उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने महिला क्षैतिज आरक्षण के मानको में अनफिट महिला अभ्यर्थियों का परीक्षाफल किया रद्द

उत्तराखंड

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक परीक्षा, 2021 (Uttarakhand Combined State Civil Upper Subordinate Service Examination) के महिला क्षैतिज आरक्षण के मानकों में अनफिट अभ्यर्थियों का परीक्षाफल निरस्त कर दिया है। अब यह 3247 महिला अभ्यर्थी पीसीएस की मुख्य परीक्षा नहीं दे पाएंगी। आयोग की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया। इन अभ्यर्थियों का नाम हाईकोर्ट में महिला क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश रद्द होने के बाद संशोधित परिणाम में शामिल किया गया था। उत्तराखंड सरकार महिला क्षैतिज आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुग्रह याचिका वापस ले सकती है। आज इस मामले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।ऐसी महिला अभ्यर्थी जो राज्य की अधिवासी नहीं है। जिन्होंने उत्तराखण्ड महिला के क्षैतिज आरक्षण का दावा नहीं किया गया है। ऐसी महिला अभ्यर्थी जो उत्तराखण्ड महिला के श्रेणीवार कट ऑफ मार्क्स के अन्तर्गत स्थान धारित नहीं करती है, उनका प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम उत्तराखंड लोक आयोग द्वारा निरस्त कर दिया गया है। निरस्त अभ्यर्थियों की सूची को आयोग की वेबसाईट www.psc.uk.gov.in पर प्रसारित किया गया है।उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक परीक्षा- 2021 के अन्तर्गत रिट याचिका संख्या-355/ 2022 पवित्रा चौहान व अन्य तथा रिट याचिका संख्या 133 ऑफ 2022, सत्यदेव त्यागी बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुपालन क्षैतिज आरक्षण के अन्तर्गत समस्त महिला अभ्यर्थियों को सम्मिलित करते हुए प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम को 22 सितम्बर, 2022 एवं 19 अक्टूबर 2022 द्वारा संशोधित किया गया था।विदित हो कि, पीसीएस प्री परीक्षा का परिणाम आने के बाद उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को लेकर अन्य राज्य की महिला अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। इन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण संबंधी शासनादेश रद्द कर दिया था। इस आदेश के प्रभावी होने के साथ ही राज्य लोक सेवा आयोग ने भी राज्य की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण खत्म करते हुए पिछले साल 22 सितंबर और 19 अक्तूबर को पीसीएस मुख्य परीक्षा के दो संशोधित परिणाम जारी किए थे। जिसके आधार पर तीन हजार से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को मौका मिल गया था।आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत के अनुसार अब प्रदेश में 10 जनवरी को उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम-2022 लागू हो गया है। महिला आरक्षण अधिनियम के लागू होने के बाद विभिन्न पदों के सापेक्ष दूसरे राज्यों की 3247 महिला अभ्यर्थियों का रिजल्ट निरस्त कर दिया गया है। रिजल्ट निरस्त होने के बाद यह महिला अभ्यर्थी 23 से 26 फरवरी के बीच होने जा रही पीसीएस मुख्य परीक्षा में नहीं दे पाएंगी।आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश से पहले जिस तरह से उत्तराखंड की महिला उम्मीदवारों को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया था, उसे अब दोबारा लागू कर दिया गया है। बोर्ड बैठक में हुए निर्णय के तहत सभी पदों की भर्तियों में इस आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।

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