सुबह-सुबह करें ये योग,शरीर को फिट और दिमाग को रखेगा शांत

योग
सुबह का समय हमारी हेल्थ के लिए सबसे बढ़िया होता है। इस समय आपको ताजा हवा मिलती है जिससे मन शांत रहता है और स्वस्थ ऑक्सीजन से बॉडी भी हेल्दी रहती है। सुबह के समय दिमाग में सकारात्मक विचार आते हैं। सुबह के सूर्य की किरणें बेहतर स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक हैं। यह वह शक्तिशाली शक्ति है जो सभी जीवन के आसपास ही है। सुबह के समय 30 मिनट भी योग का अभ्यास शरीर को स्वस्थ और दिमाग को सक्रिय बनाने में मदद करता है।

सूक्ष्म व्यायाम
हमेशा किसी भी एक्सरसाइज या योग से पहले बॉडी को वार्म-अप कर लेना जरूरी है ताकि आप इसे आगे के मूवमेंट्स के लिए तैयार कर सकें। इसलिए शुरुआत करें सूक्ष्म योग से। अपने पैर की उंगलियों के साथ शुरू और अपनी गर्दन तक बढ़ें। धीरे-धीरे शरीर के प्रत्येक हिस्से को हल्के मूवमेंट्स के साथ हिलाएं और घूमाएं। यह मांसपेशियों को स्ट्रेच करेगा और जोड़ों को वार्म-अप करके शरीर को योग आसनों के अभ्यास के लिए तैयार करेगा।

समस्थिति
इस आसन के अभ्यास के लिए पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं। पीठ को सीधा रखें।
अपने हाथों को कमर के दोनों तरफ रखें।
हथेलियों को अंदर की ओर रखें और चेहरा सामने की ओर होना चाहिए।
इसी मुद्रा में कुछ देर रहें और गहरी सांस लेते रहें।
समस्थिति के फायदे
पैरों और कोर की मसल्स को मजबूत करता है।
बोन डेंसिटी बढ़ाता है।
पोस्चर में सुधार करता है।
माइंडफुलनेस, मेंटल फोकस और बॉडी अवेयरनेस को बढ़ाता है।
मन को स्फूर्ति प्रदान करता है।
आत्मविश्वास, धैर्य और दृढ़ संकल्प बनाता है।

वृक्षासन
सीधे खड़े होकर अपने पैरों को आप पास रखें। अब अपने सीधे पैर को जमीन से उठाकर बाएं पैर की जांघ पर रखें।
अब अपनी हथेलियों को प्रणाम की मुद्रा में रखें। इस दौरान कमर को सीधा रखें और संतुलन बनाए रखें।
इसी तरह दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
वृक्षासन के फायदे
ट्री पोज आपके पैरों में लिगामेंट्स और टेंडन्स को स्ट्रेच और मजबूत करने में मदद करता है।
संतुलन में सुधार करता है।
ट्री पोज़ के लिए सही वेट डिस्ट्रीब्यूशन और मुद्रा की जरूरत है, जो आपकी कमर, जांघों, कूल्हों और पेल्विस को स्थिरता दे सकता है।
यह आपके कोर को भी मजबूत करता है।

मार्जरी आसन
सीधे खड़े हो जाएं।
अब अपने घुटनों को मोड़कर जमीन पर टिकाएं और हाथों की हथेलियों को जमीन से मिलाएं।
अब सांस लेते हुए अपनी पीठ को ऊपर की ओर उठाएं और नीचे देखें।
सांस छोड़ते हुए अपनी पीठ को अंदर की ओर झुकाएँ और ऊपर देखें।
इस क्रिया को 5 बार दोहराएं।
मार्जरी आसन के फायदे
यह आसन धीरे-धीरे रीढ़ की मालिश कर गतिशीलता में वृद्धि करता है।
पीठ और गर्दन को स्ट्रेच करता है।
स्पाइनल फ्लूइड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
हाथों और कलाई की मसल्स को मजबूत करता है और उन्हें डाउनवर्ड डॉग के लिए तैयार करता है।

वज्रासन
जमीन पर चटाई बिछाकर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
अब घुटनों को अंदर की ओर मोड़े और अपने पैरों पर कूल्हों को रखें।
अब हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें।
गहरी सांस लेते रहें और छोड़े रहें।
वज्रासन के फायदे
यह मुद्रा जांघों, टखनों, घुटनों और पैरों को स्ट्रेच करती है।
यह पोस्चर में भी सुधार करती है और श्रोणि की मसल्स को टोन करती है।
इसके अतिरिक्त, यह पाचन में सहायता करती है, और अपच और गैस से छुटकारा दिला सकती है।

सुबह की सैर और योग में से क्या बेहतर है?
नियमित रूप से सुबह की सैर करना सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। इससे शरीर सक्रिय तो रहता ही है, मूड भी अच्छा रहता है। लेकिन इसके साथ साथ ही व्ययायाम या फिर योग करना भी जरूरी है। सेहत के लिए सुबह की सैर और योग का बैलेंस बनाना ही बेहतरीन है। जैसा 15 मिनट सैर और फिर 15 मिनट योग या फिर एक दिन सैर और अगले दिन योग।

क्या बॉडी को फिट रखने के लिए योग काफी है?
शरीर को फिट बनाए रखने के लिए योगासन बहुत फायदेमंद है। योगासन के नियमित अभ्यास से कोई भी व्यक्ति सेहतमंद रह सकता है लेकिन इसके साथ ही आपको अपनी डाइट का ध्यान भी रखना जरूरी है, तभी सेहत को योग का भी फायदा होगा।

क्या योग जिम से बेहतर है?
जिम में मांसपेशियों को बनाने और उन्हें बड़ा बनाने के लिए व्यायाम किया जाता है जबकि योग मसल्स को हल्का रखते हुए उन्हें मजबूत बनाता है। योग की बॉडी हमेशा दुबली और लचीली होगी लेकिन जिम वाली बॉडी मांसपेशियों वाली होगी और उतनी लचीली नहीं होगी।

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