उत्तराखंड: प्रदेश में निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले,पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे कर्मचारी

उत्तराखंड

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली के मुताबिक पुरानी पेंशन बुढ़ापे में कर्मचारियों के सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन का आधार है। इसकी बहाली के लिए प्रदेशभर में जगह-जगह महारैली आयोजित कर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाली के कैबिनेट प्रस्ताव के बाद उत्तराखंड के करीब 80 हजार कर्मचारी सरकार पर इसके लिए दबाव बनाने की तैयारी में हैं। प्रदेश में निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले कर्मचारी माहौल बनाने की तैयारी में हैं। जो इसी महीने से वोट फॉर ओपीएस अभियान की शुरूआत करने जा रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है उनका किसी पार्टी विशेष से कोई मतलब नहीं है, लेकिन जो पुरानी पेंशन बहाली की बात करेगा, कर्मचारी उसे ही वोट देंगे। पैन्यूली के मुताबिक हिमाचल और कर्नाटक के बाद उत्तराखंड में वोट फॉर ओपीएस अभियान चलेगा। अभियान के तहत 19 फरवरी को उत्तरकाशी में महारैली आयोजित की जाएगी।इसके बाद 26 फरवरी को हल्द्वानी में पेंशन मार्च निकाला जाएगा। कहा कि हर ब्लॉक और जिले से पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के सदस्य अभियान से जुड़ेंगे। जो 2024 से पहले वोट और ओपीएस अभियान के लिए लोगों को तैयार करेंगे।वहीं, पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलनरत कर्मचारियों के एक अन्य संगठन राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने भी आंदोलन की रणनीति तैयार की है। मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल के मुताबिक 19 फरवरी को हल्द्वानी में प्रदेश स्तरीय रैली आयोजित की जाएगी। इसके लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इसके बाद विधानसभा सत्र के दौरान पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारी आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। पोखरियाल के मुताबिक राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है। जबकि हिमाचल और पंजाब में इसकी प्रकिया चल रही है। सरकार कर्मचारी हित में उत्तराखंड में पुरानी पेंशन योजना बहाल करे।

Epostlive.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *