
इतिहास
गोल मटोल चेहरे पर गोल फ्रेम वाला चश्मा पहने भोले भाले हैरी पॉटर से दुनिया का बच्चा बच्चा वाकिफ है। जे. के. रोलिंग ने अपनी किताबों में हैरी पॉटर के किरदार और एक जादुई दुनिया की रचना की, जिसमें जादू का विद्यालय, झाड़ू की सवारी और अजीब अजीब से जानवर बहुत सी कहानियों में गढ़े गए थे। इन किताबों पर बनी पहली फिल्म ‘हैरी पॉटर एंड द सारसर्स स्टोन’ का वर्ल्ड प्रीमियर 4 नवंबर 2001 को लंदन में हुआ। अब तक हैरी पॉटर श्रृंखला की ढेरों हॉलीवुड फिल्में बन चुकी हैं और सफलता की एक अलग ही कहानी लिख चुकी हैं। इक्कीसवीं सदी के इस सबसे मशहूर उपन्यास से 21वीं सदी की सबसे मशहूर फिल्में बनाई गई हैं। फिल्म का मुख्य किरदार हैरी पॉटर है। वह और उसके कुछ दोस्त जादू के विद्यालय में जादू सीखते हैं और कदम कदम पर हैरतअंगेज घटनाओं से दो चार होते हैं। फिल्म में अनोखे नाम वाले मिथकीय चरित्र हैं।
सेठ जमनालाल बजाज का निधन
जमनालाल बजाज 4 नवंबर 1889 को गरीब मारवाड़ी घर में पैदा हुए थे। आज के राजस्थान और तब की जयपुर रियासत के सीकर में। केवल चौथी कक्षा तक पढ़े थे। जमनालाल जब 5 साल के थे, तब वर्धा के सेठ बच्छराज ने उन्हें गोद ले लिया। सेठ बच्छराज के पास बहुत संपत्ति थी, लेकिन जमनालाल को पैसे से प्यार नहीं था।
एक बार की बात है, सेठ बच्छराज के परिवार को किसी शादी में जाना था। उन्होंने जमनालाल से कहा कि वो भी हीरे-पन्नों से जड़ा एक हार पहनकर आएं। जमनालाल ने मना कर दिया और इस बात पर दोनों में अनबन हो गई। अनबन के बाद जमनालाल घर छोड़कर चले गए। उस वक्त उनकी उम्र 17 साल थी।
बाद में उन्होंने एक स्टाम्प पेपर पर पिता को ये लिखकर भेजा कि उन्हें उनकी संपत्ति में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने लिखा, ‘मैं कुछ लेकर नहीं जा रहा हूं। तन पर जो कपड़े थे, बस वही पहने जा रहा हूं। आप निश्चिंत रहें। मैं जीवन में कभी आपका एक पैसा भी लेने के लिए अदालत नहीं जाऊंगा, इसलिए ये कानूनी दस्तावेज बनाकर भेज रहा हूं।’
बाद में किसी तरह जमनालाल को ढूंढ़ा गया और घर आने के लिए मनाया गया। जमनालाल घर आ गए, लेकिन वो संपत्ति का त्याग कर चुके थे। लिहाजा जब विरासत में उन्हें संपत्ति मिली, तो उन्होंने उसका दान करना शुरू कर दिया। जमनालाल जीवनभर खुद को ट्रस्टी की तरह ही मानते रहे।
ये वही जमनालाल हैं, जिन्हें सेठ जमनालाल बजाज के नाम से जाना जाता है। जमनालाल थे तो उद्योगपति, लेकिन कभी उद्योगपति की तरह नहीं रहे। उन्हें आज भी उद्योगपति ही माना जाता है, लेकिन वो एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे थे। सेठ जमनालाल बजाज का निधन आज ही के दिन 1942 में हुआ था।
1920 के दशक में शुरू किया बजाज ग्रुप
जमनालाल बजाज ने 1920 के दशक में शुगर मिल के जरिए बजाज ग्रुप की शुरुआत की। हालांकि, इसकी पूरी कमान उनके बड़े बेटे कमलनयन बजाज ने संभाली। जमनालाल आजादी की लड़ाई में लगे रहे। आज के समय में बजाज ग्रुप में 25 से ज्यादा कंपनियां हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 280 अरब रुपए से ज्यादा है।
4 नवंबर की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है।
1936 : प्रख्यात गणितज्ञ शकुंतला देवी का जन्म।
1956 : हंगरी में बगावत को कुचलने के लिए सोवियत सेनाएं वहां पहुंची।
1979 : ईरान में बंधक संकट की शुरूआत। तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास पर ईरान के उग्रवादियों ने हमला कर वहां मौजूद लोगों को बंधक बनाया। बहुत से लोगों को एक वर्ष से अधिक समय तक बंधक रखा गया।
1980: हॉलीवुड के पूर्व अभिनेता और कैलिफोर्निया के गवर्नर रोनाल्ड रीगन ने जिमी कार्टर को बड़े अंतर से हराकर अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव जीता।
1995 : शिमोन पेरेज और यासर अराफात के साथ 1994 में नोबेल शांति पुरस्कार साझा करने वाले इस्राइल के प्रधानमंत्री यित्जक राबिन की एक शांति रैली के दौरान यहूदी उग्रवादियों ने हत्या कर दी।
2001 : जे के रोलिंग्स की मशहूर हैरी पॉटर श्रृंखला पर बनी पहली फिल्म हैरी पॉटर एंड द सारसर्स स्टोन का लंदन में प्रीमियर।
2008 : डेमोक्रेटिक पार्टी के बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बने। वह इस पद पर पहुंचे अफ्रीकी मूल के पहले अमेरिकी नागरिक थे।
2018 : यमुना नदी पर बने विशाल सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन। लोहे की मजबूत तारों से बने 154 मीटर ऊंचे इस सुंदर ढांचे को दिल्ली का नया हस्ताक्षर कहा गया।