहतर उपचार के साथ ही बेहतर भोजन और अन्य सुविधाओं का भी विशेष ख्याल रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन युक्त अस्पतालों की व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में कई नए ऑक्सीजन प्लांट को भी मंजूरी मिली है सरकार का लक्ष्य है कि छोटे अस्पतालों को भी ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा विकसित की जाए।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने 95 करोड़ 73 लाख 78 हजार की लागत की कुल 42 योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। जिसमे से 59 करोड़ 18 करोड़ 32 लाख की 21 योजनाओं का लोकार्पण और 36 करोड़ 55 लाख 46 हजार की 21 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इन योजनाओं में पीडब्लुडी की 5, सिंचाई विभाग की 4, आरईएस की 5, पीएमजीएसवाई की 5, पर्यटन विभाग की 2 योजनाएं शामिल है। वहीं शिलान्यास में पीडब्लुडी की 4, आरईएस की 9, पीएमजीएसवाई की 1 व पेयजल निगम की 07 योजनाएं शामिल है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस देवप्रयाग में बने 70 बैड के कोविड केअर सेंटर का लोकार्पण किया और जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
रामदेव पर मुकदमा दर्ज करने की मांग, युवा कांग्रेस ने दी राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने के लिये तहरीर।
देहरादून। डाक्टरों पर भद्दा मजाक करना बाबा रामदेव पर भारी पड़ता जा रहा है। शहर कोतवाली देहरादून में बाबा रामदेव के खिलाफ आज युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश महासचिव संदीप चमोली के नेतृत्व में तहरीर देकर राष्ट्रद्रोह के तहत मुकदमा चलाये जाने की मांग की गयी है।
शहर कोतवाली प्रभारी को दी गयी तहरीर में कहा गया है कि देश आज कोरोना बीमारी की इस आपदा से जी जान से लड़ रहा है। हमारे फ्रंटलाइन वर्कर अपना सम्पूर्ण न्यौछावर कर जनता को इस बीमारी से निजात दिलाने में दिन रात एक किए हुए है। जिस प्रकार से हमारे चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बगैर हर एक जान को बचाने में लगे हुए है वह निश्चित ही काबिलेतारीफ है।
कहा गया है कि हरिद्वार पतंजलि योगपीठ के संस्थापक बाबा रामदेव के द्वारा एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ निरंतर गलत बयान बाजी की जा रही है, यघपि देश में एक तरफ एलोपैथी डॉक्टरों के द्वारा करोडों लोगों का इलाज कर उनकी जान बचाई जा रही है। भारत सरकार द्वारा भी डॉक्टरों को फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स का सम्मान दिया गया है। परंतु इस सबसे इतर बाबा रामदेव द्वारा कहे गए कथनों के कारण देश में एक भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है और देश का माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। एक अन्य वीडियो में वह कहते है कि मुझे कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता। यह सरासर कानून को खुली चुनौती है। ऐंसे बयानों से देश और उत्तराखंड के डॉक्टर काफी आहत है। बाबा रामदेव द्वारा कहे गए यह कथन इस महामारी के समय देश हित में बिल्कुल भी न्यायसंगत नहीं है एवं इस तरह की गलत बयानबाजी से हमारे चिकित्सकों के मनोबल पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। ’
अतः उत्तराखंड युवा कांग्रेस आपसे अनुरोध करती है कि तत्काल प्रभाव से बाबा रामदेव के विरूद्व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए और उनको तुरंत गिरफ्तार किया जाए, जिससे देश का माहौल और खराब होने से बचाया जा सके। तहरीर देने वालों में प्रदेश प्रवक्ता नवनीत कुकरेती , प्रदेश सचिव कमल कांत , राष्ट्रीय संयोजक एनएसयूआई विकास नेगी, प्रदेश सचिव एनएसयूआई अभय कत्यूरा आदि लोग मौजूद रहे।
परिवहन व्यवसायियों की समस्यायें मुख्यमंत्री को कराई अबगत, महापौर के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा, आर्थिक बदहाली से उभारने की मांग की।
देहरादून कोरोना की दूसरी लहर के चलते उत्तराखंड में आर्थिक तंगहाली झेल रहे परिवहन व्यवसायियों की समस्याओं को महापौर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।महापौर ने मुख्यमंत्री से कोरोना महामारी के कारण उत्तराखंड परिवहन कारोबार को हुई आर्थिक हानि से उबारने के संबंध में परिवहन महासंघ की और से एक ज्ञापन भी सौंपा।
गुरुवार को महापौर अनीता ममगाईं के नेतृत्व में परिवहन व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही महापौर अनीता ममगाईं ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि लगातार दूसरे वर्ष चार धाम यात्रा स्थगित होने की वजह से परिवहन व्यवसायियों के सामने रोजी रोटी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने सरकार से इस स्थिति से उबारने के लिए ऐसी ठोस नीति बनाए जाने की मांग की। जिससे वाहन स्वामी वापस मुख्यधारा से जुड़कर अपना जीवन निर्वहन कर सकें।महापौर ने मुख्यमंत्री को बताया कोरोना के कारण प्रदेश में पर्यटन और परिवहन व्यवसाय पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।इससे परिवहन व्यवासियों की स्थिति बद्तर होती जा रही है। इससे उनके लिए परिवार का भरण-पोषण करना आज के समय में मुश्किल हो गया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने मुख्यमंत्री को तीन सूत्री मांग पत्र सौंपते हुए वर्ष 2021-22 समस्त कमर्शियल वाहनों का टैक्स किए माफ किए जाने,परिवहन व्यवसायियों को 10 से लेकर 15 हजार तक का आर्थिक मुआवजा दिए जाने, कोरोनाकाल काल के निपटने के पश्चात चार धाम यात्रा संचालित कराने के लिए रोड मैप तैयार कराए जाने सहित वाहनों को पचास प्रतिशत की छमता के साथ चलाए संचालित कराए जाने के आदेश पर पुर्नविचार करने के साथ अपनी सभी मांगों को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। प्रतिनिधिमंडल की तमाम बातें से सुनने के पश्चात मुख्यमंत्री ने ठोस एवं उचित कारवाई का आश्वासन प्रतिनिधिमण्डल को दिया है। मुख्यमंत्री से मिलने वालों में परिवहन महासंघ के सुधीर राय, संयुक्त रोटेशन प्रभारी मदन कोठारी,संयुक्त रोटेशन उपाध्यक्ष नवीन रमोला आदि शामिल थे।
प्रख्यात पर्यावरणविद स्वर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा का अस्थि कलश पंहुचा टिहरी, मंगलवार को देवप्रयाग में गंगा में किया जायेगा विसर्जित।
टिहरी। प्रख्यात पर्यावरणविद और चिपको आन्दोलन के प्रणेता रहे सुन्दर लाल बहुगुणा के निधन के बाद उनका अस्थि कलश टिहरी लाया गया। नई टिहरी स्थित ठक्कर बप्पा छात्रावास में उनके अस्थि कलश को लोगों के लिये दर्शन के लिये रखा गया। यंहा पंहुचे कई सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों, राजनीति से जुड़े और आम लोगों ने स्वर्गीय बहुगुणा का श्रद्वांजलि दी। यंहा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये। इस मौके पर स्वर्गीय बहुगुणा की स्मृति में फलदार पेड़ों का रोपण भी किया गया। बहुगुणा की अस्थियों को सोमवार को उनके सिल्यारा स्थित पर्वतीय नव जीवन मंडल आश्रम में लोगों के दर्शनार्थ ले जाया जायेगा। मंगलवार को उनके अस्थि कलश को भगीरथी और भिलंगना नदी के संगम देवप्रयाग में विसर्जित किया जायेगा, जबकि एक अस्थि कलश उनके परिजनों द्वारा 13 दिन बाद गंगोत्री में विसर्जित किया जायेगा। नई टिहरी में लोगों ने बहुगुणा को याद करते हुये कहा कि स्वीर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा के पर्यारण प्रेम और पर्यावरण संरक्षण के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यो को हमेशा याद किया जायेगा। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि बहुगुणा जैसी शख्सियत पूरे उत्तराखंड में न तो वर्तमान में और न आने वाले समय में कोई नही है। उनके तप और सामर्थ्य का अवलोकन पूरा विश्व करता है। बहुगुणा जी को देश मे ही नही अपितु पूरे विश्व मे एक दर्शानर्थ के रूप में जाना जाता है। विदेशो में भी उनके कार्यो को लेकर चर्चाये होती रहती है।
अस्थियो के साथ चल रहे हिमालय बचाओ आंदोलन के समीर रतूडी ने कहा कि स्व बहुगुणा शारीरिक रूप से हमारे बीच मे नही है लेकिन जो नींव वे संघर्ष की, पर्यावरण प्रेम की, जन मानस के मुद्दों की समझ की हमारे बीच रख के गये है, वे हमेशा स्व बहुगुणा जी जीवित रखेंगे। उन्होंने बताया कि ठक्कर बापा छात्रावास स्व बहुगुणा जी के संघर्षों का एक प्रतिफल है व इसी छात्रावास से उन्होंने कई जनसंघर्ष के बिगुल बजाए है। ऐसे में उनके अस्थियो को दर्शानर्थ हेतु रखना बेहद महत्वपूर्ण था। उन्होंने बताया कि टिहरी बांध विरोध के आंदोलन के दौरान स्व बहुगुणा ने प्रण किया था कि वे अपने आश्रम तब जाएंगे जब बांध रुक जाएगा। बांध के न रुकने के कारण स्व बहुगुणा अपने आश्रम नही गये। उनकी अस्थियों को सिलयारा स्थित आश्रम में ले जाया जाएगा। सोमवार को पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम में उनकी अस्थियां दर्शानार्थ हेतु रखी जायेगी। इस मौके ब्लॉक प्रमुख प्रताप नगर प्रदीप रमोला, शांति भट्ट, देवेंद्र नौडियाल, मुशर्रफ, अमित पंत, आदि मौजूद थे। मंगलवार को देवप्रयाग संगम में उनकी अस्थियो को प्रवाहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने की वात्सल्य योजना की घोषणा, कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को मिलेगा लाभ।
देहरादून -मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा की है। यह योजना उन अनाथ बच्चों के लिए है, जिन्होंने कोविड -19 के संक्रमण से अपने माता – पिता को खोया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ऐसे अनाथ बच्चों की आयु 21 वर्ष होने तक उनके भरण पोषण, शिक्षा एवं रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 3000 रुपए भरण- पोषण भत्ता दिया जाएगा। इन अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए नियम बनाए जायेंगे कि, उनके वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा। यह जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोविड -19 संक्रमण के कारण हुई है उन बच्चों को राज्य सरकार की सरकारी नौकरियों में 05 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जायेगा।
बच्चों में कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत, जिलाधिकारी इवा ने की जनता से अपील।
टिहरी। एक तरफ जंहा कोरोना की दूसरी लहर से निजात नही मिल पा रही है, वंही बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण की खबरें भी डरा देने वाली हैं। इसी को देखेते हुये टिहरी जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। टिहरी की जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि सभी को अभी से जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होने जनता से अपील की है कि कोविड -19 जैसे लक्षणों के आने पर त्वरित रूप से सूचना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दी जाय, जिससे प्राथमिक उपचार शुरू हो सके। उन्होने कहा कि प्रशासन द्वारा जारी किये कोविड कन्ट्रोल के नम्बरों पर जितनी जल्दी हो सूचना पंहुचा दी जाय, जिससे आवश्यक कार्यवाही की जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि शुरूवात में ही यदि उपचार किया जायेगा तो बाद में होने वाली दिक्कतों से बचा जा सकेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को हर तरह की स्थिति से निपटने के निर्देश दिये गये हैं, साथ ही ग्राम स्तर पर निगरानी की जायेगी। उन्होने कहा कि बच्चों के परिजनों को जागरूक रहने की आवश्यकता है।
सुन्दरलाल बहुगुणा के निधन पर टिहरी में शोक, आन्दोलनों का जीवन रहा है बहुगुणा का,चिपको आन्दोलन से विश्व का ध्यान खींचा।
टिहरी। पर्यावरणविद व पदम विभूषण सुन्दरलाल बहुगुणा के निधन पर टिहरी में शोक की लहर है। चिपको जैसे आन्दोलन से विश्व में ख्याति प्राप्त करने वाले सुन्दर लाल बहुगुणा का जन्म टिहरी के मरोड़ा गांव में 7 जनवरी 1927 को हुआ था। बहुगुणा मात्र 13 साल की उम्र में आजादी के आन्दोलन में कूद गये थे। 1956 में बहुगुणा ने टिहरी के सिल्यारा में पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम की स्थापना की और बालिकाओं के लिये स्कूल खोला। ग्रामीणों के बीच जाकर छुआछूत, शराब बंदी व कुरीतियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया। 1960 में आचार्य विनोवा भावे के आह्वान पर इन्होंने पैदल गांवों की यात्रा शुरू की और ग्रामीणों को स्वाबलंबन का संदेश दिया। 1965 से इन्होंने अंग्रेजी शराब की दुकानों के खिलाफ महिलाओं व अपने सहयोगियों की मदद से आंदोलन छेड़ दिया। 1971 में अंग्रेजी शराब की दुकान के बाहर सत्याग्रह करते हुए वे उपवास पर बैठ गये। 1972 में तेजी से घटते वनों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे पर्वतीय क्षेत्र में उन्होंने 5 हजार किमी की पैदल यात्रा की। जिससे प्रेरित होकर पहले चमोली के रेणी व फिर टिहरी के अदवाणी खुरेत व बड़ियार गढ़ ग्रामीण पेड़ कटने से बचाने के लिए पेड़ों पर चिपक गये। पहले तक वृक्षों के संबंध में आम धारणा यह थी कि इनसे केवल लीसा, लकड़ी व अन्य उत्पाद ही मिलते हैं लेकिन चिपको आंदोलन के जरिये उन्होंने एक नया संदेश अपने नारे के माध्यम से दिया कि वृक्षों की सबसे अमूल्य देन प्राण वायु यानि आॅक्सीजन है। इसके लिए उनका नारा था- क्या हैं जंगल के उपकार, मिटटी पानी और बयार, मिटटी पानी और बयार, जिन्दा रहने के आधार। टिहरी बांध विरोधी आंदोलन के दौरान उन्होंने 6 बार 11 दिन से लेकर 74 दिन तक के उपवास किये जिसके बाद भारत सरकार को टिहरी बांध परियेाजना का सुरक्षा की दृष्टि से रिव्यू करना पड़ा।
समाज सेवी बचन सिंह रावत ने क्षेत्र में पंहुचाई मेडिसिन किट, जनता ने जताया आभार। मदद को हमेशा तत्पर रहते हैं रावत।
टिहरी। घनसाली तहसील के पटटी ग्यारहगांव के रहने वाले समाजसेवी व उद्योगपति बचन सिंह रावत इस बार भी जनसेवा में जुटे हैं। कोरोना महामारी की पहली वेब में भी सक्रिय रहे बचन सिंह रावत ने भिलंगना ब्लाक के दूरस्थ गांवों में राशन व अन्य खाद्य सामग्री पंहुचाई। पिछले साल के लाॅकडाउन में जब लोग अपने घरों में थे तब रावत ने दूरस्थ गांव पिन्स्वाड़ से लेकर गेंवाली तक रसद पंहुचवाई। इस बार की कोराना लहर में भी बचन सिंह रावत द्वारा क्षेत्र में मेडिसिन किट पंहुचाई गई है, जिसमें इवाईयां, आक्सीमीटर, टेम्परेचर मीटर, मास्क और सेनेटाइजर आदि शामिल हैं।
बचन सिंह रावत ने घनसाली तहसील की ग्यारहगांव पटटी , बूढ़ाकेदार, घनसाली, टिहरी पुलिस और चमोली जिले में किट उपलब्ध कराई है। नई टिहरी में उनकी सहयोगी और प्रसिद्व लोक गायिका बीना बौरा ने बताया कि रावत लगातार क्षेत्र में मदद को तत्पर रहते हैं। उन्होने कहा कि बचन सिंह रावत जरूरतमंद लोगों के लिये हमेशा मददगार साबित होते हैं। वह हर वर्ष वोर्ड परीक्षाओं में अब्बल छात्र-छात्राओं को लेपटाप भी भेंट करते हैं, जिससे ग्रामीण परिवेश में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन मिल सके। बीना बौरा ने कहा कि उनके द्वारा टिहरी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तृप्ति भटट को मेडिसन किट सौंपी गई हैं, जो जरूरतंद लोगों के काम आयेंगी। उन्होने टिहरी पुलिस की हेलो टिहरी और मिशन हौसला टीम का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि पुलिस इस महामारी के दौर में लगातार लोगों को राहत पंहुचा रही है। बचन सिंह रावत के लगातार सार्थक मदद पर क्षेत्रीय लोगों ने आभार जताया है।